अपडेटेड 7 June 2025 at 11:59 IST
Murliwale Hausla News: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में नौपेड़वा के रहने वाले सर्पमित्र मुरलीवाले हौसला (Murliwale Hausla) किसी परिचय के मोहताज नहीं है। सोशल मीडिया पर उनके कई मिलियन फॉलोवर्स हैं और आए दिन उनके सांपों के रेस्क्यू करने वाले खतरनाक वीडियोज को देखते हैं और अपनी राय दिया करते हैं। बीते मंगलवार (3 जून) को जौनपुर के जलालपुर क्षेत्र में एक कोबरा जो जाल में फंस गया था उसके रेस्क्यू के लिए मुरलीवाले को बुलाया गया। जब वो वहां पहुंचे तो कोबरा निर्जीव सा पड़ा था। दरअसल गांव के लोगों ने उसे बार-बार छेड़कर काफी परेशान कर दिया था। जिसकी वजह से वो घात लगाए हुए बैठा था। मुरलीवाले हौसला जैसे ही कैंची लेकर उस कोबरा को बचाने के लिए पहुंचे तो पहले से ही घात लगाए बैठे 'भुजंग' ने बहुत ही फुर्ती से वार किया और जब तक कि मुरलीवाले हौसला कुछ समझ पाते तब तक कोबरा ने उन्हें डस लिया था। दंश इतना खतरनाक था कि कोबरा के कुछ दांत टूटकर मुरलीवाले हौसला की अंगुलियों में फंस गए थे, जिन्हें मुरलीवाले ने अपने दांतों से खींचकर बाहर निकाला था। जैसे उन्होंने इलाज लेने के लिए अस्पताल जाने की कोशिश की तो उनकी कार स्टार्ट नहीं हुई। मुरलीवाले को उस समय लगा था कि अब तो मौत निश्चित है। लेकिन तभी गांव के उस शख्स जिसने उन्हें कोबरा पकड़ने के लिए बुलाया था वो अपनी बाइक पर बैठाकर ले गया।
शुक्रवार को जब मुरलीवाले हौसला अस्पताल से ठीक होकर अपने घर के लिए रवाना हुए तो उन्होंने फेसबुक लाइव आकर अपने शुभचिंतकों को इस पूरी घटना के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। मुरलीवाले ने बताया कि कैसे वो मौत के मुंह से बचकर निकल आए। मुरलीवाले हौसला को 'सांपों के मसीहा' के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने अब तक 8000 से भी अधिक सांपों की जान बचाई है। लेकिन मंगलवार को 'सांपों के मसीहा' को भी कोबरा का शिकार बनना पड़ गया था। हालांकि वो विषधर के इस हमले से मौत के मुंहाने से निकल आए हैं, लेकिन उस दौरान उनके पास अपना जीवन बचाने के लिए महज 40 मिनट ही बचे थे। फेसबुक लाइव के दौरान मुरलीवाले हौसला ने बताया कि अगर उनकी कार स्टार्ट हो गई होती तो शायद वो इस दुनिया में नहीं होते, लेकिन भाग्यवश उनकी कार नहीं स्टार्ट हुई और उन्हें बाइक से अस्पताल ले जाना पड़ा यही उनके लिए मौत को मात देने की वजह बन गया था।
जौनपुर के निजी अस्पताल से ठीक होकर निकलने के बाद 'सांपों के मसीहा' मुरलीवाले हौसला (Murliwale Hausla) ने बताया कि अगर मंगलवार को कोबरा के डसने के बाद उनकी कार स्टार्ट हो गई होती तो शायद वो आज जिंदा नहीं बचते। उन्होंने बताया कि कोबरा के काटने के बाद आपके पास महज 40 मिनट का समय होता है। अगर 40 मिनट में आपका अस्पताल में इलाज शुरू नहीं हो जाए तो आप की मौत निश्चित है। ये बात मुरलीवाले हौसला को अच्छी तरह से पता थी। मुरलीवाले हौसला ने आगे बताया कि कोबरा के हमले के बाद जब उनकी कार स्टार्ट नहीं हुई तो एक पल तो उन्हें ऐसा लगा कि अब तो मौत निश्चित है लेकिन ये उनके लिए वरदान साबित हुआ। चूंकि वो एक गांव के संकरे रास्ते से होते हुए जौनपुर के अस्पताल पहुंचे थे जहां से एक कार के लिए निकल पाना मुश्किल था इसके अलावा शहर की भीड़ में कार तेजी से नहीं जा सकती थी। ऐसे में कार नहीं स्टार्ट होने की वजह से वो जिसके घर कोबरा पकड़ने के लिए गए थे उन्होंने अपनी बाइक पर मुरलीवाले हौसला को बैठाया और खेतों और पगडंडियों के बीच से होते हुए शॉर्टकट रास्तों से महज 38 मिनट में अस्पताल पहुंच गए थे।
