अपडेटेड 26 August 2025 at 12:45 IST
Nikki Bhati Murder Case: FIR की कॉपी आई सामने, इन धाराओं में दर्ज है मुकदमा, गायब है सबसे बड़ा आरोप; आखिर क्यों?
ग्रेटर नोएडा के निक्की भाटी मर्डर केस में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है अलग-अलग पहलू सामने आ रहे हैं।
- भारत
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Nikki BHati Murder Case: ग्रेटर नोएडा के निक्की भाटी मर्डर केस में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है अलग-अलग पहलू सामने आ रहे हैं। लेकन अब इस मामले में सबसे बड़ा अपडेट सामने आया है। निक्की के परिजनों का कहना था कि दहेज के लिए उसके पति और ससुरालवालों ने उसे जिंदा जलाया है लेकिन इस केस के पहले FIR में दहेज की धारा नहीं है। यहां तक पुलिस को दिए गए तहरीर में भी दहेज का जिक्र नहीं है। हो सकता है पुलिस इस मामले की जांज करने के बाद दहेज की धारा जोड़े।
वहीं इस मामले में निक्की का पति विपिन, उसकी सास, जेठ और ससुर पुलिस की गिरफ्त में हैं। विपिन भाटी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। वहीं हिरासत में विपिन का कहना है कि उसने उसे नहीं मारा बल्कि निक्की ने खुद आग लगा खुदकुशी की है। वहीं मारपीट वाले वीडियो को उसने स्वीकार किया कि पति-पत्नी के बीच अक्सर झगड़ होते हैं।
FIR में कौन-कौन सी धाराएं, किसमें कितनी सजा
- BNS धारा 103(1) – हत्या (Murder)
- BNS धारा 115(2) - जानबूझकर चोट पहुंचाना
- BNS धारा 61(2) – आपराधिक षड़यंत्र
अब अगर सजा की बात करें तो बीएनएस धारा 103 हत्या (Murder) को परिभाषित करती है और इसके लिए दंड का प्रावधान करती है। जिसके अनुसार हत्या के दोषी व्यक्ति को मृत्युदंड या आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा हो सकती है। इस धारा के उपखंड (2) में समूह द्वारा भेदभावपूर्ण आधार पर की गई हत्या (भीड़ द्वारा हत्या) को संबोधित किया गया है, जिसमें ऐसे हर सदस्य को मौत या आजीवन कारावास की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
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वहीं भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 115(2) के तहत, यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को स्वेच्छा से चोट पहुंचाता है और ऐसा करने से उसे नुकसान पहुंचता है, तो उस पर अधिकतम एक वर्ष तक की कैद या दस हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों का दंड लग सकता है। यह धारा भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 323 का स्थान लेती है और इसके तहत किए गए अपराधों में आमतौर पर आसानी से जमानत मिल जाती है।
इसके अलावा भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 61(2) आपराधिक साजिश से संबंधित है और इसके तहत दो प्रकार की सजा का प्रावधान है: यदि साजिश किसी ऐसे अपराध को करने के लिए की गई है जिसकी सजा मृत्युदंड, आजीवन कारावास या दो साल या उससे अधिक के कारावास से होती है, तो साजिशकर्ताओं को उसी अपराध की सजा के समान दंडित किया जाएगा। यदि साजिश किसी अन्य, कम गंभीर अपराध के लिए की गई है, तो साजिशकर्ताओं को छह महीने से अधिक का कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
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क्या कह रहे विपिन के पड़ोसी
पड़ोसियों ने दावा किया कि निक्की और उसकी बहन कंचन की सोशल मीडिया गतिविधियों को लेकर भी भाटी परिवार में विवाद था। सिरसा गांव के निवासियों ने आरोप लगाया कि एक ही परिवार में विवाहित दोनों बहनें अपने घर में ब्यूटी पार्लर चलाती थीं और इंस्टाग्राम पर सक्रिय थीं। स्थानीय लोगों ने दावा किया कि दोनों बहनें ‘मेकओवर’ से जुड़ी रील पोस्ट करती थीं, जिस पर उनके पति विपिन और रोहित भाटी आपत्ति जताते थे। पड़ोस में रहने वाले एक व्यक्ति ने कहा, 'वे दोनों (निक्की और कंचन) मेकओवर से संबंधित रील बनाकर सोशल मीडिया पर साझा करती थीं लेकिन रोहित और विपिन दोनों को यह पसंद नहीं था, जिसका वे इसका विरोध करते थे।'
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 26 August 2025 at 12:45 IST