अपडेटेड 19 July 2025 at 17:39 IST

'कर्मों से होती है इंसान की पहचान, सैल्यूट कलाम नॉट कसाब', RSS नेता इंद्रेश कुमार ने राष्ट्रवाद को विस्तार से समझाया

RSS नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि कंस और कृष्ण थे एक आचरण से शैतान कहलाया, एक गैया चराते-चराते भगवान हो गए और सृष्टि को युगों-युगों के लिए 'प्यार' ऐसा जीवन मूल्य दे गए, जिसे जब-जब जिया जाएगा, आदमी मानव बना रहेगा।

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RSS leader Indresh Kumar
RSS leader Indresh Kumar | Image: Republic

RSS नेता इंद्रेश कुमार ने राष्ट्रवाद को विस्तार से समझाते हुए कहा कि शरीर ने ईश्वर ने पूछा कि हमारी पहचान क्या होगी, इस पर परमात्मा ने जवाब दिया कि तुम्हारे कर्म ही तुम्हारी पहचान होंगे। कर्म और किरदार अच्छे होंगे तो तुम अच्छे कहलाओगे, नहीं तो राक्षस  कहलाओगे। इसलिए राम रावण के बारे में हमें फैसला करने में कभी कठिनाई नहीं हुई। दोनों सनातनी थे, हिंदू थे, शिवभक्त थे, चारों वेदों को ज्ञाता था, ज्ञान में और शक्ति में सर्वश्रेष्ठ थे, एक आचरण के कारण राक्षस कहलाया और एक आचरण के कारण भगवान कहलाए।

इंद्रेश कुमार ने कहा कि कंस और कृष्ण थे एक आचरण से शैतान कहलाया, एक गैया चराते-चराते भगवान हो गए और सृष्टि को  युगों-युगों के लिए 'प्यार' ऐसा जीवन मूल्य दे गए, जिसे जब-जब जिया जाएगा, आदमी मानव बना रहेगा। इसलिए 1200-1400 साल पहले प्रश्न आया कर्बला के मैदान में हसन भी थे हुसैन भी थे और यजीद भी थे। दोनों मोहम्मद साहब के खानदान के थे। यजीद को राक्षस माना गया, हुसैन को फरिश्ता माना गया। सैकड़ों साल पहले औरंगजेब और दाराशिकोह हुए, औरंगजेब जिसने भाइयों का कत्ल किया, पिता को जेल में डाला, बेटी को भी बंदी बनाया क्योंकि उसे उसकी ईश्वर भक्ति पसंद नहीं थी। दाराशिकोह का भी कत्ल किया, इसलिए औरंगजेब शैतान के श्रेणी में चला गया, दाराशिकोह ने भारत का ज्ञान, यही एकमात्र जनकल्याण का मानवीय मार्ग है जिसे  विश्व के अंदर पहुंचा।

जब राष्ट्रवाद को समझते हैं तो मानवता खिलखिलाती है- इंद्रेश कुमार

उन्होंने कहा कि फिर एक घटना घटती है वर्तमान के अंदर कलाम या कसाब। कसाब को मुंबई के लोगों ने कहा जब आतंकी का मजहब नहीं होता तो उसके लिए नमाज नहीं पड़ेंगे, उसके जानजे में भी शामिल नहीं होंगे और इतना ही नहीं है उसको जमीन भी नहीं देंगे। जो पहलगाम की घटना के बाद कश्मीर में घटा वहीं कुछ समय पहले मुंबई में भी घटा था। इधर कलाम थे, लैंप पोस्ट के नीचे बैठकर अखबार बेचते हुए पढ़ाई करते थे, वह दुनिया के सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा, उस मुल्क के राष्ट्रपति बने इसलिए हम कलाम को सलाम करते हैं ना कि कसाब को, हम दाराशिकोह का सम्मान करते हैं ना कि औरंगजेब का, हम हुसैन को याद करते हैं ना कि यजीद को, हम भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं ना कि कंस की। इसलिए राष्ट्रवाद आपको यह समझने के लिए रास्ता देता है, इसी राष्ट्रवाद को जब समझते हैं, तो मानवता खिलखिलाती है। इसलिए भारत इसको जिया है और जीता रहेगा।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 19 July 2025 at 17:39 IST