अपडेटेड 6 July 2025 at 16:19 IST
40 से अधिक बैंक अकाउंट, 100 करोड़ से ज्यादा का ट्रांजेक्शन...कौन है जलालुद्दीन जो हिंदुओं को बनाता था मुस्लिम; लड़कियों की थी रेट लिस्ट
जांच एजेंसियों के मुताबिक जलालुद्दीन की गिरफ्तारी सिर्फ किसी सामान्य अपराधी की गिरफ्तारी नहीं है ये एक ऐसे गहरे, अंतरराज्यीय षड्यंत्र का पर्दाफाश है, जो गरीबों की मजबूरी, धर्म की संवेदनशीलता और कानून के डर का इस्तेमाल कर लोगों की आस्था को मोड़ने का काम कर रहा था। जलालुद्दीन एक ऐसा शख्स, जो बाहर से समाजसेवी लगता था, लेकिन भीतर से वह एक ऐसा शिकारी था, जो गरीबों, मजबूरों और बेबसो को अपना शिकार बनाता था।
- भारत
- 5 min read

शनिवार (5 जुलाई) को उत्तर प्रदेश एटीएस ने बलरामपुर जिले में अवैध धर्मांतरण के एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ कर उसके सरगना जिसे जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के नाम से जाना जाता है, को गिरफ्तार किया है। इस मामले में अभी तक कुल 2 गिरफ्तारियां हुईं हैं। छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन पर हिन्दू लड़कियों को बहला-फुसलाकर जबरन इस्लाम धर्म में स्वीकार करने का आरोप है। इस गैंग को इस काम के लिए विदेशों से फंडिंग भी हो रही है। ये गैंग देश के गरीब और मजबूर लोगों को लालच देकर धर्मांतरण करवाता है ऐसे आरोप इस गैंग पर लगे हैं। यूपी एटीएस ने इस पूरे नेटवर्क को लेकर कई चौंकाने वाली जानकारियां साझा की हैं। तो चलिए अब हम आपको बताते है कि आखिर ये छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन कौन है और इसने कैसे भोले-भाले लोगों का जबरन धर्मांतरण करवाया है।
छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन उत्तर प्रदेश बलरामपुर के मधपुर गांव का रहने वाला है और वो खुद को 'हाजी पीर जमालुद्दीन बाबा' के नाम से प्रचारित करता था। वह लंबे समय से उटरौला कस्बे और आसपास के इलाकों में सक्रिय था, जहां वह कथित तौर पर एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का संचालन कर रहा था। यूपी एटीएस और पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि जलालुद्दीन ने अब तक 40 से 50 बार इस्लामिक देशों की यात्रा की है। जांच अधिकारियों का कहना है कि इन यात्राओं के दौरान उसने संदिग्ध गतिविधियों में भाग लिया और संभावित विदेशी फंडिंग के जरिए स्थानीय स्तर पर अपना नेटवर्क मजबूत किया। इसके अलावा, उसने बलरामपुर में कई संपत्तियां भी अर्जित की हैं जिनमें एक आलीशान बंगला, एक शोरूम और कई लग्जरी गाड़ियां शामिल हैं। पुलिस को शक है कि ये संपत्तियां धर्मांतरण नेटवर्क से जुड़ी कमाई से खरीदी गई हैं। फिलहाल पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और उसके नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में भी जुटी है।
सिंधी परिवार ने कैसे कबूला इस्लाम?
जलालुद्दीन की पहुंच सिर्फ बलरामपुर तक नहीं थी। जांच में एक ऐसा नाम सामने आया, जिसने एजेंसियों को भी चौंका दिया नवीन घनश्याम रोहरा, एक सिंधी व्यापारी जो पहले मुंबई में रहता था, अब पत्नी नीतू और बेटी समाले के साथ जलालुद्दीन के पते पर बलरामपुर में रह रहा है। यह परिवार अब इस्लाम कबूल कर चुका था बिल्कुल उसी नेटवर्क के तहत जो जलालुद्दीन ने खड़ा किया था। आखिर जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा कैसे लोगों को धर्मांतरण के चंगुल में फंसाने में कामयाब हो जा रहा था उसकी ये साजिश कई सवाल खड़े करते हैं।
- क्या यह धर्म से जुड़ा निर्णय था, या किसी मानसिक दबाव और लालच का परिणाम?
- क्यों एक समृद्ध सिंधी व्यापारी परिवार अपना शहर, व्यवसाय, और पहचान छोड़कर जलालुद्दीन के अधीन चला आया?
