अपडेटेड 29 August 2025 at 14:55 IST

मैं CBI ऑफिसर बोल रहा हूं...100 साल के बुजुर्ग को 6 दिनों तक रखा डिजिटल अरेस्‍ट, जब तक समझ आता तब तक 1.29 करोड़ का लगा दिया चूना

सरोजनीनगर इलाके में 100 वर्षीय बुजुर्ग हरदेव सिंह और उनके 70 वर्षीय बेटे सुरिंद्र पाल सिंह को डिजिटल अरेस्ट कर 1.29 करोड़ रुपये की ठगी की गई।

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100-year-old held in 'digital arrest' for 6 days in Lucknow, son pays Rs 1.29 crore
मैं CBI ऑफिसर बोल रहा हूं...100 साल के बुजुर्ग को 6 दिनों तक रखा डिजिटल अरेस्‍ट, जब तक समझ आता तब तक 1.29 करोड़ का लगा दिया चूना | Image: pixabay

कुछ दिनों पहले नोएडा में एक रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी को परिवार के साथ 36 दिनों तक डिजिटल अरेस्‍ट कर 3 करोड़ रुपए की ठगी का मामला सामने आया था। ठीक ऐसा ही एक घटना राजधानी लखनऊ में घटी है। यहां के सरोजनीनगर इलाके में 100 वर्षीय बुजुर्ग हरदेव सिंह और उनके 70 वर्षीय बेटे सुरिंद्र पाल सिंह को डिजिटल अरेस्ट कर 1.29 करोड़ रुपये की ठगी की गई। ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर पिता-पुत्र को 6 दिनों तक डर और भ्रम में रखा और उनके बैंक खातों से मोटी रकम हड़प ली।

पुलिस ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की छानबीन कर रही है। सुरिंद्र पाल सिंह (70) के मुताबिक उनके पिता हरदेव सिंह की उम्र करीब 100 वर्ष है। 20 अगस्त को पिता के मोबाइल फोन पर अंजान नंबर से कॉल आई थी। फोन करने वाले ने खुद को सीबीआई अफसर आलोक सिंह बताया। उसने हरदेव सिंह पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए अरेस्ट वारंट जारी होने की बात कही। इसके बाद वाट्सएप कॉल कर डिजिटल अरेस्ट किए जाने की बात कही। ठग के दूसरे साथी ने भी फोन कर डिजिटल अरेस्ट किए जाने की बात दोहराई। इसके बाद वेरीफिकेशन के नाम पर हरदेव को डराकर उनके उनके बैंक के खातों से जुड़ी जानकारियां ले लीं।

अलग-अलग खातों में कई बार भेजी रकम

सुरिंद्र के मुताबिक आरोपियों ने उन्हें और उनके पिता को इतना डरा दिया था कि वह किसी और से इस बारे में बात तक नहीं कर सके। इसके बाद 22 अगस्त को आईसीआईसीआई बैंक पोंडा के खाते में 45 लाख, 25 अगस्त को आईसीआईसीआई बैंक शाखा जलगांव फाटा के खाते में 45 लाख और 26 अगस्त को जलगांव फाटा के ही खाते में सात लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। ठग पीड़ित को अलग अलग बैंक खाते भेजते थे।

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पीड़ित के मुताबिक आरोपियों ने रुपयों के वेरिफिकेशन करने के बाद रकम वापस करने का झांसा दिया था। मंगलवार शाम तक जब पीड़ित को उनकी रकम वापस नहीं मिली तो उन्हें संदेह हुआ। इसके बाद उन्होंने हेल्पलाइन नंबर 1930 पर फोन कर अपनी शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद थाने पहुंचे और तहरीर दी। पुलिस ठगों के मोबाइल नंबर के आधार पर केस दर्ज कर छानबीन कर रही है।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 29 August 2025 at 14:55 IST