अपडेटेड 16 July 2024 at 16:44 IST
मौलाना तौकीर रजा हिंदुओं सामूहिक धर्मांतरण कराने में होगा कामयाब? तो कितने साल तक भुगतनी पड़ेगी सजा
यूपी में अवैध धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून हैं। उत्तर प्रदेश धर्मांतरण विरोधी कानून के अनुसार सामूहिक धर्मांतरण के मामलों में 10 साल की सजा का प्रावधान है।
- भारत
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Anti Conversion Law: भारत में लगातार धर्मांतरण के मामले बढ़ रहे हैं। संविधान के अनुच्छेद 25 से लेकर 28 तक धार्मिक स्वतंत्रता का जिक्र जरूर है, लेकिन धर्मांतरण को लेकर कोई स्पष्ट अनुच्छेद नहीं है। भारत का संविधान हर नागरिक को अपनी इच्छा से किसी भी धर्म को मानने की स्वतंत्रता जरूर देता है, लेकिन लालच, जबरन या ब्लैकमेल करके धर्मांतरण कराना एक अपराध है। उत्तर प्रदेश के बरेली में इस्लामिक धर्मगुरु तौकीर रजा खान ने सामूहिक धर्म परिवर्तन का ऐलान कर नया बवाल खड़ा कर दिया है। उनके ये बड़े बोल भारी पड़ सकते हैं।
बीजेपी ने तौकीर रजा खान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि कुछ लोग प्रदेश का माहौल बिगाड़ना चाहते हैं। ऐसा कोई भी षड्यंत्र कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश समेत धर्मांतरण को लेकर देश के कई राज्यों में सख्त कानून हैं। इसके खिलाफ सबसे पहले ओडिशा ने आवाज उठाई थी। मौलाना तौकीर रजा खान ने 21 जुलाई की सुबह सामूहिक धर्म परिवर्तन का ऐलान किया है। इस मामले में अगर वो लालच या धमकी देकर धर्मांतरण के दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें लंबी जेल यात्रा करनी पड़ सकती है।
10 साल तक की सजा का प्रावधान
यूपी में अवैध धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून हैं। उत्तर प्रदेश धर्मांतरण विरोधी कानून के अनुसार सामूहिक धर्मांतरण के मामलों में 3-10 साल की सजा और कम से कम 50,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। धर्मांतरण के मामले में अगर पीड़ित महिला, नाबालिग, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से है तो सजा 2-10 साल और कम से कम 25,000 रुपये के जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
सिर्फ धर्मांतरण के लिए शादी भी मान्य नहीं
कानून के मुताबिक अगर शादी का एकमात्र उद्देश्य महिला का धर्म परिवर्तन कराना हो, उसे भी मान्य नहीं माना जाता। शादी कर धर्मांतरण के मामले में कानून की धारा 6 केवल गैरकानूनी धर्मांतरण के उद्देश्य से की गई किसी भी शादी पर रोक लगाती है और कहती है कि ऐसी शादी को शून्य घोषित किया जाएगा। नियमों के मुताबिक, अंतर-धार्मिक शादी करने से पहले जोड़ों को दो महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को जानकारी देनी होती है। धर्मांतरण विरोधी कानून की धारा 8 और 9 के तहत वैध धर्मांतरण की प्रक्रिया का प्रावधान है। इसके तहत धर्मांतरण करने वाले व्यक्ति को जिला मजिस्ट्रेट के सामने दो घोषणापत्र देने होते हैं। पहला धर्मांतरण से कम से कम 60 दिन पहले और दूसरा धर्मांतरण के अधिकतम 60 दिन बाद।
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धार्मिक स्वतंत्रता पर हाईकोर्ट की टिप्पणी
पिछले हफ्ते इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवैध रूप से धर्मांतरण कराने के एक आरोपी की जमानत पर फैसला सुनाते हुए सख्त टिप्पणी की थी। कोर्ट ने जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि संविधान नागरिकों को अपने धर्म को स्वतंत्र रूप से मानने, उसका पालन करने और उसका प्रचार करने का अधिकार देता है, लेकिन इसे धर्मांतरण कराने या अन्य लोगों को अपने धर्म में परिवर्तित करने के सामूहिक अधिकार के रूप में नहीं समझा जा सकता है।
न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने यह आदेश पारित करते हुए आरोपी श्रीनिवास राव नायक की जमानत की अर्जी खारिज कर दी। याचिकाकर्ता नायक के खिलाफ उत्तर प्रदेश अवैध धर्म परिवर्तन निषेध कानून, 2021 की धारा 3/5 (1) के तहत मामला दर्ज किया गया था। अदालत ने कहा कि अंतरात्मा की आवाज पर धर्म अपनाने की स्वतंत्रता का अधिकार यह सुनिश्चित करता है कि हर व्यक्ति अपनी धार्मिक आस्थाओं को चुनने, उनका अनुसरण करने और उन्हें अभिव्यक्त करने के लिए स्वतंत्र है। हालांकि, अंतरात्मा और धर्म की स्वतंत्रता के व्यक्तिगत अधिकार को धर्मांतरण के सामूहिक अधिकार के रूप में नहीं समझा जा सकता।
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मौलाना तौकीर रजा ने क्या कहा था?
बीते दिन तौकीर मौलाना तौकीर रजा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर ऐलान किया था कि हमने तो प्रशासन से परमीशन मांग ली है। हम 21 जुलाई की सुबह 11 बजे बरेली के खलील हायर सेकेंडरी स्कूल में धर्म परिवर्तन और निकाह का पहला चरण शुरू करेंगे। इसके मुताबिक 5 लड़के-लड़कियों का धर्म परिवर्तन कर उनका निकाह करवाया जाएगा। रजा ने ये भी कहा कि इस परमिशन में काफी मात्रा में मुस्लिम लड़कियां भी शामिल हैं जिन्होंने हिन्दू लड़कों से शादी की है। तौकीर रजा ने आगे कहा कि इस दौरान हिंदू लड़के-लड़कियों को कलमा और नमाज पढ़वाई जाएगी।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 16 July 2024 at 16:44 IST