अपडेटेड 27 February 2025 at 23:07 IST

Uttarakhand: उच्च न्यायालय ने राज्य से पूछा कि क्या वह UCC में आवश्यक बदलाव के लिए है तैयार

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य से पूछा है कि क्या वह प्रदेश में हाल में लागू समान नागरिक संहिता (यूसीसी) में आवश्यक बदलाव करने के लिए तैयार है ।

Follow : Google News Icon  
court hammer
Uttarakhand: उच्च न्यायालय ने राज्य से पूछा कि क्या वह UCC में आवश्यक बदलाव के लिए है तैयार | Image: Meta AI

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य से पूछा है कि क्या वह प्रदेश में हाल में लागू समान नागरिक संहिता (यूसीसी) में आवश्यक बदलाव करने के लिए तैयार है । उच्च न्यायालय के न्यायाधीश मनोज तिवारी और न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से यह सवाल यूसीसी में सहवासी (लिवइन) संबंधों के बारे में किए गए प्रावधानों को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान किया ।

मेहता वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश हुए। इससे पहले, यूसीसी को चुनौती देने वाली एक अन्य याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय पहले ही केंद्र और राज्य सरकारों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए छह सप्ताह का समय दे चुकी है । यूसीसी के संबंध में दायर सभी याचिकाओं पर एक अप्रैल को सुनवाई होनी है ।

याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि..

पहले की याचिकाओं की तरह इस जनहित याचिका में भी लिवइन पंजीकरण फार्म में सूचनाएं मांगे जाने पर इस आधार पर आपत्ति प्रकट की गयी है कि यह युगल की निजता का उल्लंघन है । याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि पुलिस स्टेशन ऐसे संबंधों में रहने वाले व्यक्तियों की हर जानकारी रखेंगे जिससे पुलिस के लिए उनके घर आना-जाना आसान होगा और इससे उनकी निजता भंग होगी ।

अदालत ने कहा कि पुलिस राज्य की एक मशीनरी है और वह व्यक्तियों को परेशान करने के लिए अधिकृत नहीं है । उच्च न्यायालय ने इस याचिका को भी अन्य याचिकाओं के साथ जोड़ दिया है जिन पर एक साथ एक अप्रैल को सुनवाई होनी है ।

Advertisement

ये भी पढ़ें - बिहार कैबिनेट विस्तार पर तेजस्वी की आई प्रतिक्रिया,कहा-नीतीश जी आखिरी...

Advertisement

(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 27 February 2025 at 23:07 IST