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Published 14:53 IST, September 10th 2024

आदमखोर भेड़ियों के झुंड का पांचवा सदस्य पकड़ा गया, अब 'अल्फा' की तलाश

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के करीब 50 गांवों में आतंक का पर्याय बने आदमखोर भेड़ियों के झुंड में शामिल पांचवे भेड़िये को वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया।

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alpha male wolf
alpha male wolf | Image: Pixabay

UP News: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के करीब 50 गांवों में आतंक का पर्याय बने आदमखोर भेड़ियों के झुंड में शामिल पांचवे भेड़िये को मंगलवार तड़के वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया। अब वन विभाग को 'अल्फा' नामक भेड़िये की तलाश है।

बहराइच के प्रभागीय वन अधिकारी अजीत प्रताप सिंह ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि आदमखोर भेड़ियों के झुंड में शामिल एक भेड़िए को आज तड़के करीब सवा छह बजे महसी तहसील के सिसैया चूणामणि गांव के हरबख्शसिंह पुरवा से पकड़ा गया। यह मादा भेड़िया है।

 भेड़ियों के झुंड के पांचवे सदस्य ने मचा रखा आतंक 

उन्होंने बताया कि यह पिछले करीब डेढ़ महीने से महसी तहसील के 50 गांव में आतंक का पर्याय बने छह भेड़ियों के झुंड का पांचवां सदस्य है। सिंह ने कहा कि अब इस झुंड का आखिरी भेड़िया बचा रह गया है और वह 'अल्फा भेड़िया' हो सकता है जिसे जल्द ही पकड़े जाने की उम्मीद है।

इससे पहले, वन विभाग की टीम ने गत 29 अगस्त को झुंड में शामिल चौथे भेड़िये को पकड़ा था। सिंह ने बताया, "सोमवार शाम करीब छह बजे चक मार्ग पर हमें दो भेड़ियों के पैरों के निशान दिखे। वहीं, कौवों का झुंड भी दिखा। इसी बीच खबर आई कि पास के नथुवापुर गांव से एक पालतू बकरी गायब है। इससे यह तय हो गया था कि भेड़िये ने बकरी को उठाकर खाया है, और अब इनका जोड़ा यहीं कहीं आराम कर रहा होगा।’’

सुबह पांच बजे शुरू किया था अभियान 

उन्होंने कहा, ‘‘यह करते-करते देर शाम हो गयी। शाम या रात में अभियान संभव नहीं था, इसलिए हम जाल, पिंजरा, खाबड़ (लकड़ी के फ्रेम वाला जाल), साधारण व थर्मल ड्रोन लेकर वहीं इनके मूवमेंट के इंतजार में बैठ गये।" उन्होंने बताया, "मंगलवार सुबह पांच बजे हमने अभियान शुरू किया। हमने कांबिंग शुरू की, पटाखे चलाए और भेड़िये को जाल की तरफ ले जाने में कामयाब हो गये। करीब सवा छह बजे एक भेड़िया हमारे जाल में फंस गया। उसे हमने पिंजरे में कैद कर लिया। यह एक मादा भेड़िया है। उसका जोड़ीदार नर भेड़िया मौके से भाग निकला है। जो भाग निकला है, शायद वही इस झुंड का मुख्य भेड़िया ‘अल्फा’ है।"

अल्फा भेड़िए के लंगड़े होने की बात से पीछे हो रहा वन विभाग

इस बीच अल्फा भेड़िए के लंगड़े होने की बात से अब वन विभाग पीछे हो रहा है। सिंह ने कहा, “अभियान के बीच में कहीं पर झुंड में एक लंगड़ा भेड़िया होने की बात आ गई होगी लेकिन अब तक की गतिविधियों पर गौर करें तो लंगड़े भेड़िये की थ्योरी आधार हीन लग रही है। इन दिनों धान के खेतों में पानी भरा है, ऐसे में पांव उठाकर रखने में एक पैर का दबाव अधिक हो सकता है। इसी वजह से संभवतः शुरुआत में कहीं से लंगड़े भेड़िए की बात आई होगी।” उन्होंने कहा कि जब तक झुंड में शामिल आखिरी भेड़िया नहीं पकड़ लिया जाता तब तक मुश्किल खत्म नहीं होगी।

इस बीच, प्रदेश की प्रमुख वन संरक्षक रेनू सिंह ने पत्रकारों से कहा कि आज पकड़ी गयी मादा भेड़िया को किसी चिड़ियाघर में भेजने की कोशिश की जाएगी। पकड़ी गई मादा भेड़िया आदमखोर है अथवा नहीं, इस सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि अवश्य ही आदमखोर होगी क्योंकि एक भेड़िए के आदमखोर होने पर पूरा झुंड ही मानवभक्षी हो जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘फिर भी वह आदमखोर है या नहीं इस सवाल पर अंतिम निष्कर्ष इसके व्यवहार को देखकर ही निकाला जा सकेगा।’’

बहराइच की महसी तहसील के 50 गांव में आतंक का कारण बने छह भेड़ियों के झुंड को पकड़ने के लिए पिछली 17 जुलाई से ‘ऑपरेशन भेड़िया’ चल रहा है। इन भेड़ियों के हमले में अब तक कम से कम छह लोगों की मौत हो चुकी है जबकि दो अन्य लोगों की मौत का कारण भी भेड़ियों का हमला ही बताया जा रहा है। हालांकि अभी इसकी पुष्टि होना बाकी है।

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Updated 14:53 IST, September 10th 2024