अपडेटेड 5 June 2025 at 14:57 IST
Pet Cat: भारत की पारंपरिक मान्यताओं और वास्तु शास्त्र में पशु-पक्षियों को ऊर्जा के वाहक के रूप में देखा जाता है। इनमें बिल्ली एक खास स्थान प्राप्त है। लेकिन इसके संकेत दो धारी तलवार जैसे हैं, कभी सौभाग्य का तो कभी अशुभता का प्रतीक।
वास्तु के अनुसार, बिल्ली को पालना कई दृष्टिकोणों से देखा जाता है।
मान्यता है कि बिल्ली घर को काले जादू और नकारात्मक शक्तियों से बचाती है। कुछ लोगों के अनुसार, वह बुरी आत्माओं को दूर करती है और घर की ऊर्जा को संतुलित करती है।
वहीं, कुछ मान्यताओं में कहा गया है कि बिल्ली विशेषकर काली बिल्ली, राहु तत्व को सक्रिय कर देती है जिससे घर में तनाव, भ्रम और दुर्भाग्य बढ़ सकता है।
अगर कोई पालतू बिल्ली आपके घर में बच्चों को जन्म देती है, तो यह अत्यंत शुभ संकेत माना जाता है। यह घटना उस घर के सदस्यों के लिए तरक्की और धन के द्वार खोलने वाली होती है। साथ ही, यह नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश को रोकने का प्रतीक भी मानी जाती है।
गोल्डन बिल्ली- सुनहरे रंग की बिल्ली अत्यंत शुभ मानी जाती है। इसे पालने से सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि होती है।
काली बिल्ली- अगर घर में काली बिल्ली रोती है, तो यह किसी अनहोनी या बुरी खबर का संकेत हो सकता है। इसे अशुभ शकुन माना गया है, विशेषकर जब वह रात के समय आए।
बिल्ली से जुड़े संकेत, वास्तु शास्त्र और परंपरागत मान्यताओं पर आधारित हैं। ये संकेत आम जीवन में व्याख्या का विषय हो सकते हैं, लेकिन इन्हें अंधविश्वास नहीं बनाना चाहिए। हमेशा विवेक से निर्णय लें।
(यह लेख ज्योतिष, धर्मग्रंथों, पंचांग और परंपरागत मान्यताओं पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल सूचना देना है। रिपब्लिक इसका समर्थन नहीं करता और अंधविश्वास के खिलाफ है। सभी जानवरों को प्रेम दें उन्हें भोजन दें)
पब्लिश्ड 5 June 2025 at 14:57 IST