अपडेटेड 12 April 2025 at 18:37 IST
भगवा झंडे, हाथों में तलवारें और लोगों का हुजूम; राणा सांगा पर विवाद के बीच करणी सेना ने आगरा में दिखाई ताकत, Video
Karni Sena: उत्तर प्रदेश के आगरा में 'रक्त स्वाभिमान सम्मेलन' में करणी सेना की एकता और ताकत का प्रदर्शन देखने को मिला।
- भारत
- 4 min read

Karni Sena: उत्तर प्रदेश के आगरा में आज, 12 अप्रैल को आयोजित 'रक्त स्वाभिमान सम्मेलन' में करणी सेना की एकता और ताकत का प्रदर्शन देखने को मिला। राणा सांगा की जयंती के मौके पर कुबरेपुर मैदान में यह सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस आयोजन में बड़ी संख्या में करणी सेना के कार्यकर्ता शामिल हुए।
'रक्त स्वाभिमान सम्मेलन' में करणी सेना ने अपनी एकता दिखाई। इस सम्मेलन में देशभर से 3 लाख से अधिक राजपूतों के जुटने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि प्रदेश से क्षत्रिय समाज के लोग, करणी सेना समेत अन्य हिंदू संगठन भी शामिल होने पहुंचे हैं। सामने आए वीडियो में लोगों के हाथों में भगवा झंडे और तलवारें नजर आईं। गौरतलब है कि करणी सेना की ओर से एक डंडा और एक झंडा के साथ आने के लिए कार्यकर्ताओं का आह्वाहन किया गया था।
अखिलेश बोले- अगर सरकार ने खुली छूट दे रख…
रामजीलाल सुमन की टिप्पणी को लेकर सुलगे विवाद पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि प्रशासन रामजीलाल सुमन के साथ किसी भी तरह का अपमानजनक व्यवहार नहीं कर पाएगा। अगर सरकार ने इसके लिए अभी भी खुली छूट दे रखी है, तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार है।
करणी सेना के प्रदर्शन पर क्या बोली कांग्रेस?
करणी सेना के 'रक्त स्वाभिमान सम्मेलन' से आए वीडियो पर कांग्रेस ने निशाना साधा है। कांग्रेस ने एक्स पर ट्वीट कर लिखा- 'यह आगरा में करणी सेना के शक्ति प्रदर्शन का वीडियो है। लहराते हाथों में नंगी तलवारें! सरकार की कृपा से देश के युवाओं के हाथों में कलम-किताब और रोजगार की बजाय तलवार-फरसे थमा दिए गए हैं। यह देखकर सत्ताभोगियों का कुनबा बहुत खुश होगा क्योंकि 'क्राइम युक्त यूपी' का सपना साकार हो रहा है। मगर, उन्हें यह समझना चाहिए कि ये तलवारें दोधारी हैं, जो कब उनके ऊपर ही कहर बरपा दें, कोई नहीं जानता!'
Advertisement
रामजीलाल सुमन के किस बयान पर मचा है बवाल?
समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन ने 16वीं सदी के राजपूत राजा राणा सांगा पर अपने बयान से विवाद खड़ा किया था। उन्होंने कथित तौर पर मुगल वंश के संस्थापक बाबर को इब्राहिम लोदी को हराने के लिए लाने के लिए उन्हें देशद्रोही कहा था। राणा सांगा, जिन्हें संग्राम सिंह प्रथम के नाम से भी जाना जाता है, 1508 से 1528 तक मेवाड़ के शासक थे और अपनी बहादुरी और बलिदान के लिए जाने जाते हैं। सुमन के बयान की व्यापक रूप से आलोचना की गई, जिसमें कई लोगों ने माफी मांगने और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
विवाद के बीच रामली लाल सुमन के घर हमला
मामला इतना गर्माया कि 26 मार्च को आगरा में सपा सांसद सुमन के आवास के बाहर हिंसा भड़क उठी थी। अज्ञात व्यक्तियों ने पथराव किया, खिड़कियों के शीशे तोड़े और बाहर खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ की। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि हमले के दौरान जिले में मौजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हमले के लिए सहमति दी। अखिलेश यादव ने कहा, 'रामजी लाल सुमन के साथ हुई घटना दुखद है और इसकी निंदा की जानी चाहिए। रामजी लाल सुमन दलित सांसद हैं और उनके पास काफी अनुभव है और उनके आवास पर हमला तब हुआ जब मुख्यमंत्री खुद जिले में थे। यह हमला यूपी के मुख्यमंत्री की सहमति से हुआ।'
Advertisement
Published By : Priyanka Yadav
पब्लिश्ड 12 April 2025 at 17:58 IST