अपडेटेड 6 November 2025 at 23:24 IST
अंग्रेजों की नींद उड़ा देने वाले गीत 'वंदे मातरम' के 150 वर्ष पूरे, अमर धुन पर थिरकेगा भारत, PM मोदी भी समारोह में होंगे शामिल
वंदे मातरम भारत का वो गीत है जिसने अंग्रेजों की नींद उड़ा दी थी। जानिए इस गीत का इतिहास।
- भारत
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Vande Mataram: वंदे मातरम भारत का वो गीत है जिसने अंग्रेजों की नींद उड़ा दी थी। यह गीत भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था और आज भी देश के प्रति गर्व, प्रेम और समर्पण की याद दिलाता है।
इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल (7 नवंबर, शुक्रवार) इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम्' के 150 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में साल भर चलने वाले समारोह की शुरुआत करेंगे और एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने खुद इसकी जानकारी एक्स पर एक पोस्ट के जरिए दी, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह समारोह वाकई ऐतिहासिक होगा।
वंदे मातरम का इतिहास
वंदे मातरम की रचना बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा की गई थी। यह पहली बार 7 नवंबर 1875 को साहित्यिक पत्रिका बंगदर्शन में प्रकाशित हुआ था। बाद में बंकिम चंद्र चटर्जी ने इसे अपने अमर उपन्यास 'आनंदमठ' में शामिल किया जो 1882 में प्रकाशित हुआ था।
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वंदे मातरम गीत की पुष्टि अरविंद द्वारा 16 अप्रैल 1907 को अंग्रेजी दैनिक बंदे मातरम में लिखे गए एक अंश से होती है, जिसमें लिखा है कि बंकिम ने अपने प्रसिद्ध गीत की रचना 32 साल पहले की थी। यह गीत भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारियों की शक्ति और उत्साह का प्रतीक बन गया था।
ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ 'वंदे मातरम' ने बनाई पहचान
वंदे मातरम ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ भारतीय एकता का पहचान बन गया। सरकार ने स्कूलों में इसे गाने पर रोक लगाई और छात्रों को दंड भी दिया, लेकिन गीत की गूंज नहीं रुकी। यह स्वदेशी आंदोलन से पूरे देश में फैल गया।
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वंदे मातरम देश के प्रति गर्व, प्रेम और समर्पण का प्रतीक
आज भी वंदे मातरम देश के प्रति गर्व, प्रेम और समर्पण की याद दिलाता है। यह गीत आज भी हर भारतीय के दिल में उत्साह और देशभक्ति की प्रेरणा देता है जिसे हम गाते हैं।
प्रधानमंत्री ने पोस्ट में क्या लिखा?
PM मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा- 'कल देशवासियों के लिए ऐतिहासिक होने जा रहा है। हम वंदेमातरम् गान के गौरवशाली 150 वर्षों का उत्सव मनाने जा रहे हैं। यह वो प्रेरक आह्वान है, जिसने देश की कई पीढ़ियों को राष्ट्रभक्ति की भावना से ओतप्रोत किया है। इस विशेष अवसर पर सुबह करीब 9:30 बजे दिल्ली में एक समारोह में शामिल होने का सौभाग्य मिलेगा। यहां एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया जाएगा। वंदेमातरम् का सामूहिक गायन इस आयोजन का मुख्य आकर्षण होगा।'
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 6 November 2025 at 23:24 IST