अपडेटेड 20 December 2025 at 18:24 IST
'कांग्रेस ने की थी असम को ईस्ट पाकिस्तान का हिस्सा बनाने की साजिश...', गुवाहाटी में प्रधानमंत्री मोदी का करारा हमला
गुवाहाटी में प्रधानमंत्री मोदी ने गोपीनाथ बोरदोलोई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन करने के बाद एक जनसभा में कांग्रेस पर जमकर निशाना। उन्होंने कांग्रेस पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि असम को पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा बनाने की योजना बनाई गई थी और कांग्रेस उस साजिश का हिस्सा बनने जा रही थी।
- प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी
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PM Modi in Assam : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (19 दिसंबर) असम की राजधानी गुवाहाटी में लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया। यह टर्मिनल देश का पहला प्रकृति-थीम वाला हवाई अड्डा टर्मिनल है, जो असम की समृद्ध जैव विविधता और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।
लगभग 4,000 करोड़ रुपये की लागत से बना यह टर्मिनल पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा टर्मिनल बन गया है। नए टर्मिनल की डिजाइन "बांस और ऑर्किड" थीम पर आधारित है, जिसमें ब्रह्मपुत्र नदी की लहरों, काजीरंगा नेशनल पार्क की प्रेरणा और माजुली द्वीप की कलाकृतियां शामिल हैं। टर्मिनल में 2,000 से अधिक स्थानीय पौधों की प्रजातियां लगाई गई हैं, साथ ही एक विशेष आकाश वन क्षेत्र बनाया गया है, जो यात्रियों को जंगल जैसा अनुभव प्रदान करता है। यह टर्मिनल सालाना 1.3 करोड़ से अधिक यात्रियों को संभालने की क्षमता रखता है।
'बिना पर्ची, बिना खर्ची के मिल रही नौकरियां
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टर्मिनल भवन का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। असम के युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि अब नौकरियां 'बिना पर्ची, बिना खर्ची' के मिल रही हैं। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि पहले की सरकारों में नौकरियां भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी से जुड़ी थीं, लेकिन अब पारदर्शिता और योग्यता के आधार पर अवसर उपलब्ध हैं। पीएम मोदी ने असम की माटी से अपने गहरे लगाव का जिक्र किया और राज्य के विकास में केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
'ईस्ट पाकिस्तान का हिस्सा बनाने की साजिश...'
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि 'कांग्रेस ने यहां की पहचान को मिटाने की साजिश की थी और यह षड्यंत्र सिर्फ कुछ वर्षों का नहीं है, कांग्रेस के पाप की ये जडें आज़ादी के पहले से जुड़ी हैं। वह समय जब मुस्लिम लीग और अंग्रेजी हुकूमत मिलकर भारत के विभाजन की जमीन तैयार कर रहे थे। उस समय असम को भी अविभाजित बंगाल का यानी पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा बनाने की योजना बनाई गई थी। कांग्रेस उस साजिश का हिस्सा बनने जा रही थी, तब गोपीनाथ बोरदोलोई जी अपनी पार्टी के खिलाफ खड़े हुए थे। उन्होंने असम की पहचान को खत्म करने के इस षड्यंत्र का विरोध किया और असम को देश से अलग होने से बचा लिया।'
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 20 December 2025 at 18:11 IST