अपडेटेड 13 August 2025 at 18:55 IST
अमेरिका के 'ट्रैरिफ बम' के जरिए प्रेशर पॉलिटिक्स पर पीएम मोदी का डिप्लोमैटिक स्ट्राइक
India-USA: डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ का ऐलान किया। विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप का असली मकसद भारत पर दबाव बनाकर एकतरफा ट्रेड डील करवाना है। जैसा वह जापान, साउथ कोरिया, वियतनाम, यूरोपियन यूनियन और इंडोनेशिया के साथ कर चुके हैं। अमेरिका चाहता है कि भारत अपने बाजार में अमेरिकी डेयरी प्रोडक्ट्स के लिए दरवाजे खोले।
- विचार एवं विश्लेषण समाचार
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India-USA: कूटनीति में हर शब्द का वजन होता है और जब मामला भारत-अमेरिका जैसे रिश्तों का हो, तो एक बयान पुल भी बना सकता है और दरार भी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले कुछ समय में ऐसे कई कदम उठाए, जिनसे भारत-अमेरिका रिश्तों की बुनियाद हिलने लगी। कभी वे सार्वजनिक मंच से दावा करते हैं कि भारत-पाकिस्तान सीजफायर उनकी मध्यस्थता का नतीजा है, तो कभी यूक्रेन युद्ध की आड़ में भारत पर रूस से तेल आयात रोकने का दबाव डालते हैं। इसके अलावा, उन्होंने भारत पर 50% टैरिफ लगाने का ऐलान करके आर्थिक मोर्चे पर भी तल्खी बढ़ा दी। बराक ओबामा और जो बाइडेन ने अपने कार्यकाल में जिस भरोसे को अपनी मेहनत से मजबूत किया गया था, ट्रंप ने उस भरोसे को कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
ऐसे माहौल में एक सवाल जो सभी के मन में था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्रंप को जवाब क्यों नहीं देते? भारत अमेरिका को मुंहतोड़ जवाब क्यों नहीं देता? प्रधानमंत्री मोदी राजनीति के साथ-साथ कूटनीति के भी पुराने खिलाड़ी हैं। उन्हें पता है कि हर जवाब का असर सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि उसके समय, अंदाज और मंच में छिपा होता है। यही वजह है कि उन्होंने जल्दबाजी में कोई प्रतिक्रिया देने के बजाय, सही मौके पर, सही मंच से, कई ऐसे बयान दिए, जो सीधे ट्रंप का नाम लिए बिना व्हाइट हाउस तक गूंज गए।
आर्थिक ताकत का एलान
31 जुलाई को डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाते हुए भारत और रूस को डेड इकोनॉमी बताया था। भारत का ट्रंप को तवज्जों ना देना उन्हें रास नहीं आया। ऐसे में तिलमिलाए ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत और रूस अपनी अर्थव्यवस्था को साथ ले डूबें, मुझे क्या। ट्रंप की बातें बताने के लिए काफी है कि भारत उन्हें बहुत गंभीरता से नहीं ले रहा। इसलिए ट्रंप बार-बार अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। ट्रंप के इन बातों का पीएम मोदी तगड़ा जवाब दिया है। बेंगलुरु में एक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में है। हम 10वें नंबर से टॉप 5 में आ चुके हैं और जल्द ही टॉप 3 में होंगे। यह ताकत रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म से मिली है। यह बयान सिर्फ ट्रंप के दावे को खारिज करना नहीं था, बल्कि भारत की विकास यात्रा का ब्लूप्रिंट और आत्मविश्वास का ऐलान था। संदेश साफ है कि भारत किसी भी नकारात्मक नेरेटिव से हिलने वाला नहीं है।
किसानों के हित में ट्रंप को 'ना'
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ का ऐलान किया। विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप का असली मकसद भारत पर दबाव बनाकर एकतरफा ट्रेड डील करवाना है। जैसा वह जापान, साउथ कोरिया, वियतनाम, यूरोपियन यूनियन और इंडोनेशिया के साथ कर चुके हैं। अमेरिका चाहता है कि भारत अपने बाजार में अमेरिकी डेयरी प्रोडक्ट्स के लिए दरवाजे खोले। लेकिन समस्या यह थी कि अमेरिकी डेयरी गायों के चारे में ब्लड मील यानी मांसाहारी तत्व होते हैं, जो भारतीय संस्कृति और उपभोक्ताओं की भावनाओं के खिलाफ है। ऐसे में 7 अगस्त को दिल्ली में आयोजित एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पीएम मोदी ने ट्रंप को साफ संदेश दिया कि किसानों के हित और संस्कृति से समझौता नहीं होगा। यह सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि सधी हुई कूटनीतिक 'ना' थी, जिसने ट्रंप की शर्तों को तुरंत ठंडे बस्ते में डाल दिया।
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संसद से ट्रंप को सीधा संदेश
डोनाल्ड ट्रंप बार-बार दावा कर रहे थे कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर उनकी मध्यस्थता का नतीजा था। लेकिन 30 जुलाई को संसद में, ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान पीएम मोदी ने सिर्फ एक लाइन में इस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया। पीएम ने साफ कहा कि दुनिया के किसी भी नेता ने सीजफायर के लिए नहीं कहा। भारत जो करता है, अपनी शर्तों पर करता है, किसी के दबाव में नहीं। यह सिर्फ एक राजनीतिक बयान नहीं था, बल्कि भारत की विदेश नीति की ताकत और आत्मसम्मान का ऐलान था।
एयर मार्शल का खुलासा
डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी दावा किया था भारत-पाकिस्तान टकराव में 5 जेट्स गिराए गए थे, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि किसके जेट्स थे। 9 अगस्त को बेंगलुरु में एयर चीफ मार्शल एल.एम. कात्रे लेक्चर के दौरान, एयर मार्शल ए.पी. सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर का सच सामने रखा। उन्होंने बताया कि भारत के S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के पांच फाइटर जेट्स को मार गिराया, साथ ही एक बड़ा AEW&C या ELINT विमान भी 300 किलोमीटर भीतर जाकर ध्वस्त किया गया। यह न सिर्फ भारत की एयर डिफेंस क्षमता का प्रमाण था, बल्कि ट्रंप के अधूरे बयान का तथ्यात्मक जवाब भी था।
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भारत की डिप्लोमैटिक स्ट्राइक
भारत की तरफ से ट्रंप को मिले इन चारों जवाब से एक बात साफ हो जाती हैं कि कूटनीति में शोर नहीं, असर मायने रखता है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप को बिना नाम लिए जवाब दिया, लेकिन ऐसी ताकत के साथ कि संदेश सीधा अमेरिका के व्हाइट हाउस तक गया। भारत ने अपनी आर्थिक शक्ति, किसानों के हित, विदेश नीति की स्वतंत्रता और सैन्य क्षमता। चारों मोर्चों पर अपनी स्थिति साफ कर दी। यही है असली डिप्लोमैटिक स्ट्राइक, जहां शब्दों का चुनाव, समय और अंदाज ही सबसे बड़ा हथियार होता है।
Disclaimer: इस आर्टिकल में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.
Published By : Amit Dubey
पब्लिश्ड 13 August 2025 at 18:50 IST