अपडेटेड 30 March 2025 at 13:08 IST

कोठी, कैमरा और कांड! पोर्न बनाकर नोएडा के कपल ने कमाए 22 करोड़, 400 से ज्‍यादा मॉडल्‍स को करा चुके थे न्‍यूड, ऐसे होता था खेल

प्रर्वतन निदेशालय (ED) की एक टीम जब नोएडा के आलिशान कोठी में छापेमारी करने पहुंची तो एक बड़े 'डर्टी बिजनेस' का खुलासा हो गया।

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कोठी, कैमरा और कांड! पोर्न बनाकर नोएडा के कपल ने कमाए 22 करोड़, 400 से ज्‍यादा मॉडल्‍स को करा चुके थे न्‍यूड, ऐसे होता था खेल | Image: Pixabay

Noida News: प्रर्वतन निदेशालय (ED) की एक टीम जब नोएडा के आलिशान कोठी में छापेमारी करने पहुंची तो एक बड़े 'डर्टी बिजनेस' का खुलासा हो गया। कोठी में रह रहा कपल विदेशी पोर्न वेबसाइट को पोर्न वीडियोज (Porn Video) और वेमकैम (Adult Webcam) से अश्‍लील शो बेचकर करोड़ों की कमाई कर रहे थे। छापेमारी के दौरान नोएडा के सेक्‍टर 105 स्थित कोठी में तीन मॉडल्‍स भी मिलीं जो पोर्न शूट कर रही थी। पुलिस को मौके से 8 लाख रुपए कैश बरामद हुआ है। कपल की पहचान उज्जवल किशोर और नीलू श्रीवास्तव के रूप में हुई है। उज्जवल और नीलू ने कोठी के अंदर बाकायदा स्‍टूडियो बनवाया था और विज्ञापन निकाल कर मॉडल्‍य को बुलाया जाता था। इस मामले में छानबीन की जा रही है ताकि‍ इस गैंग के जड़ तक पहुंचा जा सके।

जानकारी के मुताबिक उज्जवल किशोर और नीलू श्रीवास्तव रिश्‍ते में पति-पत्‍नी हैं। दोनों ने मिलकर 'सबडिजी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड' नाम की एक कंपनी बनाई थी। यह कंपनी अडल्ट वीडियो (Adult Video) का कारोबार कर रही थी। कपल ने साइप्रस की एक कंपनी 'टेक्नियस लिमिटेड' से समझौता किया था। टेक्नियस लिमिटेड की ओर से 'एक्सहैम्सटर' (xhamster) और 'स्ट्रिपचैट' (stripchat) जैसी पोर्न वेबसाइट का संचालन किया जाता है। नोएडा में देसी पोर्न बनाकर यह कपल विदेशी वेबसाइट को भेजता था और बदले में वहां से उन्हें मोटी रकम अकाउंट में भेजी जाती थी।

ED को इस बात पर हुआ शक, छापेमारी में खुला गंदे धंधे का खेल

इधर सबडिजी के खाते में लगातार विदेश से मोटी रकम आ रही थी। कंपनी की ओर से बताया जाता था कि वह विज्ञापन, मार्केट रिसर्च और पब्लिक ओपनियन पोल जैसे कारोबार में शामिल है। FEMA नियमों के उल्लंघन का शक होने पर पर ईडी ने जब इसकी जांच शुरू की तो पूरा खेल सामने आ गया। ईडी के मुताबिक, सबडिजी कंपनी और इसके डायरेक्टर्स के अकाउंट्स में विदेशों से 15.66 करोड़ रुपये आने का पता चला है। इसके अलावा नीदरलैंड्स में भी एक अकाउंट का पता चला है जिसमें 7 करोड़ रुपये भेजे गए थे। इस रकम को इंटरनेशनल डेबिट कार्ड्स के जरिए भारत में कैश निकाला जा चुका है। इस तरह अब तक 22 करोड़ से अधिक कमाई का पता चल चुका है।

यूरोप से अफ्रीका तक फैला था पोर्न का नेटवर्किंग, ऑडिशन के नाम पर आती थी मॉडल्‍स

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जानकारी के मुताबिक नोएडा सेक्टर-105 (Noida Sector 105) के सी ब्लॉक की जिस कोठी से दंपती गिरफ्तार किए गए, वह दिल्ली के एक डॉक्टर की है। आरोपी दंपती ने इसे किराये पर लिया हुआ था। वहीं, ऑडिशन के नाम पर महिला मॉडलों को बुलाकर अश्लील कंटेंट बनाने वाले धंधे का नेटवर्क साइप्रस के अलावा यूरोप और अफ्रीका के कई देशों में फैला है। ED ने छापेमारी के दौरान स्टूडियो में काम कर रही मॉडल्स (Models) के बयान भी दर्ज किए हैं। इसके अलावा, बैंक के लेन-देन और अन्य वित्तीय मामलों की भी गहराई से जांच की जा रही है। जांच एजेंसी ED का कहना है कि इस मामले में जल्द ही और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। ED आगे भी कानूनी कार्रवाई करने की योजना बना रही है। इस मामले ने देश में पोर्न कंटेंट बनाने के अवैध नेटवर्क को उजागर कर दिया है। साथ ही, यह भी पता चला है कि विदेशी फंडिंग का गलत इस्तेमाल कैसे किया जा रहा है।

5 साल से चल रहा था धंधा, अबतक 400 लड़कियों को उतारे जा चुके कपड़े

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अब तक की जांच में कई सनसनीखेज बातें सामने आई हैं। यह भी पता चला है कि पांच साल से यह गंदा धंधा नोएडा में चल रहा था और सैकड़ों लड़कियों को इसका शिकार बनाया जा चुका है। सूत्रों के अनुसार, प्राथमिक जांच में सामने आया है कि दंपती बीते पांच सालों से इस रैकेट का संचालन कर रहा था। सोशल मीडिया के माध्यम से आरोपी दंपती और उसके साथी देश के मॉडलों से संपर्क करते थे। इसके लिए फेसबुक पर एक पेज बनाया गया था। धंधा जब चल निकला तो दंपती ने इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप समेत अन्य प्लेटफॉर्म पर भी इसका विस्तार किया। ज्यादातर मॉडल दिल्ली-एनसीआर की होती थीं। सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर ऑडिशन की जानकारी दी जाती थी।

अनुमान लगाया जा रहा है कि 5 साल से पोर्न का कारोबार चला रहे पति-पत्नी 400 से अधिक लड़कियों के कपड़े कैमरे के सामने उतरवा चुके थे। विज्ञापन देखकर मॉडल्स ने इनसे संपर्क किया और उनके धंधे का हिस्सा बनीं। क्रिप्टो के माध्यम से दंपती के द्वारा उपलब्ध कराए गए खातों में रकम आती थी। इसी रकम से मॉडलों को भुगतान किया जाता। रकम का महज 25 प्रतिशत युवतियों को दिया जाता, बाकी का हिस्सा दंपती अपने पास रखते थे। वीडियो शूट के लिए हाफ फेस शो, फुल फेस शो और न्यूड जैसी करीब पांच कैटेगरी थीं। काम के अनुसार मॉडल को रकम दी जाती। इस रैकेट का सरगना पहले रूस के एक सेक्स सिंडिकेट का हिस्सा रह चुका है।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 30 March 2025 at 13:08 IST