अपडेटेड 28 May 2024 at 12:39 IST
Mental Health: स्ट्रेस, एंग्जायटी के बीच आ रहा है सुसाइड करने का ख्याल? ऐसे करें इन थॉट्स को कंट्रोल
Suicide Prevention Tips: मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम से जूझ रहे लोगों में आत्महत्या करने का ख्याल आना आम बात है। हालांकि आप इन टिप्स को फॉलो कर इसे रोक सकते हैं।
- लाइफस्टाइल न्यूज़
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Suicide Prevention Tips: इन दिनों दुनियाभर में मेंटल हेल्थ की समस्या एक गंभीर चर्चा का विषय बनी हुई है। आजकल लोग मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम से जूझने के कारण जिंदगी जीने से बेहतर मौत को गले लगाना आसान मानते हैं। मानसिक रूप से अस्वस्थ्य लोग जब स्ट्रेस और एंग्जायटी के कारण खुद के इमोशन पर काबू पाने में असक्षम होते हैं तब उनके भीतर सुसाइडल थॉट्स पनपने लगते हैं।
दरअसल, जिन लोगों की मेंटल हेल्थ कमजोर होती है वह सुसाइड को अपनी सारी समस्याओं का समाधान समझ बैठते हैं। वहीं, मानसिक बीमारी एक तरह का मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर है, जिसमें अलग-अलग तरह की मानसिक स्वास्थ्य स्थितियां शामिल होती हैं।
मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर में व्यक्ति की सोच, उसके काम करने के तरीके और उसके बिहेवियर में काफी बदलाव आ जाता है। इस दौरान व्यक्ति की सोच पूरी तरह से नेगेटिव होने लगती है। इस दौरान उसे कुछ भी अच्छा नहीं लगता और वह हर नेगेटिव परिस्थिति के लिए खुद को जिम्मेदार मानने लगता है।
वहीं, जो लोग मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम से जूझ रहे होते हैं वह डिप्रेशन, सिजोफ्रेनिया, टेंशन और ईटिंग डिसऑर्डर के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में इन लोगों को लगने लगता है कि ये दुनिया से अलग-थलग बिल्कुल अकेले हैं। कोई भी इनका दोस्त, करीबी, शुभचिंतक, परिवार आदि नहीं है। ऐसे लोग भले ही आपके सामने हंसते हों लेकिन ये अचानक से हंसते-हंसते किसी गहरी सोच में पड़ जाते हैं।
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आपको ये लोग दिखने में नॉर्मल लगेंगे लेकिन इनके भीतर ख्यालों का तूफान उथल-पुथल मचा रहा होता है। इतना ही नहीं इन लोगों को रह रहकर सुसाइड करने का ख्याल आता रहता है। ऐसे में इन लोगों को मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम के कारण आने वाले सुसाइडल थॉट्स से बाहर निकालने के लिए कुछ टिप्स जरूर फॉलो करने चाहिए। आइए जानते हैं कि सुसाइडल थॉट्स आने पर क्या करना चाहिए।
सुसाइडल थॉट्स आने पर करें ये काम (Tips to prevent suicidal thoughts)
मदद मांगे
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अगर आप अपने सुसाइडल थॉट्स को कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं तो फौरन किसी से मदद मांगे। हालांकि कुछ लोग मदद मांगने से कतराते हैं, ऐसे में आपको इस बात का ध्यान रखना है कि मदद मांगना कमजोरी की निशानी नहीं है। अगर आप किसी को अपनी इस स्थिति के बारे में बताएंगे तो हो सकता है कि आपको जिंदगी जीने की नई वजह मिल जाए। इसलिए ऐसे ख्याल आने पर फौरन अपने दोस्तों, करीबियों से मदद मांगे।
दोस्तों-परिवार के बारे में सोचें
अगर आपको अचानक से सुसाइड करने का विचार आता है तो सबसे पहले अपने आस-पास के लोगों के बारे में सोचें। ये ख्याल दिमाग में लाएं कि आपकी जिंदगी कई लोगों से जुड़ी हुई है। अगर आपको कुछ होता है तो इसका असर आपके परिवार, दोस्तों और करीबियों पर भी पड़ेगा। ऐसा सोचने से आपको अपनी जिंदगी की अहमियत समझ आएगी और आपको सुसाइडल थॉट्स से राहत भी मिलेगी।
जिंदगी है कीमती
अपनी जिंदगी की अहमियत को समझे। अगर आपको ये जीवन मिला है तो इसे जान गंवाकर यूं ही व्यर्थ न जाने दें। अपनी जिम्मेदारियों और सपनों को पूरा करने के बारे में सोचें। अब तक जो सपने पूरे नहीं हुए हैं उन्हें पूरा करने के लिए जिंदगी का होना जरूरी है, इसलिए मौत का ख्याल अपने दिमाग से निकाल दें।
दोस्तों-परिवार के साथ बिताएं समय
सुसाइडल थॉट्स आने पर या अकेला महसूस होने पर अपने परिवार, दोस्तों या करीबियों के साथ समय बिताएं। ऐसा करके आपको अच्छा महसूस होगा और सुसाइडल थॉट्स आपके दिमाग से धीरे-धीरे बाहर निकल जाएंगे।
परिवार को बताएं दिल की बात
अगर आप मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर से जूझ रहे हैं तो इस बात की जानकारी दोस्तों, करीबियों के साथ-साथ अपने परिवार को भी दें। उन्हें बताएं कि आप किस परिस्थिति से गुजर रहे हैं या आप कैसा महसूस कर रहे हैं। परिवार को ये भी बताएं कि आपको आत्महत्या करने के ख्याल आते हैं। ऐसे में आपके परिवार के लोग आपकी खुलकर मदद कर सकेंगे।
न उड़ाए मजाक
आजकल लोग कई तरह का तनाव लेकर मानसिक बीमारी का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में अगर कोई आपसे अपनी मानसिक स्थिति के बारे में बात करता है तो आपको उसका मजाक नहीं बनाना चाहिए। उस व्यक्ति को समझें और उसे उसके जीवन की अहमियत समझाएं। तभी आप एक जिंदगी को बचा सकेंगे।
म्यूजिक सुनें
कई बार जब आप अकेले हों और आपका परिवार आपसे दूर हो तो आप अपने इन नेगेटिव थॉट्स से निपटने के लिए म्यूजिक का सहारा ले सकते हैं। ऐसे गाने सुनें जो जिंदगी के बारे में हों। जो आपको पॉजिटिव एनर्जी से भर दें।
खुद को प्राकृति से जोड़ें
अगर आपको स्ट्रेस, एंग्जायटी हो रही है या सुसाइडल थॉट्स आ रहे हैं तो आपको प्राकृति के साथ जुड़ जाना चाहिए। इसके लिए आपको रोजाना सुबह उठकर उगते सूरज को देखना चाहिए। सुबह की हवा को महसूस करना चाहिए। खुद के साथ समय बिताना चाहिए। बारिश को एन्जॉय करना चाहिए। इन सब चीजों से जुड़कर भी आप खुद को बेहतर महसूस करा सकते हैं।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधियां, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं। REPUBLIC BHARAT आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 28 May 2024 at 11:23 IST