अपडेटेड 18 August 2025 at 20:39 IST

Wang Yi India Visit : सीमा शांति से लेकर SCO तक, भारत-चीन की नई राह! अमेरिकी टैरिफ के साये में चीन विदेश मंत्री की दिल्ली यात्रा

चीनी विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) की दिल्ली यात्रा भारत और चीन संबंधों में नई गर्मजोशी की शुरुआत मानी जा रही है। यह दौरा न केवल द्विपक्षीय संबंधों के लिए, बल्कि वैश्विक राजनीति, विशेष रूप से अमेरिकी टैरिफ नीतियों और क्षेत्रीय स्थिरता के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है।

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Why is Chinese Foreign Minister Wang Yi visit to India important before PM Modi China visit
चीनी विदेश मंत्री वांग यी का भारत दौरा | Image: ANI

Wang Yi India visit : चीनी विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) 18-19 अगस्त तक अपनी भारत यात्रा पर दिल्ली पहुंच हुए हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय में पूर्वी एशिया डिवीजन के संयुक्त सचिव गौरांगलाल दास ने उनका दिल्ली में स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की है। यह यात्रा भारत-चीन संबंधों, क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक राजनीति के लिहाज से अहम मानी जा रही है।

चीनी विदेश मंत्री वांग यी की ये भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है और चीन भारत का समर्थन कर रहा है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चीन यात्रा पर जाने वाले हैं। 31 अगस्त से 1 सितंबर को तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से पहले चीनी विदेश मंत्री भारत आए हैं।

भारत-चीन सीमा विवाद

वांग यी की यात्रा का एक प्रमुख उद्देश्य भारत-चीन सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों (SR) की 24वें दौर की वार्ता है, जिसमें वे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से मुलाकात करेंगे। यह बातचीत वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थायी शांति बनाए रखने के लिए होगी। गलवान घाटी में 2020 में हुई झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है।

PM मोदी की चीन यात्रा

कई सालों से भारत और चीन के बीच रिश्ते उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। ऐसे में पीएम मोदी करीब 7 साल बाद चीन यात्रा पर जा रहे हैं। 31 अगस्त और 1 सितंबर को होने वाले शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी उत्तरी चीनी शहर तियानजिन जाएंगे। वांग यी की इस दिल्ली यात्रा को इस शिखर सम्मेलन के लिए द्विपक्षीय एजेंडे को अंतिम रूप देने और मोदी-शी जिनपिंग की मुलाकात के लिए माहौल तैयार करने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है।

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भारत पर अमेरिकी टैरिफ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन दोनों पर टैरिफ लगाया है। ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह दोनों देशों को एक साझा चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। चीन ने इस मामले में भारत का समर्थन किया है, जिसके कारण भारत और चीन के बीच सहयोग बढ़ने की संभावना है। चीनी विदेश मंत्री का यह दौरा अमेरिका को एक संदेश है कि भारत और चीन अपनी स्वतंत्र विदेश नीति के तहत आपसी संबंधों को बेहतर करने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा रूस भी भारत के साथ खड़ा है।

द्विपक्षीय व्यापार और कनेक्टिविटी

हाल ही में भारत ने चीनी पर्यटकों के लिए वीजा फिर से शुरू किया और चीन ने कैलाश-मानसरोवर यात्रा को मंजूरी दी, जो दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली के संकेत हैं। दोनों देश हिमालयी दर्रों लिपुलेख, शिपकी ला और नाथू ला पर सीमा व्यापार और सीधी उड़ानें बहाल करने पर चर्चा कर रहे हैं, जो 2020 से बंद हैं। सोमवार को विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के साथ अपनी बैठक में चीन के विदेश ने कहा कि "हमने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखा और शिजांग स्वायत्त क्षेत्र में माउंट गंग रेनपोछे और झील मपाम युन त्सो की भारतीय तीर्थयात्रा फिर से शुरू की।"

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रूस-यूक्रेन युद्ध और गाजा संकट जैसे वैश्विक मुद्दों के बीच, चीन को लगता है कि भारत जैसे बड़े पड़ोसी के साथ सहयोग से उसकी भू-राजनीतिक स्थिति मजबूत होगी। चीन के विदेश मंत्रालय ने भी सकारात्मक संकेत दिए हैं कि वह भारत के साथ सहयोग बढ़ाने और मतभेदों को दूर करने के लिए तैयार हैं।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 18 August 2025 at 19:41 IST