अपडेटेड 8 March 2025 at 23:06 IST
Gujarat: ‘लखपति दीदी’ कार्यक्रम में लाभार्थियों ने सफलता का श्रेय PM मोदी की नीतियों को दिया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शनिवार को गुजरात के नवसारी जिले में ‘लखपति दीदी’ योजना के लाभार्थियों से बातचीत की।
- प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शनिवार को गुजरात के नवसारी जिले में ‘लखपति दीदी’ योजना के लाभार्थियों से बातचीत की। वानसी बोरसी गांव में ‘लखपति दीदी सम्मेलन’ में शामिल हुए मोदी ने 25,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की 2.5 लाख से अधिक महिलाओं को 450 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता भी वितरित की।
इस योजना को केंद्र सरकार ने 2023 में शुरू किया था और इसमें एसएचजी की महिला सदस्यों को ‘लखपति दीदी’ के रूप में मान्यता दी गई है, जिनकी कृषि, पशुपालन और छोटे उद्योगों से वार्षिक आय कम से कम एक लाख रुपये है।
मोदी ने ‘लखपति दीदियों’ के एक समूह के साथ ‘प्रेरणा संवाद’ में भाग लिया, जिन्होंने अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और नवसारी के सांसद सी.आर. पाटिल भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री के हाथ में नोटपैड और पेंसिल थी और वे चर्चा के मुख्य बिंदुओं को लिखते नजर आए।
चर्चा का मुख्य बिंदु महिलाओं के अनुभवों और विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के कारण उनकी प्रगति पर केंद्रित था। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मोदी ने कहा कि तीन करोड़ ‘लखपति दीदी’ बनाने का लक्ष्य जल्द ही पार हो जाएगा और आने वाले समय में यह आंकड़ा पांच करोड़ तक पहुंच जाएगा।
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विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘विस्तार योजनाओं पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने लखपति दीदियों को सुझाव दिया कि वे अपने कारोबार को ऑनलाइन जरिये से करें ताकि बाजार तक उनकी पहुंच बढ़े। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में उनके जैसी महिलाएं विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त करेंगी।’’
विज्ञप्ति में कहा गया है कि चर्चा के दौरान महिलाओं ने योजना के प्रति विश्वास जताया और कहा कि वे कुछ वर्षों में ‘करोड़पति दीदी’ कार्यक्रम में भी शामिल हो सकती हैं।
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विज्ञप्ति में बताया गया है, ‘‘अधिकांश महिलाओं ने कहा कि वे प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों और उनके द्वारा प्रदान की गई प्रेरणा के कारण लखपति दीदी बनने में सफल हुई हैं। एक महिला ने कहा कि वह विमान तो नहीं उड़ा सकती थीं, लेकिन उसे ड्रोन पायलट बनने का अवसर मिला। उन्हें ‘भाभी’ कहने के बजाय, घर और गांव के लोग पायलट कहकर बुलाते हैं।’’
इसमें बातचीत का हवाला देते हुए कहा गया कि ‘मोटे अनाज’ को बढ़ावा देने की पहल की सराहना करते हुए एक महिला ने कहा कि उसके ‘खाखरा’ को लोकप्रियता मिली है, जिस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह व्यंजन (मोठ दाल(मैट बीन), गेहूं के आटे और तेल से बना) अब गुजरात तक सीमित नहीं है, बल्कि इसने राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की है। इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण इसका सुरक्षा घेरा था जिसमें केवल महिला पुलिसकर्मी शामिल थीं।
Published By : Ritesh Kumar
पब्लिश्ड 8 March 2025 at 23:06 IST