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Published 23:48 IST, September 5th 2024

श्रमिक संगठनों का हिस्सा न बनें शिक्षक : योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक शिक्षक श्रमिक संगठन का हिस्सा नहीं हो सकता है।

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Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath
Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath | Image: X@myogiadityanath

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक शिक्षक श्रमिक संगठन का हिस्सा नहीं हो सकता है, और उसे इसमें शामिल भी नहीं होना चाहिए क्योंकि यह उसकी गरिमा के प्रतिकूल है। उन्होंने कहा कि जब भी आप अपने आप को श्रमिक संगठन बनाने का प्रयास करेंगे तो आप अपने सम्मान के साथ स्वयं खिलवाड़ करेंगे। योगी ने कहा कि प्रतिदिन प्रार्थना सभा में श्रीमद्भागवत गीता या रामचरितमानस के उद्धरणों पर पांच मिनट का संबोधन बच्चों के बीच हो सकता है, ऐसे प्रयासों से बच्चों के मन मस्तिष्क पर आजीवन अच्छी छाप बनी रहेगी।

मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के उत्कृष्ट शिक्षकों को राज्य पुरस्कार वितरित करने के बाद वहां मौजूद शिक्षकों व अन्य लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही। एक बयान के मुताबिक बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित समारोह में बेसिक शिक्षा विभाग के 41 और माध्यमिक शिक्षा विभाग के 13 शिक्षकों (कुल 54) को पुरस्कृत किया गया। सभी शिक्षकों को मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से पुरस्कृत किया।

मांगों को रखने के लिए लोकतांत्रिक तरीके मौजूद हैं- CM योगी

राज्य अध्यापक पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से कहा, ‘‘ अपनी मांगों को रखने के लिए लोकतांत्रिक तरीके मौजूद हैं। आज तो डिजिटल माध्यम से ई-मेल से भी मांगपत्र भेजे जा सकते हैं। अधिकारियों को भेजने के साथ या उसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेजा जा सकता है।’’

मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि सरलता से लिखा हुआ, मुद्दों पर आधारित आपका ज्ञापन आदेश होगा, भीख नहीं होगी और शिक्षक को आज के समय में भीख मांगना अच्छा नहीं है। ’

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक देश के भविष्य निर्माता हैं इसलिए भी उन्हें नवाचार पर निरंतर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसकी शुरुआत स्कूल से ही की जा सकती है। शिक्षक बच्चों और अभिभावकों को साथ लेकर विद्यालय के वातावरण को स्वच्छ, सुंदर और हराभरा बना सकते हैं। इसी विद्यालयों के वातावरण को आध्यात्मिक बनाने की दिशा में भी प्रयास की जा सकते हैं। प्रतिदिन प्रार्थना सभा में श्रीमद्भागवत गीता या रामचरितमानस के उद्धरणों पर पांच मिनट का संबोधन बच्चों के बीच हो सकता है। ऐसे प्रयासों से बच्चों के मन मस्तिष्क पर आजीवन अच्छी छाप बनी रहेगी।

शिक्षा और शिक्षकों को क्यों शंका और संशय की निगाह से देखा जा रहा है- सीएम योगी

उन्होंने कहा कि यह विचारणीय है कि शिक्षा और शिक्षकों को क्यों शंका और संशय की निगाह से देखा जा रहा है। तीन दशक पूर्व हमारे राजकीय इंटर कॉलेज सबसे उत्कृष्ट केंद्र थे। शिक्षकों के बनाए वातावरण से वहां छात्रों की संख्या काफी अच्छी थी। आज छात्र संख्या में गिरावट है। बढ़ती जनसंख्या के बीच स्कूलों में बच्चों की घटती संख्या चिंताजनक है। विद्यालय के वातावरण को लेकर शिक्षकों को विचार करना ही होगा।

