अपडेटेड 5 December 2025 at 20:06 IST
टॉयलेट में 2 फ्लश बटन क्यों होते हैं? 90 फीसदी लोग नहीं जानते होंगे, ये है असली वजह
टॉयलेट के फ्लश में दो बटन क्यों होते हैं? छोटे बटन से लिक्विड, बड़े बटन से सॉलिड फ्लश। जानें कैसे पानी बचाने की कोशिश के लिए बनाएं दो ऑप्शन लेकिन लोग दोनों बटन दबा कर जरूरत से ज्यादा पानी बर्बाद कर देते हैं।
- लाइफस्टाइल न्यूज़
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भारत में भी सार्वजनिक और निजी स्थानों में वेस्टर्न टॉयलेट का चलन बढ़ गया है। कई लोगों ने देखा होगा कि फ्लश पर 2 बटन होते हैं। अक्सर यह सवाल उठता है कि एक ही बटन काफी नहीं था क्या? तो इसक जवाब ‘ड्यूल फ्लश सिस्टम’ में छिपा है, जो पानी बचाने को ध्यान में रखकर ये ऑप्शन दिया गया है।
ड्यूल फ्लश सिस्टम क्या है?
ड्यूल फ्लश सिस्टम में 2 अलग‑अलग बटन होते हैं, छोटा और बड़ा, छोटा बटन लिक्विड फ्लश के लिए होता है, जबकि बड़ा बटन सॉलिड फ्लश के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि छोटा बटन पेशाब फ्लश करने के लिए होता है और जबकि दूसरा बड़ा बटन पॉटी फ्लश करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
भारत में ज्यादातर सार्वजनिक शौचालयों में यह सिस्टम लागू है, इससे जल संसाधनों की बचत होती है। छोटा बटन लगभग 3 लीटर पानी छोड़ता है, जो पेशाब के बाद काफी होता है। वहीं, बड़ा बटन लगभग 6 लीटर पानी छोड़ता है, जो मल त्याग के बाद जरूरी सफाई करता है।
दोनों बटन एक साथ दबाने पर क्या होता है?
कई लोग अनजाने में दोनों बटन एक साथ दबा देते हैं। इस स्थिति में फ्लश 2 बार सक्रिय हो जाता है, जिससे जरूरत से ज्यादा पानी बाहर निकलता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह व्यवहार जल संरक्षण के लक्ष्य को उलटा हो रहा है।
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पानी बचाने के लिए सही इस्तेमाल कैसे करें?
- पेशाब करने के बाद छोटा बटन दबाएं।
- मल त्याग के बाद बड़ा बटन प्रयोग करें।
- दोनों बटन एक साथ न दबाएं, यह पानी बर्बाद करता है।
छोटे और बड़े बटन कैसे अलग‑अलग स्थितियों में उपयोग किए जाते हैं, इसकी जानकारी लोगों को पता होना जरूरी है। क्योंकि ड्यूल फ्लश सिस्टम न सिर्फ जल बचत में मदद करता है, बल्कि लोगों को अपनी जरूरत के अनुसार फ्लश चुनने की सुविधा भी देता है। सही तरीके से इस्तेमाल करने पर यह छोटा बदलाव जिम्मेदारी का एक बड़ा कदम बन सकता है।
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Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 5 December 2025 at 20:06 IST