अपडेटेड 1 August 2024 at 16:27 IST
BREAKING: मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में मुस्लिम पक्ष को झटका, इलाहाबाद HC ने खारिज की याचिका
मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के विवाद को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। फैसले में हिंदू पक्ष की बड़ी जीत हुई है
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Krishna Janmabhoomi Dispute: मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के विवाद को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। फैसले में हिंदू पक्ष की बड़ी जीत हुई है। अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दी है। मुस्लिम पक्ष ने हिंदू श्रद्धालुओं की याचिका को चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने कहा है कि वह हिंदू पक्ष की सभी 18 याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।
जस्टिस मयंक कुमार जैन की बेंच ने इन सभी 18 मामलों को सुनवाई के योग्य माना है और कहा है कि इन पर मेरिट के आधार पर सुनवाई की जाएगी। जस्टिस मयंक कुमार जैन ने इस मामले पर सुनवाई करने के बाद 6 जून को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। दरअसल, शाही ईदगाह मस्जिद ने हाई कोर्ट में उन याचिकाओं को चुनौती दी थी जिनमें इस मामले पर सुनवाई करने की अपील की गई थी।
क्या है हिंदू पक्ष का दावा
हिंदू पक्ष का दावा है कि मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद कटरा केशवदेव मंदिर की 13.37 एकड़ जमीन पर बनाई गई थी। हिंदू पक्ष का तर्क है कि इसी स्थान पर भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था और उनके पोते वज्रनाभ ने एक विशाल मंदिर बनवाया था। हिंदू पक्ष का तर्क है कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने कटरा केशवदेव मंदिर को ध्वस्त कर उस पर शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था।
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हिंदू पक्ष ने यह भी कहा है कि 1968 में मुस्लिम पक्ष के साथ हुआ समझौता अवैध है और पूरी जमीन भगवान कृष्ण के मंदिर को दी जानी चाहिए. हिंदू पक्ष ने यह भी कहा है कि शाही ईदगाह मस्जिद के अंदर एक प्राचीन हिंदू मंदिर के निशान हैं।
मुस्लिम पक्ष का दावा
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वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि पूजा स्थल अधिनियम 1991 के तहत हिंदू पक्ष द्वारा किए गए दावे टिकाऊ नहीं हैं। मुस्लिम पक्ष ने कहा है कि समझौते के तहत 13.37 एकड़ जमीन शाही ईदगाह को दी जाएगी। इसके अलावा मुस्लिम पक्ष ने लिमिटेशन एक्ट, वक्फ एक्ट और स्पेशल रिलीफ एक्ट का हवाला देकर हिंदू पक्ष की याचिकाओं का भी विरोध किया है।
मुस्लिम पक्ष का यह भी कहना है कि मामले से साफ है कि मस्जिद का निर्माण 1669-1670 में हुआ था। मुस्लिम पक्ष इस बात से इनकार करता है कि मस्जिद से पहले वहां कोई मंदिर था। वहीं, हिंदू पक्ष ने औरंगजेब के दौर के इतिहासकारों का हवाला देते हुए कहा है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 1 August 2024 at 14:32 IST