योगी ने कहा कि भारत हमेशा से गुरु परम्परा को सम्मान देने वाला देश रहा है। हमारे शास्त्र ‘गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णुः’ के मंत्र से गुरु के प्रति श्रद्धा का भाव दर्शाते हैं। संत कबीरदास जी ने ‘गुरु-गोविंद दोऊ खड़े’ के उद्धरण से गुरु को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया है। गुरु के प्रति श्रद्धा का भाव इसलिए है कि बिना श्रद्धा के ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती। हमारे यहां कहा भी गया है, श्रद्धावान लभते ज्ञानम्। और जो ज्ञानी नहीं हो सकता वह जीवन में कुछ नहीं कर सकता।

उन्होंने कहा कि एक शिक्षक समाज की श्रद्धा का केंद्र होता है लेकिन श्रद्धावान बनने के लिए कठिन परिश्रम, साधना करनी पड़ती है। केवल डिग्री लेने से ज्ञान नहीं आता, इसके लिए कठिन साधना भी जरूरी है। साधना का मार्ग कठिन जरूर होता है लेकिन उसके परिणाम सर्वोत्तम आते हैं। साधना से तपे कार्य के परिणाम उत्कृष्ट आते हैं। इसलिए शिक्षकों को कठिन साधना के मार्ग से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति अचानक शिक्षक नहीं बन जाता है, उसे निरंतर अभ्यास से गुजरना पड़ता है। अपने छात्रों के लिए उसे समझाने का सरलतम तरीका सोचना पड़ता है।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों की उत्कृष्ट सेवा, नवाचार और उनके अनुभवों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देशित किया है कि इन पुरस्कृत शिक्षकों की सेवा एससीईआरटी (स्टेट काउंसिल ऑफ़ एजुकेशनल रिसर्च ऐंड ट्रेनिंग) के पाठ्यक्रमों और पुस्तकों के लिए जी जाए। बच्चों को सरलता से विषय वस्तु समझाने के लिए इन शिक्षकों के अनुभव बहुत सहायक होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन शिक्षकों को शिक्षा सेवा चयन आयोग में भी प्रतिनिधि के रूप में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षक जब नवाचार से जुड़ेंगे तो उसका लाभ बच्चों को होगा। उन्होंने कहा कि अच्छा शिक्षक वही है जो किसी पाठ में प्रस्तावना और निष्कर्ष सरलता से समझा दे। बच्चे को सार समझ में आ गया तो वह पूरा पाठ समझ लेगा।

उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि वे सरल नियम, सूत्र, मुहावरा, लोकोक्ति, कविता तैयार कर और उद्धरणों से बच्चों को सहजता से पढ़ाएं-समझाएं तथा पढ़ाने का नया-नया तरीका खोजें।

विद्यालयों को अनुसंधान एवं विकास का केंद्र बनाएं- योगी

योगी ने शिक्षकों से कहा कि वे विद्यालयों को अनुसंधान एवं विकास का केंद्र बनाएं। उन्होंने कहा कि हमारे विद्यालयों के ही छात्र भविष्य में नेतृत्वकर्ता बनेंगे। प्रगतिशील किसान, आदर्श राजनेता, आदर्श शिक्षक, आदर्श चिकित्सक और आदर्श अधिवक्ता बनेंगे और अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली पीढ़ी तैयार करने की जिम्मेदारी शिक्षकों पर ही है।

उन्होंने कहा कि उप्र में बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में चलाए गए ऑपरेशन कायाकल्प की सराहना नीति आयोग में हुई और इसे अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय माना गया। ऑपरेशन कायाकल्प से प्रदेश के 1.36 लाख विद्यालय आच्छादित हुए। अच्छे कार्यों की होड़ लगी तो सीएसआर के सहयोग से भी विद्यालय सुदृढ़ हुए। प्रदेश में ऑपरेशन कायाकल्प के साथ ही स्कूल चलो अभियान के बेहतरीन परिणाम आए हैं।

उन्होंने कहा कि भीख मांगकर दान नहीं दिया जाता है। पुरुषार्थ से अर्जित आय से ही दान दिया जाता है। समाज को पुरुषार्थ के मार्ग पर प्रेरित करने की जिम्मेदारी भविष्य निर्माता शिक्षकों पर है। इस जिम्मेदारी को समझने पर भावी पीढ़ी आपके प्रति श्रद्धा का भाव व्यक्त करेगी।

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Updated 23:48 IST, September 5th 2024