अपडेटेड 29 June 2025 at 11:46 IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्रसारित अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में एक बार फिर योग के महत्व के बारे में बात की। मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत पीएम मोदी ने हाल ही में संपन्न हुए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की चर्चा से ही की। उन्होंने बताया कि कैसे हर साल यह आयोजन और भी भव्य होता जा रहा है और इसकी भव्यता ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसे अपनाने के लिए प्रेरित करेगी।
पीएम मोदी ने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, आप सब इस समय योग की ऊर्जा और ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ की स्मृतियों से भरे होंगे। इस बार भी 21 जून को देश-दुनिया के करोड़ों लोगों ने ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ में हिस्सा लिया। आपको याद है, 10 साल पहले इसका प्रारंभ हुआ था और अब 10 साल में ये सिलसिला हर साल पहले से भी ज्यादा भव्य बनता जा रहा है ।
पीएम मोदी ने योग के फायदे गिनाते हुए कहा कि ये इस बात का भी संकेत है कि ज्यादा से ज्यादा लोग अपने दैनिक जीवन में योग को अपना रहे हैं। हमने इस बार योग दिवस की कितनी ही आकर्षक तस्वीरें देखी हैं। विशाखापत्तनम के समुद्र तट पर तीन लाख लोगों ने एक साथ योग किया। विशाखापत्तनम से ही एक और अद्भुत दृश्य सामने आया, दो हजार से ज्यादा आदिवासी छात्रों ने 108 मिनट तक 108 सूर्य नमस्कार किए। सोचिए, कितना अनुशासन, कितना समर्पण रहा होगा।
PM मोदी ने आगे कहा, हमारे नौसेना के जहाजों पर भी योग की भव्य झलक दिखी। तेलंगाना में तीन हजार दिव्यांग साथियों ने एक साथ योग शिविर में भाग लिया। उन्होंने दिखाया कि योग किस तरह सशक्तिकरण का माध्यम भी है। दिल्ली के लोगों ने योग को स्वच्छ यमुना के संकल्प से जोड़ा और यमुना तट पर जाकर योग किया। जम्मू-कश्मीर में चिनाब ब्रिज, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है, वहां भी लोगों ने योग किया। हिमालय की बर्फीली चोटियां और ITBP के जवान, वहां भी योग दिखा, साहस और साधना साथ-साथ चले।
गुजरात के लोगों ने भी एक नया इतिहास रचा। वडनगर में 2121 (इक्कीस सौ इक्कीस) लोगों ने एक साथ भुजंगासन किया और नया रिकॉर्ड बना दिया। न्यूयॉर्क, लंदन, टोक्यो, पेरिस, दुनिया के हर बड़े शहर से योग की तस्वीरें आई और हर तस्वीर में एक बात खास रही, शांति, स्थिरता और संतुलन। इस बार की theme भी बहुत विशेष थी, ‘Yoga for One Earth, One Health, यानि, ‘एक पृथ्वी - एक स्वास्थ्य’। ये सिर्फ एक नारा नहीं है, ये एक दिशा है जो हमें ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ का अहसास कराती है। मुझे विश्वास है, इस बार के योग दिवस की भव्यता ज्यादा से ज्यादा लोगों को योग को अपनाने के लिए जरूर प्रेरित करेगी।
पब्लिश्ड 29 June 2025 at 11:39 IST