अपडेटेड 17 June 2025 at 19:15 IST
Murliwale Hausla: ICU से निकलने के बाद भी 8000 सांपों को नई जिंदगी देने वाले मुरली का हौसला बुलंद, चुटकी बजाते ही पकड़ा जहरीला सांप, VIDEO
मुरलीवाले हौसला की कहानी हमें सिखाती है कि सच्ची सेवा जोखिम के बिना नहीं आती। वे न केवल सांपों की जान बचाते हैं, बल्कि लोगों को भी यह समझाते हैं कि प्रकृति के इन जीवों से डरने की जगह उन्हें समझने की ज़रूरत है। वो कहते हैं, 'मैंने जहर को हराया, अब फिर से वही काम करूंगा, ज़िंदगी बचाने का।'
- भारत
- 4 min read
Murliwale Hausla: 3 जून दिन मंगलवार यही वो दिन था जब सांपों के मसीहा मुरलीवाले हौसला को एक विषधर भुजंग के विष का शिकार बनना पड़ा था। किस्मत अच्छी थी कि समय रहते जौनपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में उचित इलाज मिला और जान बच गई। ऐसे खतरनाक सांप के हमले के बाद भी अगर कोई फिर से सांप पकड़ने चला जाए तो वो हौसला हमने मुरलीवाले में ही देखा है। मौत को मात देकर मुरली अस्पताल के आईसीयू से निकले ही थे कि एक और सांप डॉक्टर के यहां बाथरूम में निकल आया था। ये कोई साधारण सांप नहीं था ये 'करैत' ये इतना खतरनाक सांप होता है कि देश में सबसे ज्यादा मौतें 'करैत' के काटने से ही होती हैं। 'करैत' 'कोबरा' की तुलना में 15 गुना ज्यादा विषैला होता है।
इस खतरनाक विषैले 'करैत' सांप को मुरलीवाले हौसला ने ऐसे पकड़ा मानो कोई खिलवाड़ कर रहे हों। अभी मुरलीवाले के हाथ की पट्टियां भी नहीं खुली थी और उनके हाथ में ग्लूकोज लगाने वाली ड्रिप भी नहीं निकाली गई थी। ऐसे में जब सांप के बाथरूम में होने की खबर मिली तो वहीं पर मुरलीवाले हौसला ने सांप के रेस्क्यू का अभियान शुरू कर दिया। 'करैत' को बचाने का ये वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में हम देखते हैं कि कैसे गजब की फुर्ति दिखाते हुए मुरलीवाले हौसला ने सांप को पकड़ा हालांकि इस दौरान 'करैत' ने उन्हें कई बार काटने की कोशिश भी की लेकिन वो अपने प्रयास में असफल रहा और मुरली ने बहुत ही आसानी से उसे पकड़कर पानी से भरी बाल्टी में डाल दिया।
जब सांपों का रक्षक ही बन गया था 'विषधर' का 'शिकार'
हजारों जहरीले सांपों को बचाने वाले 'सांपों के मसीहा' के नाम से मशहूर मुरलीवाले हौसला खुद 3 से 5 जून तक जिंदगी और मौत के बीच जूझते नजर आए, जब एक कोबरा ने उन्हें डस लिया। यह घटना जलालपुर क्षेत्र की है, जहां मुरलीवाले हौसला एक कोबरा के रेस्क्यू के लिए पहुंचे थे। जैसे ही उन्होंने सांप को फंसे हुए जाल से निकालने की कोशिश की, उसी क्षण पहले से ही घात लगाए बैठे कोबरा ने बिजली की रफ्तार से उनपर हमला कर दिया। हमला इतनी तेजी से किया गया था कि एक सेकेंड के 14वें हिस्से में जहर उनके शरीर में पहुंच चुका था। वे बेहोश होकर गिर पड़े। उंगली में कोबरा के दांत टूट कर धंस गए थे और जहर पूरे शरीर में फैल रहा था। जिन हाथों ने अब तक 8000 से अधिक सांपों की जान बचाई थी, वही हाथ उस दिन कांप उठे थे। डॉक्टरों ने बताया कि वे मौत से महज़ दो मिनट दूर थे। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां 10 एंटीवेनम इंजेक्शन दिए गए। लगातार पांच घंटे तक बेहोशी, लेकिन हजारों लोगों की दुआओं और उनकी खुद की जीवटता ने उन्हें जिंदगी की ओर लौटा दिया।
मुरलीवाले हौसला से सीख मिलती है सच्ची सेवा बिना जोखिम के नहीं आती
मुरलीवाले हौसला पिछले कई वर्षों से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर सांपों को बचाते रहे हैं। उनका उद्देश्य सिर्फ लोगों को सांपों से सुरक्षित रखना ही नहीं, बल्कि सांपों की भी रक्षा करना है, जो पर्यावरण की जैविक श्रृंखला में एक अहम भूमिका निभाते हैं। उनका यह अनुभव एक बार फिर इस बात की मिसाल है कि जो जिंदगी के लिए लड़ते हैं, उनके लिए जिंदगी भी लड़ती है। सोशल मीडिया पर लाखों दिलों की धड़कन, और जमीनी स्तर पर हजारों जिंदगियों के रक्षक मुरलीवाले हौसला सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि साहस, सेवा और समर्पण का प्रतीक हैं। एक सर्पमित्र के रूप में उन्होंने अब तक 8000 से अधिक सांपों की जान बचाकर उन्हें सुरक्षित जंगलों में छोड़ा है। लेकिन हाल ही में आई एक घटना ने यह दिखा दिया कि जो जिंदगी बचाते हैं, उनकी अपनी जान भी हर पल जोखिम में होती है। मुरलीवाले हौसला की कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्ची सेवा जोखिम के बिना नहीं आती। वे न केवल सांपों की जान बचाते हैं, बल्कि लोगों को भी यह समझाते हैं कि प्रकृति के इन जीवों से डरने की जगह उन्हें समझने की जरूरत है।
Advertisement
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 17 June 2025 at 19:02 IST