अपडेटेड 16 April 2025 at 20:54 IST
कौन हैं जस्टिस BR Gavai? जो संजीव खन्ना की जगह बनेंगे नए CJI, KG बालकृष्णन के बाद ये उपलब्धि हासिल करने वाले बनेंगे दूसरे जज
Who is Justice BR Gavai: भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने अपने उत्तराधिकारी के नाम का ऐलान कर दिया है। जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई देश के नए सीजेआई होंगे।
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Who is Justice BR Gavai: भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने अपने उत्तराधिकारी के नाम का ऐलान कर दिया है। जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई देश के नए सीजेआई होंगे। वर्तमान सीजेआई ने संजीव खन्ना ने सबसे सीनियर मोस्ट जज जस्टिस बीआर गवई के नाम की सिफारिश की है। वे देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश होंगे।
जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई 14 मई को देश के मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ लेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें शपथ दिलाएंगी। जस्टिस गवई का कार्यकाल 6 महीने का होगा और वे 25 नवंबर 2025 को रिटायर होंगे। मौजूदा मुख्य न्यायाधीस जस्टिस संजीव खन्ना 13 मई को रिटायर हो रहे हैं। उन्होंने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के बाद पदभार संभाला था।
देश के दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश बनेंगे बीआर गवई
जस्टिस बीआर गवई केजी बालकृष्णन के बाद मुख्य न्यायाधीश का पद संभालने वाले दूसरे दलित होंगे। 24 मई 2019 में जस्टिस गवई सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए। इससे पहले वे बॉम्बे हाईकोर्ट में एडिशनल जज के रूप में उन्होंने 14 नवंबर 2003 को अपने न्यायिक करियर की शुरूआत हुई थी और साल 2005 में वे स्थायी जज बने। जस्टिस गवई ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ में सहायक सरकारी वकल और अतिरिक्त लोक अभियोजक के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं।
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सुप्रीम कोर्ट में इन मामले में शामिल थे जस्टिस गवई
- नोटबंदी के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई करने वाली बेंच में भी जस्टिस गवई शामिल थे।
- आर्टिकल 370 हटाए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं की जिन पांच मेंबर वाली संवैधानिक बेंच ने सुनवाई की थी उसमें जस्टिस बीआर गवई भी शामिल थे।
- राजनीतिक फंडिंग के लिए लाए गए इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड स्कीम को खारिज करने वाली याचिका की सुनवाई करने वाली बेंच में भी जस्टिस गवाही शामिल थे।
- जस्टिस गवई उस संवैधानिक बेंच का हिस्सा थे जिसने निर्णय दिया कि मंत्रियों और सार्वजनिक अधिकारियों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अतिरिक्त प्रतिबंध नहीं लगाई जा सकते।
- राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई के मामले में जस्टिस गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने 30 साल से ज्यादा समय से जेल में बंद 6 दोषियों की रिहाई का आदेश यह मानते हुए दिया कि तमिलनाडु सरकार की सिफारिश पर राज्यपाल ने कोई कार्यवाही नहीं की थी।
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Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 16 April 2025 at 20:54 IST