अपडेटेड 2 June 2025 at 16:24 IST
Sattu for Children: गर्मियों के मौसम में शरीर को ठंडा रखने के लिए लोग अपने खानपान में काफी बदलाव करते हैं। सत्तू भी ऐसा ही एक फूड ऑप्शन है जिससे शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या कम होती है और तापमान भी नहीं बढ़ता। महिलाएं अक्सर अपने बच्चों के लिए गर्मियों में सत्तू बनाती हैं।
सत्तू में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होता है। ये बच्चों की ग्रोथ के लिए भी काफी लाभकारी माना जाता है। अब सत्तू भी कई तरह के होते हैं, तो ऐसे में चलिए जान लेते हैं कि जौ या चना में से बच्चों के लिए कौन सा ज्यादा फायदमेंद रहेगा।
जौ सत्तू (Barley Sattu)
बच्चों के लिए जौ का सत्तू पीना काफी पौष्टिक माना जाता है। इसमें प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। ये ना केवल कब्ज को रोकता है, बल्कि शरीर को ठंडा रखने के भी काम आता है। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होती, स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए फायदेमंद बताया जाता है और शरीर को एनर्जी प्रदान करता है।
काला चना सत्तू (Black Chana Sattu)
काला चना सत्तू भी बच्चों के लिए काफी लाभकारी माना जाता है। ये मांसपेशियों और ऊतकों के विकास के लिए काफी जरूरी है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, आयरन, जिंक और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए काफी अहम हैं। साथ ही साथ इससे शरीर में खून की कमी भी नहीं होती। ये दिमाग की ग्रोथ के लिए भी फायदेमंद माना जाता है।
बच्चों की ग्रोथ के लिए दोनों ही सत्तू काफी फायदेमंद माने जाते हैं। काला चना सत्तू में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है तो ऐसे में आप ओवरऑल ग्रोथ के लिए इसे पिला सकते हैं। वहीं, गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने के लिए जौ का सत्तू ज्यादा बेहतरीन ऑप्शन माना जाता है। जौ हो या चना, दोनों ही सत्तू बच्चों के लिए विकास के लिए काफी काम की चीज हैं। आप 6 महीने की उम्र के बाद से बच्चों को सत्तू देना शुरू कर सकते हैं। बस इस बात का ध्यान रखें कि ये ज्यादा मोटा या गाढ़ा ना हो।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधियां, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं। REPUBLIC BHARAT आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
पब्लिश्ड 2 June 2025 at 16:24 IST