अपडेटेड 27 January 2025 at 09:47 IST
Uttarakhand UCC: उत्तराखंड में आज से यूनिफॉर्म सिविल कोड.. लोगों की जिंदगी में क्या आएगा बदलाव और क्या होगा अवैध? समझिए कानून
उत्तराखंड में UCC लागू करने का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करना और धर्म के आधार पर भेदभाव को खत्म करना बताया जाता है।
- भारत
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Uttarakhand UCC: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड यहां लोगों की जिंदगी पर सीधा असर डालने वाला है। सरल शब्दों में कहें तो अब पूरे प्रदेश में सभी लोगों पर एक समान कानून लागू होगा। अधिनियम में एक सुरक्षित और सरल व्यवस्था की गई है जिससे व्यक्ति अपनी संपत्ति के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश निर्धारित कर सकें। उत्तराखंड यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनने वाला है।
उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने की जरूरत क्यों और किन लोगों के लिए पड़ी है, ये एक अलग विषय है। हालांकि उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने से लोगों की जिंदगी पर क्या असर होना वाला है, वो सबसे अहम विषय। फिलहाल यूसीसी कानून और उसमें लगने वाली कुछ पाबंदियों को समझने की कोशिश करते हैं।
यूसीसी के मुख्य नियम
वैसे तो इसका एक उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करना और धर्म के आधार पर भेदभाव को खत्म करना है। यूसीसी के तहत उत्तराखंड में कई महत्वपूर्ण बदलाव होने वाले हैं, जिसमें वैवाहिक जीवन से लेकर विरासत और संपत्ति, लिव इन रिलेशनशिप जैसे मामलों पर खास फोकस रहा है।
विवाह और तलाक: यूसीसी लागू होने से विवाह की न्यूनतम आयु पुरुषों के लिए 21 साल और महिलाओं के लिए 18 साल निर्धारित है। शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। तलाक की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है और सबसे अहम कि इसमें बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाया गया है।
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महिला सशक्तिकरण: महिलाओं को अधिकारों के मामले में समानता मिलेगी।
विरासत और संपत्ति: संपत्ति के बंटवारे में सभी वारिसों को समान अधिकार होंगे। धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा।
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प्रिविलेज्ड वसीयत: सैनिकों के लिए 'प्रिविलेज्ड वसीयत' का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत वे अपनी वसीयत अपने हाथ से लिख या मौखिक रूप से निर्देशित करके भी तैयार कर सकते हैं।
वसीयत बनाना अनिवार्य नहीं: यूसीसी अधिनियम में वसीयत बनाना किसी के लिए अनिवार्य नहीं है और यह केवल एक व्यक्तिगत निर्णय है।
लिव-इन रिलेशनशिप: लिव-इन रिलेशनशिप को मान्यता दी गई है और ऐसे रिश्तों में पैदा होने वाले बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित किया गया है।
गोद लेना: गोद लेने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।
यूसीसी को लेकर सरकार का पक्ष क्या है?
सरकार का मानना है कि यूसीसी सभी धर्मों का सम्मान करते हुए बनाया गया है और यह सभी नागरिकों के हित में है। सरकार का मानना है कि यूसीसी परिवारिक मूल्यों को मजबूत करेगा और समाज में सद्भाव लाएगा। हालांकि सरकार के सामने यूसीसी लागू करने में कुछ चुनौतियां आ सकती हैं, जैसे कि लोगों को नए कानूनों के बारे में जागरूक करना और पुराने रीति-रिवाजों को बदलना।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 27 January 2025 at 08:51 IST