अपडेटेड 21 July 2024 at 13:48 IST

जयंत चौधरी को रास नहीं आया योगी सरकार का फैसला; बोले- 'क्या कुर्ते में भी लिखना शुरू कर दें नाम'

UP News: नेमप्लेट विवाद पर जयंत चौधरी कहा कि कांवड़ ले जाने वाले या सेवादार की कोई पहचान नहीं होती है। धर्म या जाति की पहचान करके कोई सेवा नहीं लेता है।

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RLD Leader Jayant Chaudhary
जयंत चौधरी | Image: Facebook/File

UP Nameplate controversy: 'नेमप्लेट' पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के फैसले का विरोध अब केंद्र में सत्तारूढ़ NDA के भीतर भी होने लगा है। केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल ने फैसले पर आपत्ति जताई है। आरएलडी के मुखिया जयंत चौधरी ने कहा है कि ज्यादा समझकर फैसला नहीं लिया है। अभी भी समय है, फैसला वापस हो जाना चाहिए, या उस पर ज्यादा कोई जोर ना दिया जाए।

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री जयंत चौधरी रविवार को मुजफ्फरनगर गए। यहां कांवड़ यात्रा में दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के आदेश पर आरएलडी प्रमुख ने सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कांवड़ ले जाने वाले या सेवादार की कोई पहचान नहीं होती है। धर्म या जाति की पहचान करके कोई सेवा नहीं लेता है। सेवादार हैं वो आशीर्वाद की तरह काम करते हैं। कोई जाति या धर्म की पहचान करके सेवा नहीं लेता है और ना ही इस मामले को धर्म-जाति से जोड़ा जाना चाहिए।

ज्यादा समझकर फैसला नहीं लिया है- जयंत

जयंत ने कहा कि मुझे लगता है कि ज्यादा समझकर फैसला नहीं लिया है, लेकिन फैसला लिया है तो उस पर टिक रहे हैं। कभी कभी सरकार में ऐसा हो जाता है। उन्होंने आगे कहा कि अभी भी समय है, फैसला वापस हो जाना चाहिए। हालांकि आरएलडी प्रमुख ने यहां ये भी कहा कि देख रहा हूं और मुझे कहीं ऐसा नहीं लगा कि कोई जोर जबरदस्त इस पर हुई है। जो स्वेच्छा से लगा रहा है, वो लगा ले रहा है।

'क्या कुर्ते में भी लिखना शुरू कर दें, अपना नाम'

जयंत चौधरी ने वेज और नॉनवेज वाले तर्क को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि जहां तक वेज और नॉनवेज की बात है तो उसमें सेंस है। अगर कोई शाकाहारी है तो ये प्रमाणित होना चाहिए खाना है वो शाकाहारी हो। जो बनाने की प्रक्रिया है, वो शाकाहारी होनी चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि अगर किसी के हाथ से बन रही है, उससे क्या मतलब है। मुसलमान शाकाहारी भी हैं और हिंदू मीट खाने वाले भी हैं। टायर पंचर की शॉप पर भी नाम लग रहे हैं, इस पर जयंत चौधरी ने कहा कि कहां कहां नाम लगाओ। क्या कुर्ते में भी लिखना शुरू कर दें, अपना नाम। या देखकर हाथ मिलाना है या गले लगाना है।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 21 July 2024 at 13:48 IST