अपडेटेड 6 February 2025 at 19:19 IST

नकली डॉक्यूमेंट से असली आधार कार्ड... नोएडा पुलिस ने किया फेक दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 9 आरोपी गिरफ्तार

नोएडा पुलिस ने फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया। फर्जी दस्तावेजों के जरिये आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, रेंट एग्रीमेंट बनाते थे।

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 Noida Police busted gang making fake documents
नकली डॉक्यूमेंट से असली आधार कार्ड... , 9 आरोपी गिरफ्तार | Image: noidapolice

Noida Police: नोएडा पुलिस ने फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। ये लोग फर्जी दस्तावेजों के जरिये आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, रेंट एग्रीमेंट, निवास प्रमाण पत्र बनाने का काम बीते 5-6 सालों से कर रहे थे। जिसके जरिए हर महीने 6 से 7 लाख रुपए कमा रहे थे। थाना बिसरख पुलिस ने फर्जी दस्तावेज बनाने वाले 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों के पास से पुलिस को 10 मोबाइल फोन, 02 लैपटॉप, 06 CPU व अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं। रोजना 20 से 25 हजार रुपये कमाते थे।

डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जिसमें कुछ बैंककर्मियों और कुछ कॉल सेंटर के मालिक और कर्मचारियों की मदद से कुछ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर असली आधार कार्ड बन रहे थे। इसमें कुल नौ लोगों की गिरफ्तारी की गई है। जिसमें से दो मौजूदा समय में प्राइवेट बैंक में कर्मी हैं। 7 लोग ऐसे गिरफ्तार किए गए हैं जो कॉल सेंटर में इस तरह के सर्विस सेंटर में काम करते हैं।

नकली डॉक्यूमेंट से असली आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़

पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास से पास एक आईडी भी मिली थी इससे यह लोग अलग-अलग तरह के सरकारी और निजी डॉक्यूमेंट के लिए अप्लाई करते थे। उनके पास से कई सारे बिजली के बिल, फर्जी रेंट एग्रीमेंट, बर्थ सर्टिफिकेट मिले हैं, इन दस्तावेजों की मदद से छोटे बच्चों का जिन बच्चों की उम्र 2 से 3 वर्ष है और जिनका बायोमेट्रिक अभी तक नहीं लिया गया है, उनका बायोमेट्रिक  लेने के बाद, क्योंकि इसमें दो कर्मचारी बैंक के भी हैं, उन लोगों को लाइसेंस मिला हुआ था UIADI का, इस तरह के डॉक्यूमेंट से आधार कार्ड को अप्लाई करते थे, असली का आधार कार्ड निकलवाते थे फर्जी दस्तावेजों के जरिए।

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gov.in नाम से डोमेन, रोजाना 20 हजार की कमाई; 6 साल से चल रहा था गोरखधंधा

डीसीपी अवस्थी ने बताया कि आरोपियों ने इस चीज का भी ख्याल रखा कि जब वह फर्जी डॉक्यूमेंट बनाए तो उसमें जो क्यूआर कोड है, जिस वेबसाइट पर रीडायरेक्ट हो वह वेबसाइट बिल्कुल ओरिजिनल वेबसाइट की तरह दिखती हो, लेकिन वह उनके द्वारा बनाई गई एक फर्जी वेबसाइट थी। इन्होंने gov.in नाम से एक डोमेन नाम ले रखा है जिससे वह असली की तरह दिखे लेकिन वह नकली है। इसमें मुख्य आरोपी का नाम अजय जायसवाल है और वह लगभग 5 से 6 साल से कम कर रहा है और कई प्राइवेट कंपनियों में भी काम किया हुआ है। इसने अन्य लोगों को नौकरी पर रखा हुआ था जो इस तरह के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर चुके हैं। यह लोग एक डॉक्यूमेंट का दो से ₹3000 लेते थे। इनकी रोजाना की इनकम 15 से ₹20000 की थी। यह पिछले 6 साल से लगातार इस काम को कर रहा था, इसमें दो अन्य बैंक कर्मियों की भी मदद ली जा रही थी।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 6 February 2025 at 19:19 IST