अपडेटेड 30 November 2025 at 12:38 IST
'नवंबर महीना बहुत सी प्रेरणाएं लाया...', PM मोदी ने 'मन की बात' में गिनाईं उपलब्धियां, राम मंदिर ध्वजारोहण का भी किया जिक्र
'मन की बात' के 128वें एडिशन में पीएम मोदी ने कहा कि नवंबर का महीना बहुत सी प्रेरणाएं लेकर आया है। उन्होंने राम मंदिर शिखर पर ध्वजारोहण, कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी, इसरो की ड्रोन प्रतियोगिता समेत अन्य उपलब्धियों का जिक्र किया।
- प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी
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Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिये देश को संबोधित किया। इसमें उन्होंने देश की उपलब्धियों के बारे में बताया। साथ ही राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण का जिक्र किया।
'मन की बात' के 128वें एडिशन में पीएम मोदी ने कहा कि नवंबर का महीना बहुत सी प्रेरणाएं लेकर आया है। कुछ दिन पहले ही (26 नवंबर) संविधान दिवस पर सेंट्रल हॉल में विशेष कार्यक्रम हुआ। वंदे मातरम की 150वीं सालगिरह पर देश भर में बड़े इवेंट्स की एक सीरीज शुरू हुई।
राम मंदिर पर धर्म ध्वजा लहराया- PM मोदी
पीएम मोदी ने आगे राम मंदिर ध्वजारोहण को लेकर कहा कि 25 नवंबर को अयोध्या में राम मंदिर पर धर्म ध्वजा फहराई गई। उसी दिन कुरुक्षेत्र के ज्योतिसर में पांचजन्य मेमोरियल का उद्घाटन हुआ।
'एविएशन सेक्टर में भारत का बड़ा कदम'
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, 'भारत ने एविएशन सेक्टर में मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल में एक बड़ा कदम उठाया है। पिछले हफ्ते, INS माहे को मुंबई में इंडियन नेवी में शामिल किया गया। स्काईरूट के इनफिनिटी कैंपस से भारत के स्पेस इकोसिस्टम को एक नया बूस्ट मिला। यह सब भारत के नए आइडिया, इनोवेशन और युवा शक्ति का रिफ्लेक्शन बन गया है।'
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कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी मिलने पर जताई खुशी
उन्होंने आगे भारत को 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी मिलने पर खुशी जताई। उन्होंने इसे देश के लोगों और भारत के खेल जगत के लिए बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा, 'खेल की दुनिया में भी भारत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। कुछ दिन पहले यह घोषणा की गई कि भारत कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी करेगा। ये उपलब्धियां देश और देशवासियों की हैं।'
जेन-जी के प्रयासों को सराहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो की अनोखी ड्रोन प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले जेन-जी के प्रयासों को भी सराहा। उन्होंने कहा, ‘कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो ने मेरा ध्यान खींचा। यह वीडियो ISRO के यूनिक ड्रोन कॉम्पिटिशन का था। इस वीडियो में हमारे देश के युवा खासकर हमारी Gen-Z, मंगल ग्रह जैसे हालात में ड्रोन उड़ाने की कोशिश कर रहे थे।’
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उन्होंने बताया कि, 'ड्रोन उड़ान भरते, थोड़ी देर स्टेबल रहते, फिर अचानक जमीन पर क्रैश हो जाते। ऐसा इसलिए था क्योंकि इन ड्रोन में GPS सपोर्ट बिल्कुल नहीं था। मंगल ग्रह पर GPS पॉसिबल नहीं है, इसलिए ड्रोन को कोई बाहरी सिग्नल या गाइडेंस नहीं मिल सकता। ड्रोन को अपने कैमरे और इन-बिल्ट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके उड़ना था। इसी वजह से ड्रोन एक के बाद एक क्रैश होते रहे।'
PM मोदी ने बताया कि पुणे की एक टीम ने कॉम्पिटिशन जीता। उनका ड्रोन भी कई बार गिरा और क्रैश हुआ, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। बहुत कोशिशों के बाद उनका ड्रोन आखिरकार मंगल ग्रह जैसे हालात में कुछ देर के लिए उड़ान भरने में कामयाब रहा। इस वीडियो ने मुझे उस दिन की याद दिला दी जब चंद्रयान नेटवर्क कवरेज से बाहर हो गया था। उस दिन पूरा देश, खासकर साइंटिस्ट निराश थे। लेकिन इस झटके ने उन्हें रोका नहीं। उसी दिन 'आज ही के दिन' उन्होंने चंद्रयान-3 की सफलता की कहानी लिखनी शुरू की। हमारे युवाओं का दृढ़ संकल्प ही विकसित भारत की सबसे बड़ी ताकत है।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 30 November 2025 at 12:29 IST