अपडेटेड 6 July 2025 at 21:24 IST
BRICS सम्मेलन में मोदी फायर! PM ने UN पर कसा तंज, बोले- '20वीं सदी के टाइपराइटर 21वीं सदी के सॉफ्टवेयर को नहीं चला सकते'
ब्रिक्स के 17वें शिखर सम्मेलन में शामिल हुए पीएम मोदी ने UN पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि 20वीं सदी के टाइपराइटर 21वीं सदी के सॉफ्टवेयर को नहीं चला सकते।
- प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी
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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों विदेश दौरे पर हैं। घाना से शुरू हुई उनकी विदेश यात्रा ब्राजील तक पहुंच चुकी है। ब्राजील में पीएम मोदी 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। पीएम मोदी और अन्य ग्लोबल लीडर्स रियो डी जेनेरियो में 17वें BRICS शिखर सम्मेलन में फैमिली फोटो के लिए इकट्ठा हुए। वहीं ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र पर जमकर कटाक्ष किया।
BRICS शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा, "BRICS का विस्तार और नए मित्रों का जुड़ना इस बात का सबूत है कि BRICS एक ऐसा संगठन है जो समय के हिसाब से खुद को बदल सकता है। अब हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, विश्व व्यापार संगठन और बहुपक्षीय विकास बैंकों जैसी संस्थाओं में सुधार के लिए भी यही इच्छाशक्ति दिखानी होगी।"
पीएम मोदी ने UN पर कसा तंज
उन्होंने UN पर तंज कसते हुए कहा, "AI के युग में, जहां हर हफ्ते तकनीक अपडेट होती है, यह स्वीकार्य नहीं है कि कोई वैश्विक संस्थान 80 साल में एक बार भी अपडेट न हो। 20वीं सदी के टाइपराइटर 21वीं सदी के सॉफ्टवेयर को नहीं चला सकते।"
ग्लोबल साउथ के बिना ये बिना सिम कार्ड वाले मोबाइल की तरह...: PM मोदी
उन्होंने कहा कि 20वीं सदी में गठित वैश्विक संस्थाओं में मानवता के दो तिहाई हिस्से को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देने वाले देशों को निर्णय लेने वाली मेज पर जगह नहीं दी गई है। यह सिर्फ प्रतिनिधित्व का सवाल नहीं है, बल्कि विश्वसनीयता और प्रभावशीलता का भी सवाल है। ग्लोबल साउथ के बिना ये संस्थाएं सिम कार्ड वाले मोबाइल की तरह लगती हैं, लेकिन नेटवर्क नहीं।
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ब्रिक्स के लिए क्या बोले पीएम मोदी?
वहीं ब्रिक्स को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिक्स का विस्तार और नए मित्रों का जुड़ना इस बात का प्रमाण है कि ब्रिक्स एक ऐसा संगठन है जो समय के अनुसार खुद को बदल सकता है। अब हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, विश्व व्यापार संगठन और बहुपक्षीय विकास बैंकों जैसी संस्थाओं में सुधार के लिए भी यही इच्छाशक्ति दिखानी होगी।"
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Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 6 July 2025 at 21:18 IST