अपडेटेड 14 August 2025 at 12:47 IST
UP: 'बड़ा हसीन है उनकी जुबान का जादू, लगाकर आग...', विधानसभा में विपक्ष पर शायराना अंदाज में CM योगी ने कसा तंज
उत्तर प्रदेश विधानसभा में विजन डॉक्यूमेंट 2047 पर चर्चा के दौरान सीएम योगी ने विपक्ष पर शायराना अंदाज में तीखा हमला बोला। उन्होंने सपा के PDA को परिवार डेवलपमेंट ऑथोरिटी करार दिया।
- भारत
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CM Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश विधानसभा में विजन डॉक्यूमेंट 2047 पर चर्चा हो रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विजन डॉक्यूमेंट पर अपनी बात रख रहे हैं। इस दौरान उन्होंने विपक्ष के सवालों का जवाब देने के साथ-साथ शायराना अंदाज में उनपर पर तीखा हमला भी बोला। सीएम योगी ने कहा, बीते 24 घंटे में 187 वक्ताओं ने मुद्दे पर अपने विचार रखे हैं, मैं सभी पक्ष और विपक्ष के नेताओं को धन्यवाद देता हूं।
विधानसभा में बोलते हुए सीएम योगी ने कहा, ये चर्चा उन लोगों की आंखे खोलने वाला है जो विधायिका पर व सदस्यों के आचरण पर उंगली उठाते हैं। विकसित भारत के लिए उत्तर प्रदेश को योगदान देना होगा, देश में खुशहाली हो तो क्या उत्तर प्रदेश को उसका सहभागी नहीं बनना चाहिए। आज के बाद अगले 30 वर्षो के लिए यह समय आत्मावलोकन का है..
विपक्ष पर शायराना अंदाज में सीएम योगी का तंज
विपक्ष पर शायराना अंदाज में तंज कसते हुए सीएम योगी ने कहा, हमारे नेता प्रतिपक्ष बुजुर्ग हैं, जब स्वयं से बोलते है तो थोड़ा सही बोल लेते हैं, बोलते-बोलते मुर्गे तक बात आ गई। मुझे भी कुछ याद आ गया। बड़ा हसीन है इनकी जुबान का जादू,लगा के आग बहारों की बात करते हैं, जिन्होंने रात में चुन चुनकर बस्तियां लूटीं, वही नसीबों के मारों की बात करते हैं....
सपा की हालत कुएं के मेंढक जैसी-सीएम योगी
विधानसभा में 'विजन डॉक्यूमेंट 2047' पर 24 घंटे चली चर्चा पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, समाजवादी पार्टी की हालत कुएं के मेंढक जैसी है। दुनिया आगे बढ़ रही है लेकिन आप केवल अपने परिवारों तक ही सीमित होना चाहते हैं और आप उत्तर प्रदेश के साथ भी यही करना चाहते हैं।
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PDA को CM योगी ने दिया नया नाम
सपा को घेरते हुए सदन में सीएम योगी ने कहा, आपका परिवार डेवलपमेंट ऑथोरिटी (PDA) क्या है? "यावज्जीवेत सुखं जीवेद ऋणं कृत्वा घृतं पिवेत, भस्मीभूतस्य देहस्य पुनरागमनं कुतः॥" यह चार्वाक ऋषि का भौतिकवादी दर्शन है। इस श्लोक का अर्थ है: जबतक जीवन है, सुख पूर्वक जीना चाहिए। चाहे इसके लिए ऋण लेकर भी घी पीना पडें तो पीना चाहिए। जब मरने के पश्चात शरीर नष्ट हो कर राख बन जाता है। तो मनुष्य का फिर से आना (पूनर्जन्म) कैसे संभव हो सकता है। अतः जब तक जीवन है उसे पूरी तरह खुलकर खुब मस्ती के साथ जीना चाहिए।"
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 14 August 2025 at 12:37 IST