अपडेटेड 2 September 2025 at 23:51 IST

Bihar Election: एक गाली महागठबंधन पर पड़ेगी भारी? इतिहास गवाह है जब-जब PM मोदी को कहा अपशब्द, विपक्ष की डूबी लुटिया

PM Modi: इस साल के आखिरी में बिहार में विधानसभा का चुनाव होना है। इस बीच महागठबंधन के मंच से प्रधानमंत्री मोदी की मां को गाली दी गई। इसके विरोध में बिहार में एनडीए गठबंधन ने 4 सितंबर को बिहार बंद का ऐलान किया है। अब सवाल यह है कि क्या यह गाली बिहार में विपक्ष पर भारी पड़ने वाली है? क्या यह गाली आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन और विपक्ष की लुटिया डूबोने वाली है?

PM Modi with Mother
अपनी मां के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) | Image: ANI

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत मां को बिहार में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की रैली में मंच से गाली देने का मामला तूल पकड़ चुका है। प्रधानमंत्री मोदी ने आज बिहार की जनता से कहा कि RJD और कांग्रेस वालों से आपको जवाब मांगना चाहिए। हर गली-मोहल्ले से एक ही आवाज आनी चाहिए। मां को गाली... नहीं सहेंगे, नहीं सहेंगे..., इज्जत पर वार... नहीं सहेंगे, नहीं सहेंगे...,RJD का अत्याचार... नहीं सहेंगे, नहीं सहेंगे..., कांग्रेस का वार...नहीं सहेंगे, नहीं सहेंगे...। पीएम मोदी ने आगे कहा कि, "बिहार में कुछ दिनों पहले जो हुआ उसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी...बिहार में RJD-कांग्रेस के मंच से मेरी मां को गालियां दी गईं। ये गालियां सिर्फ मेरी मां का अपमान नहीं है। ये देश की मां-बहन-बेटी का अपमान है।"

यह पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी को लेकर अपशब्द कहे गए हैं। इससे पहले भी उन्हें कई-कई अपशब्द कहे गए हैं। लेकिन यहां इतिहास गवाह है कि जब-जब प्रधानमंत्री मोदी को अपशब्द कहा गया, तब-तब विपक्ष की लुटिया डूबी है। आइए शुरुआत ताजा मामला से करते हैं...


बिहार में एक गाली महागठबंधन पर पड़ेगी भारी?

इस साल के आखिरी में बिहार में विधानसभा का चुनाव होना है। इस बीच महागठबंधन के मंच से प्रधानमंत्री मोदी की मां को गाली दी गई। इसके विरोध में बिहार में एनडीए गठबंधन ने 4 सितंबर को बिहार बंद का ऐलान किया है। अब सवाल यह है कि क्या यह गाली बिहार में विपक्ष पर भारी पड़ने वाली है? क्या यह गाली आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन और विपक्ष की लुटिया डूबोने वाली है? 

आज पीएम मोदी ने कहा, “बिहार में कुछ दिनों पहले जो हुआ उसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी...बिहार में RJD-कांग्रेस के मंच से मेरी मां को गालियां दी गईं। ये गालियां सिर्फ मेरी मां का अपमान नहीं है। ये देश की मां-बहन-बेटी का अपमान है। मुझे पता है कि आप सबको भी ये देखकर और सुनकर कितना बुरा लगा है। मैं जानता हूं कि इसकी जितनी पीड़ा मेरे दिल में है, उतनी ही तकलीफ मेरे बिहार के लोगों को भी है इसलिए, आज जब इतनी बड़ी तादाद में बिहार की लाखों माताओं-बहनों के दर्शन मैं जब कर रहा हूं, तो आज मेरा मन और मैं अपना दुख आपसे साझा कर रहा हूं। ताकि आप माताओं-बहनों के आशीर्वाद से मैं इसे झेल पाऊं।”

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'मौत का सौदागर'

गुजरात में पिछले ढाई दशक से अधिक समय से भाजपा की सरकार है। वहीं, यहां कांग्रेस काफी लंबे समय से सत्ता से बाहर है। गुजरात में जब-जब चुनाव आता है, तो कांग्रेस की सोनिया गांधी के द्वारा तब के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी को कहा गया 'मौत का सौदागर' याद किया जाता है। जी हां, वर्ष 2002 में गुजरात में दंगे हुए थे, तब प्रदेश में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थे। कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तब नरेंद्र मोदी को 'मौत का सौदागर' कहा था। उन्होंने यह वर्ष 2007 की एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था। 

मोदी ने इस टिप्पणी को कांग्रेस के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। इस बयान के बाद भी वैसे भी अब तक कांग्रेस गुजरात में सत्ता में नहीं आ पाई है, लेकिन जब-जब प्रदेश में चुनाव आता है, इस टिप्पणी का जिक्र जरूर होता है, जो कांग्रेस के लिए घातक साबित होती रही है।

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चाय वाला और नीच

वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी गुजरात से दिल्ली पहुंचे और लोकसभा चुनाव में जुट गए। प्रधानमंत्री मोदी ने बचपन के समय रेलवे स्टेशन पर चाय बेची थी, इसको भी कांग्रेस ने मजाक बनाया। बीजेपी की ओर से 2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के चेहरा बनाए गए। तब कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर ने उन्हें 'चाय वाला' कहकर अपमान करने की कोशिश की थी।  लेकिन नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के इस वार को भी अपना हथियार बना लिया और वे हर चुनावी मंच से अपने आप को चाय वाला कहकर भी संबोधित करने लगे।

मणिशंकर अय्यर अभी यहीं नहीं रुके, कुछ साल बाद प्रधानमंत्री मोदी को उनकी जाति को लेकर 'नीच' भी कहा। इसका काफी विरोध हुआ। हालांकि, साल 2014 ही नहीं बल्कि उसके बाद के भी कई राज्यों के चुनावों में पीएम मोदी को फायदा हुआ और बीजेपी तथा उसके गठबंधन की सरकार बनीं। वहीं, साल 2014 में कांग्रेस गठबंधन (UPA) की 10 साल की सरकार चली गई और नरेंद्र मोदी देश के पहली बार प्रधानमंत्री बनें।


चौकीदार चोर है

अब बात करते हैं साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव की। इस चुनाव में पीएम मोदी पर अपमानजनक टिप्पणी करने का दायित्व विपक्ष की ओर से राहुल गांधी ने संभाला। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को 'चौकीदार चोर है', कहकर संबोधित किया। उन्होंने एक तरह से इसे इस चुनाव में विपक्ष का नारा बना दिया था। राहुल ने पीएम मोदी पर राफेल सौदे में गड़बड़ी को लेकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए चौकीदार चोर है, कहा था। हालांकि, यह आरोप भी विपक्ष के लिए उतना कारगर साबित नहीं हो गया था। 


तब राहुल के इस बयान को भी पीएम मोदी और बीजेपी नेताओं ने अपना हथियार बना लिया था और अपने नाम के आगे चौकीदार लगा लिया तथा अपना नारा दिया 'मैं भी चौकीदार'। इस प्रकार से सोशल मीडिया पर चौकीदार ट्रेंड करने लगा था। खैर, साल 2019 में लोकसभा का चुनाव हुआ, पीएम मोदी की बड़ी जीत हुई, वहीं, कांग्रेस और विपक्ष की बड़ी हार हुई। 

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Published By : Amit Dubey

पब्लिश्ड 2 September 2025 at 23:51 IST