अपडेटेड 9 March 2025 at 17:23 IST
Waqf Bill: वक्फ विधेयक पर मौलाना यासूब अब्बास का आरोप, कहा- सरकार ने मुसलमानों की आपत्तियों को किया नजरअंदाज
Waqf Bill: ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड सहित देशभर के मुस्लिम संगठनों और समुदाय के लोगों ने वक्फ विधेयक को लेकर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है।
- भारत
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राघवेंद्र पांडेय
Waqf Bill: ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड सहित देशभर के मुस्लिम संगठनों और समुदाय के लोगों ने वक्फ विधेयक को लेकर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है। इस संबंध में पांच करोड़ से अधिक ई-मेल भेजे गए, तर्कपूर्ण दस्तावेज प्रस्तुत किए गए और विधेयक की हर धारा का विस्तार से विश्लेषण किया गया। बावजूद इसके, सरकार ने इन आपत्तियों पर विचार नहीं किया और विधेयक को और अधिक सख्त बना दिया।
शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, "लोकतंत्र की प्रक्रिया में सभी हितधारकों से संवाद करना आवश्यक होता है, लेकिन इस विधेयक के मामले में ऐसा नहीं हुआ। पहले जब भी वक्फ कानून में संशोधन हुआ, मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों से परामर्श लिया गया था। लेकिन इस बार हमें विश्वास में नहीं लिया गया, जो चिंताजनक है।"
समिति में विचारों की अनदेखी
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विपक्षी दलों द्वारा कड़ी आलोचना के बाद सरकार ने 31 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का गठन किया, लेकिन इसमें सत्तारूढ़ दल का बहुमत था। समिति ने मुस्लिम समुदाय द्वारा प्रस्तुत तर्कों और सुझावों को स्वीकार नहीं किया और विधेयक को और अधिक कठोर बना दिया। विपक्षी सांसदों द्वारा सुझाए गए 44 संशोधनों को भी पूरी तरह अस्वीकार कर दिया गया।
मौलाना यासूब अब्बास ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "हमारी उम्मीद थी कि सरकार हमारी आपत्तियों पर विचार करेगी और संतुलित समाधान निकालेगी। लेकिन हमारे सुझावों को नजरअंदाज कर दिया गया, जिससे मुस्लिम समुदाय में चिंता बढ़ी है।"
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विधेयक को लेकर समुदाय की आशंकाएं
शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस विधेयक को मुस्लिम समुदाय के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि वक्फ संपत्तियों का संरक्षण सभी के हित में है। मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, "हमारी मांग सिर्फ इतनी है कि वक्फ संपत्तियों को संरक्षित रखा जाए और कोई भी ऐसा कानून न बनाया जाए जिससे समुदाय की धार्मिक और सामाजिक गतिविधियां प्रभावित हों।"
मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि बोर्ड का मानना है कि इस विधेयक के प्रभाव से मुस्लिम समुदाय को आर्थिक रूप से नुकसान हो सकता है। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार इस पर पुनर्विचार करेगी और हमारे प्रतिनिधियों से संवाद स्थापित कर उचित समाधान निकालेगी।
सहयोगी दलों से भी अपील
शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने सरकार के सहयोगी दलों से भी अपील की है कि वे इस विषय पर विचार करें और मुस्लिम समुदाय की चिंताओं को समझने का प्रयास करें। मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, "हम सभी राजनीतिक दलों से अनुरोध करते हैं कि वे निष्पक्ष रूप से इस विधेयक की समीक्षा करें और न्यायोचित निर्णय लेने में सरकार का मार्गदर्शन करें।"
शांतिपूर्ण संवाद की आवश्यकता
शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने यह स्पष्ट किया कि मुस्लिम समुदाय शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखेगा और उम्मीद करेगा कि सरकार इस विषय पर खुलकर चर्चा करे। मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, "हम चाहते हैं कि इस विधेयक को लेकर पारदर्शी संवाद हो और मुस्लिम समुदाय की चिंताओं को गंभीरता से सुना जाए। हमारा उद्देश्य केवल न्यायपूर्ण समाधान प्राप्त करना है।"
शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस विषय को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की योजना बनाई है और जल्द ही आगे की रणनीति तय करेगा।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 9 March 2025 at 17:23 IST