अपडेटेड 9 January 2024 at 15:26 IST

हिंदुओं ने रखी नींव, फिर मुस्लिमों का 'कब्जा'! PM मोदी के दौरे के बाद चर्चा में लक्षद्वीप का इतिहास

Lakshadweep History News: PM Modi के दौरे के बाद लक्षद्वीप पर खूब चर्चा हो रही है। ऐसे में इस आइलैंड का इतिहास जानना भी जरूरी हो जाता है।

Hindus laid foundation Lakshadweep
PM मोदी के दौरे के बाद चर्चा में लक्षद्वीप का इतिहास | Image: X/@narendramodi

Lakshadweep History News: PM मोदी के हालिया दौरे ने लक्षद्वीप को नेशनल टॉपिक बना दिया है। ऐसे में लक्षद्वीप के इतिहास को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। आपको बता दें कि इस आइलैंड पर रहने वाले ज्यादातर लोग मुस्लिम हैं। हालांकि, कहा जाता है कि इस आइलैंड की नींव मालाबार हिंदुओं ने रखी थी और बाद में मुस्लिमों ने कथित रूप से इसपर अपना बाहुल्य स्थापित कर लिया। ऐसे में आइए इस आइलैंड के इतिहास को विस्तार से समझते हैं।

स्टोरी की खास बातें

  • क्या है लक्षद्वीप का इतिहास?
  • हिंदुओं ने रखी थी लक्षद्वीप की नींव
  • पीएम मोदी के दौरे के बाद नेशनल टॉपिक बना आइलैंड

क्या है लक्षद्वीप का इतिहास?

इस्लामिक स्टडीज के स्कॉलर एंड्रयू डब्ल्यू फोर्ब्स ने अपने आर्टिकल लक्षद्वीप द्वीपों के इतिहास के स्रोत (2007) में लिखा है कि सबसे पहले मालाबारी नाविकों ने इस आइलैंड पर कदम रखा था। कई ऐसे सबूत हैं जो ये साबित करते हैं कि 7वीं सदी में अप्रवासन (Immigration) का एक दौर आया, जब बड़ी संख्या में मालाबारी हिंदू इस आइलैंड पर पहुंचे। इस आइलैंड पर कई प्रतिमाएं मिलीं और पारंपरिक द्वीप गीतों में भगवान राम का जिक्र मिला, जिसने इस दावे को और भी पुख्ता कर दिया।

कैसे मुस्लिमों ने फैलाया अपना बाहुल्य?

फोर्ब्स ने बताया कि लंबे समय तक अरबी व्यापारियों और नाविकों के साथ संपर्क और अरब देशों और मालाबार द्वीप के बीच रेगुलर यात्राओं ने इस आइलैंड पर मुस्लिमों की एंट्री में बड़ा योगदान दिया। कहा जाता है कि इस द्वीप पर अरब देशों की वजह से ही इस्लामिक वर्चस्व फैला।

पीएम मोदी के दौरे के बाद नेशनल टॉपिक बना आइलैंड

पीएम मोदी ने लक्षद्वीप दौरे के बाद कुछ फोटोज शेयर करते हुए एक्स पर लिखा था- 'हाल ही में मुझे लक्षद्वीप के लोगों के बीच रहने का अवसर मिला। मैं अभी भी इसके द्वीपों की अद्भुत सुंदरता और यहां के लोगों की अविश्वसनीय गर्मजोशी से आश्चर्यचकित हूं। मुझे अगत्ती, बंगाराम और कावारत्ती में लोगों से बातचीत करने का अवसर मिला। मैं द्वीप के लोगों को उनके आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं। यहां कुछ झलकियां दी गई हैं, जिनमें लक्षद्वीप की हवाई झलकियां भी शामिल हैं।'

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 8 January 2024 at 20:01 IST