अपडेटेड 9 March 2025 at 07:42 IST

हमें भारत को नयी प्रौद्योगिकी विकसित करने वाला देश बनाना होगा: वायुसेना प्रमुख

Air Force Chief A.P. Singh: वायुसेना प्रमुख ‘एयर चीफ मार्शल’ ए पी सिंह ने कहा है कि हमें भारत को नयी प्रौद्योगिकी विकसित करने वाला देश बनाना होगा।

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Air Force Chief A.P. Singh
वायुसेना प्रमुख ‘एयर चीफ मार्शल’ ए पी सिंह | Image: X

Air Force Chief A.P. Singh: वायुसेना प्रमुख ‘एयर चीफ मार्शल’ ए पी सिंह ने शनिवार को कहा कि भारतीय पारिस्थितिकी तंत्र को उस स्तर पर पहुंचने की जरूरत है जहां नयी प्रौद्योगिकी का विकास भारत में हो और अन्य देश इसका अनुसरण करें।

वायु सेना प्रमुख ने ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ में एक संवादात्मक सत्र के दौरान कहा कि मौजूदा संघर्षों से एक सबक यह मिलता है कि लंबे समय तक चलने वाले युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए।

वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘इसलिए अपनी अन्य क्षमताओं के साथ हमें लंबे समय तक चलने वाले युद्ध में टिके रहने की क्षमता का निर्माण करने की आवश्यकता है।’’

उन्होंने कहा कि पहले का यह विचार अब बदल गया है कि युद्ध ‘‘छोटे और त्वरित’’ होंगे।

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उन्होंने कहा, ‘‘और हमें उद्योग के समर्थन की आवश्यकता है ताकि हम अपने घाटे को पूरा कर सकें। दूसरा, हवाई क्षेत्र में नियंत्रण की प्रधानता स्पष्ट रूप से सामने आई है।’’

एयर चीफ मार्शल सिंह से जब दुनिया में जारी संघर्षों से मिले सबक के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि संघर्ष से प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से मानव रहित वाहनों की भूमिका सामने आई है।

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उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति के साथ ‘‘हमें आगे बढ़ने की जरूरत है।’’

उनसे उन खबरों के बारे में भी सवाल किया गया कि पाकिस्तान एक पड़ोसी देश से पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान लेने वाला है।

उन्होंने कहा कि यह सार्वजनिक स्रोत से मिली सूचना है, पाकिस्तान को पांचवीं पीढ़ी के विमान दिए जाने की बातचीत जारी है।

हालांकि, वायुसेना प्रमुख ने कहा कि अगर दुश्मन का विमान प्रौद्योगिकी के रूप से उन्नत है, तो रणनीति अपनाई जा सकती है।

उन्होंने कहा कि यह ‘‘बिल्ली और चूहे का खेल’’ है जो चलता रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उनके (प्रतिद्वंद्वी के) कदम उठाने पहले ही अनुमान लगाना होगा’’ और प्रौद्योगिकी में उनसे आगे निकलना होगा।

एयर चीफ मार्शल सिंह ने इस बात पर अफसोस जताया कि ‘‘हम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अभी अनुसरण कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें एक ऐसे चरण तक पहुंचने की जरूरत है जहां नयी प्रौद्योगिकी भारत से निकले और दूसरे उसका अनुसरण करें।’’

उन्होंने आग्रह किया कि अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को ‘‘विफलता के लिए तैयार’’ रहना चाहिए और इससे जल्दी सीखना चाहिए।

उनसे यह भी पूछा गया कि भारतीय वायुसेना आज उसी तरह की स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया देगी जो उसने फरवरी 2019 में बालाकोट हवाई हमले के समय किया था।

वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘हम जो करेंगे, उसके बारे में हम पहले से नहीं बता सकते। हमारे पास विकल्प उपलब्ध हैं और यह इस आधार पर तय किया जाता है कि कैसा खतरा है...हम क्या परिणाम चाहते हैं...मुझे यकीन है कि अगर हमारे पास राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं होती तो बालाकोट नहीं होता।’’

उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि युद्ध में प्रवेश करते समय व्यक्ति को आत्मविश्वास होना चाहिए, लेकिन अति आत्मविश्वास नहीं।

उनसे बेंगलुरु में ‘एयरो इंडिया 2025’ के दौरान एचएएल के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों और इंजीनियरों के साथ उनकी हाल की उस बातचीत के बारे में भी सवाल किया गया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। एयर चीफ मार्शल सिंह ने उनकी निजी बातचीत का वीडियो बनाए जाने को ‘‘बेहूदा’’ करार दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘क्या आप चाहते हैं कि कोई आपकी निजी बातचीत का वीडियो बनाए। मैं एचएएल में अपने सहयोगियों से बात कर रहा था। जिस तरह से यह (वीडियो) सामने आया, वह सही नहीं था...हमने भी गलतियां की हैं...।’’

एक अलग सत्र में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा कि जारी संघर्षों से प्रमुख सीख यह मिलती है कि प्रौद्योगिकी ने छोटे या उन विरोधियों को बड़े विरोधियों से मुकाबला करने में सक्षम बनाया है, जिन्हें परखा नहीं गया है, ऐसे में स्थिरता महत्वपूर्ण है और 'आत्मनिर्भरता' अत्यंत आवश्यक है इसलिए आत्मनिर्भरता की गति तेज होनी चाहिए।

एडमिरल ने क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में गतिविधियों पर नजर रख रही है।

उन्होंने कहा कि हर समय क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में छह से आठ सक्षम युद्धपोत मौजूद होते हैं।

उन्होंने कहा कि चीन ने हमेशा पाकिस्तान की आर्थिक या सैन्य मदद की है। उन्होंने कहा कि अगले साल से वे उन्हें नयी पनडुब्बियां भी देने जा रहे हैं।

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Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 9 March 2025 at 07:42 IST