अपडेटेड 25 November 2025 at 17:46 IST
युवतियों के साथ संबंध, शादी का वादा, शोषण... कई आरोपों से घिरे IAS संतोष वर्मा कौन हैं? ब्राह्मणों पर विवादित बयान देकर फिर फंसे
फर्जीवाड़े में जेल और कई युवतियों के साथ अवैध संबंध के आरोपों के बाद संतोष वर्मा एक बार फिर अपने ही विवादित बयान में फंस गए हैं।
- भारत
- 3 min read

मध्य प्रदेश के आईएएस अफसर संतोष वर्मा का विवादों से पुराना नाता है। फर्जीवाड़े में जेल और कई युवतियों के साथ अवैध संबंध के आरोपों के बाद संतोष वर्मा एक बार फिर अपने ही विवादित बयान में फंस गए हैं।
आपको बता दें कि उन्होंने अपने हालिया बयान में कहा है कि "आरक्षण तब तक जारी रहना चाहिए जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान में नहीं देता या उससे संबंध नहीं बनाता।"
इससे पहले उन पर शोषण के कई मामलों में भी आरोप लगे हैं, जिसमें महिलाओं ने आरोप लगाया कि उन्होंने शादी का वादा किया और बाद में उन्हें धमकाया या धोखा दिया।
फरेब के कई किस्से
मध्य प्रदेश के इस आईएएस अफसर के कई किस्से विवादों में रहे हैं। कथित रूप से उनपर नौकरानी से भी संबंध के आरोप लगे हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावे किए गए हैं कि उन्होंने नौकरानी को प्रेमजाल में फंसाया था और उसके साथ संबंध बनाए। इसके बाद उन्होंने उससे शादी करने से इनकार कर दिया।
Advertisement
इसके अलावा हरदा में तैनाती के दौरान भी उन के खिलाफ एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने उसे प्रेमजाल में फंसाया और बाद में शादी करने से मना कर दिया। इतना ही नहीं, इंदौर के लसूड़िया थाने में भी एक अन्य युवती ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कथित तौर पर कहा गया था कि उन्होंने उससे शादी की और कई दिनों तक साथ रहने के बाद उसे अपनाने से इनकार कर दिया।
फर्जी साइन कर प्रमोशन का भी आरोप
मध्य प्रदेश पुलिस ने इंदौर में एक महिला पर हमला करने के मामले में लोकल कोर्ट के दो ऑर्डर में कथित तौर पर जालसाजी करने के आरोप में भी संतोष वर्मा को गिरफ्तार किया था। अधिकारियों के मुताबिक, 6 अक्टूबर, 2020 की तारीख वाले दो जाली ऑर्डर कथित तौर पर लोकल कोर्ट के स्पेशल जज के नाम पर तैयार किए गए थे। इनमें से एक ऑर्डर में, वर्मा को एक महिला के साथ गाली-गलौज, मारपीट और आपराधिक धमकी के आरोपों से बरी कर दिया गया था। दूसरे फैसले में कहा गया कि दोनों पार्टियों के बीच समझौता हो गया था। अधिकारियों ने बताया कि अपनी शिकायत में स्पेशल जज ने कहा कि उन्होंने 6 अक्टूबर, 2020 को कोई ऑर्डर पास नहीं किया, क्योंकि वह उस दिन अपनी पत्नी, जो कैंसर की मरीज हैं, के चेक-अप के लिए कैजुअल लीव पर थे।
Advertisement
संतोष वर्मा पर ये भी आरोप था कि उन्होंने स्टेट कैडर से इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (IAS) में अपना प्रमोशन पाने के लिए इन नकली डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल किया था। एक अधिकारी ने बताया था कि मारपीट के मामले में वर्मा को बरी करने का नकली आदेश कथित तौर पर राज्य सरकार को असली बताकर पेश किया गया, जिसके बाद उन्हें IAS कैडर में प्रमोट कर दिया गया।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 25 November 2025 at 17:46 IST