अपडेटेड 20 July 2024 at 11:39 IST

Periods के दौरान कम ब्लीडिंग हो सकती इस प्रॉब्लम का संकेत, इन टिप्स के साथ मिलेगी राहत

Hypomenorrhea: पीरियड्स के दौरान अगर आपको भी कम ब्लीडिंग होती है तो आपको फौरन सावधान हो जाना चाहिए।

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Periods Care Tips
पीरियड्स में कम ब्लीडिंग | Image: Freepik

Hypomenorrhea: मासिक धर्म (Menstruation) यानी पीरियड्स (Periods), जिसका सामना महिलाओं को हर महीने करना पड़ता है। पीरियड्स के दौरान महिलाओं को असहनीय दर्द (Pain), मूड स्विंग्स (Mood Swings), क्रैम्प (Cramps) जैसी कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है। जहां पीरिड्स में कुछ महिलाओं को हैवी ब्लीडिंग (Heavy Bleeding) होती है वहीं कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं जो कम ब्लीडिंग (Less Bleeding) होने की समस्या से परेशान रहती हैं।

दरअसल, पीरियड्स के दौरान महिलाओं को होने वाली कम ब्लीडिंग एक गंभीर बीमारी का संकेत हो सकती है। इस बीमारी का नाम हाइपोमेनोरिया (Hypomenorrhea) है। अगर आप चाहते हैं कि आप इस बीमारी का शिकार न हों तो आपको इसके कारणों और इससे बचने के उपचार के बारे में जान लेना चाहिए।

हाइपोमेनोरिया के कारण (Causes of Hypomenorrhea)

  • क्रोनिक स्ट्रेस हाइपोथैलेमिक-पिट्यूटरी-एड्रेनल (HPA) फंक्शन में दिक्कतें पैदा करता है, जिससे हार्मोन का लेवल और पीरियड साइकल पर असर पड़ता है और कम से कम ब्लीडिंग होती है।
  • पीरियड्स के दौरान कम ब्लीडिंग होने का एक कारण हार्मोन का अनबैलेंस होना भी हो सकता है। ऐसा एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के लेवल में उतार-चढ़ाव से एंडोमेट्रियल लाइनिंग का सही तरह से डेवलपमेंट नहीं हो पाने के कारण होता है।
  • अगर आपको थायराइड के मरीज हैं तो आपको पीरियड्स के दौरान कम ब्लीडिंग हो सकती है।
  • PCOS एक हार्मोनल डिसऑर्डर है जिसकी वजह से पीरियड्स में अनियमितता आती है और ब्लीडिंग काफी कम होने लगती है।

हाइपोमेनोरिया के लिए उपचार (Treatment for Hypomenorrhea)

न लें स्ट्रेस (Stress)

क्रोनिक स्ट्रेस हार्मोन संतुलन और पीरियड साइकल को बाधित असर डालता है। इसलिए स्ट्रेस लेने से बचें। तनाव की स्थिति में मेडिटेशन, ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ और माइंडफुलनेस जैसी एक्टिविटी करें।

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बैलेंस डाइट (Diet)

पीरियड्स समेत कई तरह की हेल्थ प्रॉबल्म को कम करने के लिए आपको बैलेंस डाइट लेना शुरू कर देना चाहिए। विटामिन, मिनरल्स से भरपूर डाइट हार्मोनल संतुलन बेहतर बनाने का काम करती है। जिससे हाइपोमेनोरिया की प्रॉब्लम दूर होने में मदद मिलती है।

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वजन कंट्रोल (Weight)

वजन का बढ़ना या घटना काफी हद तक हमारी पीरियड साइकिल को प्रभावित करता है। इसलिए वजन को कंट्रोल में रखें। इससे पीरियड नॉर्मल होंगे और आप गंभीर बीमारियों की चपेट में आने से बचे रहेंगे।

रेगुलर एक्सरसाइज (Excercise)

शरीर को दुरुस्त और पीरियड्स को नियमित रखने के लिए आपको रोजाना कुछ फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए। ये शरीर का ब्लड सर्कुलेशन अच्छा कर हार्मोंस को बैलेंस करने में मदद करती हैं।  जिससे हाइपोमेनोरिया की प्रॉब्लम में भी सुधार होता है। 

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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधियां, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं।  REPUBLIC BHARAT आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 20 July 2024 at 11:39 IST