हजारों सांपों की जान बचाने वाले 'सांपों के मसीहा' मुरलीवाले हौसला (Murliwale Hausla) कोबरा दंश का शिकार होने के बाद मौत से महज 2 मिनट की दूरी पर थे। उन्होंने बताया कि जब कोबरा ने उन्हें काटा तो उन्हें अगले 40 मिनट में अस्पताल पहुंचना था। हालांकि 38 मिनट में वो अस्पताल पहुंच भी गए थे लेकिन अस्पताल पहुंचते ही उनकी इंद्रियों ने काम करना लगभग बंद कर दिया था। उन्हें सुनाई देना बंद हो गया था उन्हें दिखाई देना भी बंद हो गया था और उनका कलेजा दर्द से फटा जा रहा था। उन्होंने बताया कि अस्पताल पहुंचने के बाद मैं डॉक्टर से सिर्फ इतना ही कह पाया था कि मुझे कोबरा ने काट लिया है और वो मेरी गाड़ी में एक डिब्बे में रखा है। इसके बाद वो अचेत हो गए और अगले 5 घंटों तक बेहोश रहे। इस दौरान डॉक्टर ने उन्हें 10 एंटीवेनम इंजेक्शन दिए। ईश्वर की कृपा रही कि मुरलीवाले हौसला को सही समय पर सही इलाज मिल गया और वो ठीक हो गए।
अस्पताल से ठीक होकर जब मुरलीवाले हौसला निकले तो वो सीधे जौनपुर की शीतला माता चौकियां के दर्शन के लिए पहुंचे और इतनी बड़ी आपदा से उबरने के बाद मां का धन्यवाद दिया। इस दौरान उन्होंने फेसबुक पर लाइव आकर अपने शुभचिंतकों को बताया कि अब वो बिलकुल ठीक हैं। मुरलीवाले हौसला को जब ये लगने लगा था कि अब जान नहीं बचेगी तब उन्होंने अपने ईष्ट भगवान श्रीकृष्ण को याद किया और कहा कि हे भगवान अगर मैंने जीवन में किसी के साथ जानबूझ कर कोई भी बुरा काम किया हो तो मुझे कल का सूरज मत दिखाना। लगातार 5 घंटे तक बेहोश रहने के बाद मुरलीवाले हौसला को होश आया। इस दौरान उन्हें 10 एंटीवेनम इंजेक्शन दिए गए थे। उन्होंने बताया कि ये आप लोगों की दुआओं का ही असर था कि मैं आज जिंदा हूं। मुरलीधर ने बताया कि वैसे तो वो सेफ्टी और सुरक्षा के साथ ही ऐसे खतरनाक कामों को करते हुए आए हैं लेकिन इस कोबरा रेस्क्यू में मुझसे कुछ गलती हो गई थी या कह लीजिए कि ये भगवान की मर्जी थी जो ऐसा हुआ।
मुरलीवाले हौसला जब ठीक होकर अपने घर जा रहे थे तभी उन्होंने फेसबुक लाइव आकर अपने शुभचिंतकों को बताया कि कैसे वो कोबरा के दंश का शिकार बन गए। उन्होंने कहा, 'मंगलवार (3 जून) का दिन था जब मुझे फोन आया कि फलां इलाके में एक सांप जाल में फंस गया है... 8 तारीख को मुझे दिल्ली जाना था जिसके लिए मैंने अपनी गाड़ी को सर्विसिंग के लिए दे रखा था। गाड़ी में ही मेरा टूल जैसे कि ग्लव्स, स्टिक और भी सांप पकड़ने के औजार उसी में थे। तो जब मुझे यहां बुलाया गया तो मैं बिना टूलकिट के ही चला आया था। ग्रामीण इलाकों में जब कोई सांप दिख जाता है तो लोग उसे छेड़कर, लकड़ी डंडे से छूकर इतना परेशान कर देते हैं कि वो एकदम क्रोध में आ जाता है। ऐसा ही कुछ यहां भी मामला था। मुझे लगा ये मासूम सा जीव जाल में फंसा है मैं इसको आसानी से जाल काटकर छुड़ा देता हूं। जैसे ही मैंने जाल काटने के लिए कैंची उठाई और उसकी स्किन को बचाते हुए मैंने जाल काटा ही था कि क्रोध से भरा हुआ कोबरा तेजी से मेरी ओर झपटा और मुझे इतनी तेज से काटा कि उसके कुछ दांत टूटकर मेरी अंगुलियों में ही फंस गए।'
मुरलीवाले हौसला एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के साथ-साथ एक सर्पमित्र हैं जिन्हें सांपों की जान बचाने के लिए जाना जाता है। वो साहस और सेवा की एक मिसाल हैं। मुरलीवाले गांवों और शहरों में से सांपों का रेस्क्यू कर उन्हें जंगलों में छोड़ देते हैं। अब तक मुरलीवाले हौसला ने 8000 से भी ज्यादा सांपों की जान बचाई है। यूट्यूब पर मुरलीवाले हौसला के 15 मिलियन से भी ज्यादा फॉलोवर हैं इसके अलावा फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी उनके कई मिलियन फॉलोअर्स हैं। उन्होंने बताया कि जब जलालपुर इलाके में वो एक जाल में फंसे कोबरा को रेस्क्यू करने पहुंचे थे तो उन्हें सांप ने डस लिया था। मुरलीवाल ने बताया कि कोबरा ने उन्हें इतनी जोर से काटा था कि उसके कुछ दांत टूटकर उनकी अंगुलि में फंस गए थे जिन्हें मुरलीवाले ने अपने दांतों से खींच कर निकाला था। कोबरा के काटते ही वो तड़प उठे थे। इलाज के लिए उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। मुरलीवाले ने ठीक होने के बाद बताया कि कैसे मौत उनसे महज दो मिनट की दूरी पर रह गई थी, लेकिन ईश्वर की कृपा से वो मौत को भी शिकस्त देकर बच निकले।
पब्लिश्ड 7 June 2025 at 11:59 IST