अपडेटेड 18 November 2025 at 22:01 IST
Delhi Blast: इंदौर का मूल निवासी, धांधली के आरोप में जेल... कौन है अल फलाह यूनिवर्सिटी का मालिक जवाद अहमद सिद्दीकी? जहां रची गई साजिश
अल-फलाह यूनिवर्सिटी संस्थापक जवाद अहमद सिद्दीकी के पुराने विवाद फिर से सामने आए हैं। 2000 में 7.5 करोड़ की ठगी और निवेशकों को फर्जी योजनाओं से लूटने के आरोप में उन्हें 2001 में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
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Al Falah University : दिल्ली में 10 नवंबर 2025 की शाम लाल किले के पास हुए कार बम विस्फोट ने न केवल आतंकवाद की नई साजिश को उजागर किया, बल्कि फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी को भी कटघरे में खड़ा कर दिया। फरीदाबाद के धौज गांव में बने इस कॉलेज में मेडिकल की पढ़ाई करने छात्र अलग-अलग राज्यों से आते हैं।
लाल किले के पास i20 कार फटने के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी की साख के चित्थड़े उड़ गए हैं। इससे पहले किसी को नहीं पता था कि जहां सैकड़ों स्टूडेंट्स डॉक्टरी करने आ रहे हैं, वहां आतंकवादियों की बैठकें होती हैं। इस ब्लास्ट के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी संस्थापक जवाद अहमद सिद्दीकी के पुराने विवाद भी फिर से सामने आए हैं।
जवाद अहमद सिद्दीकी का बैकग्राउंड
जवाद अहमद सिद्दीकी का जन्म 15 नवंबर, 1964 को मध्य प्रदेश के महू (अब डॉ. भीमराव आंबेडकर नगर) में हुआ था। उन्होंने इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। करियर की शुरुआत इंजीनियरिंग लेक्चरर के रूप में हुई, लेकिन जल्द ही वे व्यवसाय की दुनिया में उतर आए। 1993 में वे दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में लेक्चरर बने, जहां उन्होंने अपने भाई सउद अहमद के साथ मिलकर अल-फलाह इन्वेस्टमेंट कंपनी की शुरुआत की।
9 कंपनियों का नेटवर्क
सिद्दीकी के नेतृत्व में अल-फलाह समूह ने शिक्षा, सॉफ्टवेयर, वित्तीय सेवाएं और ऊर्जा क्षेत्रों में कुल नौ कंपनियां चलाईं। ये अधिकांश दिल्ली के जामिया नगर स्थित अल-फलाह हाउस पर रजिस्टर्ड हैं।
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- अल-फलाह इन्वेस्टमेंट (1992 में स्थापित)
- अल-फलाह मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन (1997 में इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में शुरू, अब 78 एकड़ कैंपस)
- अल-फलाह डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड
- अल-फलाह इंडस्ट्रियल रिसर्च फाउंडेशन
- अल-फलाह एजुकेशन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड
- एमजेएच डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड
- अल-फलाह सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड
- अल-फलाह एनर्जीज प्राइवेट लिमिटेड
- तारबिया एजुकेशन फाउंडेशन
इनमें से ज्यादातर 2019 तक सक्रिय रहीं, उसके बाद बंद हो गईं। मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन पर अभी नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (एनएएसी) की जांच चल रही है।
7.5 करोड़ की धोखाधड़ी
सिद्दीकी का सबसे बड़ा विवाद 2000 में दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR से जुड़ा है। उस पर और उसके सहयोगी जवाद अहमद पर निवेशकों से 7.5 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप लगा। आरोप था कि उन्होंने फर्जी निवेश योजनाएं चलाकर लोगों को अल-फलाह कंपनियों में पैसे जमा करवाए, फिर दस्तावेजों में हेराफेरी कर जमा राशि को शेयरों में बदल दिया और पैसे अपने खातों में ट्रांसफर कर लिए।
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सिद्दीकी को इस मामले में पुलिस ने 2001 में गिरफ्तार किया गया। मार्च 2003 में दिल्ली हाईकोर्ट ने फॉरेंसिक सबूतों के आधार पर उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। फरवरी 2004 में सभी प्रभावित निवेशकों को पैसे लौटाने की शर्त पर जमानत मिली। इसके बाद 2005 में पटियाला हाउस कोर्ट ने बरी कर दिया।
लाल किला विस्फोट से कनेक्शन
10 नवंबर, 2025 को दिल्ली में लाल किले के पास हुंडई i20 कार में विस्फोट हुआ। इस हमले में 13 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हैं। इस साजिश में अल-फलाह यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारी डॉ. शाहीन सईद और डॉ. मुजम्मिल शकील मुख्य संदिग्ध हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) जांच कर रही है, जिससे सिद्दीकी के सभी पुराने कारोबारों की पड़ताल हो रही है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 13 November 2025 at 17:38 IST