- जांच अभी जारी है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, विदेशी फंडिंग, हवाला नेटवर्क और सोशल मीडिया प्रोपेगेंडा के जरिए जलालुद्दीन ने पूरे उत्तर भारत में कई स्थानों पर अपनी जड़ें फैलाई थीं।
हिन्दू लड़कियों के धर्मांतरण में अलग-अलग जातियों के लिए तय थी रकम
छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन को लेकर एक बड़ा खुलासा ये भी हुआ है कि वो हिन्दू धर्म की अलग-अलग जातियों की लड़कियों को लव-जिहाद में फंसाने वाले युवकों को लाखों रुपये की फंडिंग करता था। धर्मांतरण के नए मास्टरमाइंड जलालुद्दीन ने अलग-अलग हिन्दू धर्म की जातियों की लड़कियों के धर्मांतरण के लिए रेट फिक्स कर रखे थे। ब्राह्मण, क्षत्रिय, सरदार लड़कियों को लव जिहाद में फंसाकर धर्मांतरण के लिए 15-16 लाख रुपए की रकम, पिछड़ी जातियों के लिए 10-12 लाख और अन्य वर्गों के लिए 8-10 लाख रुपए। जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि जलालुद्दीन के इस गिरोह ने 40 से अधिक बैंक खातों के ज़रिए करीब 100 करोड़ रुपए का ट्रांजिक्शन किया है। जलालुद्दीन को इतनी भारी मात्रा में फंडिंग खाड़ी देशों से की गई थी। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने मीडिया से बातचीत में बताया कि यह नेटवर्क केवल बलरामपुर ही नहीं, बल्कि पूरे देश में सक्रिय है यूपी एटीएस इसकी गहराई से जांच कर रही है।
Advertisement
जलालुद्दीन के पास अकूत संपत्ति कहां से आई?
छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन ने पुस्तक भी छाप रखी है जिसके माध्यम से वह इस्लाम धर्म का प्रचार प्रसार करता था बाबा के 3 से 4 हजार की संख्या में अनुयाई थे यह वह अनुयाई है जिसमें अधिकांश लोग हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म को स्वीकार किया था। छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन की संपत्ति अकाउंट में लगभग 100 करोड रुपए से अधिक की संपत्ति है। इसके अलावा लोगों से अर्जित की गई उतरौला बलरामपुर में गाटा संख्या 337 की 0.539 हेक्टेयर की भूमि है एक भूमि डेढ़ करोड़ की है कई भूमि उसके नाम पर है भूमि पर तबला अस्पताल स्टोर रूम बांग्ला दो शोरूम बनाया गया है। उसके पास कई लग्जरी गाड़ियां है जिसमें मर्सिडीज़ फॉर्च्यूनर जैसी कई गाड़ियां है।
जलालुद्दीन की विदेश यात्रा
2016 से 2020 के बीच 19 बार यूएई की यात्रा की इसके बाद मात्र एक बार दिनांक 5 -4- 2017 को यूएई की यात्रा की गई। छांगुर बाबा 2018 में एक बार सऊदी अरब की यात्रा पर गया था। जलालुद्दीन का पासपोर्ट संख्या M0087026 है।
Advertisement
40 बैंकों में हैं जलालुद्दीन के खाते 100 करोड़ से ज्यादा का लेन-देन
जलालुद्दीन के आठ बैंक खाते हैं जिसमें बैंक ऑफ इंडिया एचडीएफसी एसबीआई आईडी बैंक ऑफ़ बरोदा और दूसरे बैंक है ठाकुर बाबा के एसबीआई बैंक संख्या में खाता संख्या 3980928 2658 में 6 लाख विदेशी खाते में जमा किए गए नेफ्ट के माध्यम से 10 लाख रुपए जमा किए गए। जलालुद्दीन के अकाउंट में 100 करोड़ से ज्यादा का पैसा आया है। वहीं जलालुद्दीन की साथी नीतू नवीन अरोड़ा के आठ बैंक खाते हैं जिसमें बैंक ऑफ इंडिया खाता संख्या 0187 10 11000 3507 है पेटीएम बैंक 9 702957 349 है बैंक ऑफ बड़ौदा में खाता संख्या 57330 100 11247 है बैंक ऑफ़ बड़ौदा खाता संख्या 57 3301 000 11248 है बैंक ऑफ बड़ौदा खाता संख्या 57 33 000437 है इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक एचडीएफसी बैंक मैं खाते हैं जिसमें 5 करोड़ विदेश से प्राप्त किए गए पैसे हैं नीतू के खाते में 24 2 2021 से 28 6 2021 तक यानी की चार महीने में कल जमा राशि 13,9010,000 है।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 6 July 2025 at 16:19 IST