अपडेटेड 19 June 2025 at 07:59 IST

गूगल मैप, वीडियो कॉल...कानपुर पुलिस ने शुरू की ऑपरेशन 'दिव्य दृष्टि', हिस्ट्रीशीटरों पर होगी पैनी नजर

कानपुर पुलिस ने अनोखा प्रोजेक्ट 'दिव्य दृष्टि' शुरू किया है जिसके माध्यम से हिस्ट्रीशिटर की गूगल लोकेशन का इस्तेमाल करके उन पर हर पल नजर रखी जाएगी।

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Kanpur Police: कानपुर पुलिस ने एक अनोखा प्रजोक्ट 'दिव्य दृष्टि' शुरू किया है। इसके जरिये अब पुलिस हिस्ट्रीशीटर अपराधियों पर उनकी गूगल लोकेशन के माध्यम से पल-पल नजर रख सकेगी।

अब तक जिन पर ज्यादा अपराध होते हैं उनकी हिस्ट्रीशीटरों की निगरानी पारंपरिक पुलिस रेगुलेशन एक्ट के तहत होती थी। अब बदलते परिवेश के साथ कानपुर पुलिस तकनीक को इसमें शामिल करते हुए अपराधियों की पल-पल की निगरानी कर पाएगी। इसके लिए प्रोजेक्ट 'दिव्य दृष्टि' शुरू किया गया है। इस प्रोजेक्ट में अपराधियों के मोबाइल में एक्टिव जीपीएस और गूगल मैप की मदद से उनकी लोकेशन पुलिस के पास उपलब्ध रहेगी।

हिस्ट्रीशीटर्स से भरवाया जाएगा ये पत्र 

जानकारी के अनुसार, हर थाने में इसके लिए एक विशेष टीम बनाई गई है जो इंटरनेट और लैपटॉप के माध्यम से निगरानी का काम करेगी। पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने बताया कि किसी की निजता भंग ना हो इसके लिए हिस्ट्रीशीटर से सहमति पत्र भरवाया जाएगा कि उनको अपनी मॉनिटरिंग करवाने में कोई आपत्ति नहीं है। अगर किसी को आपत्ति होगी तो उसकी मॉनिटरिंग इस अभियान के तहत नहीं की जाएगी।

अभियान से क्या फायदा?

पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने कहा, 'पुलिस विभाग में हिस्ट्रीशीटर्स की चेकिंग कि एक पारंपरिक व्यवस्था होती है जिसमें घरों में जाकर चेकिंग की जाती है। इसमें कई ऐसे हिस्ट्रीशीटर हैं जो अपराध की दुनिया छोड़ चुके होते हैं और उनकी प्राइवेसी टूटती है, वह परेशान होते हैं। आज नई टेक्नोलॉजी आ गई है, जहां जीपीएस के जरिये लोकेशन का पता लगा सकते हैं। वर्तमान में हमें गूगल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया है। इसके जरिये हम हिस्ट्रीशीटर्स की लाइव लोकेशन लगातार जानेंगे। एक व्यवस्था के तहत हम ऑपरेशन 'दिव्य दृष्टि' लागू कर रहे हैं जिसमें लोकेशन बेस्ड सर्विसेस का इस्तेमाल किया जाएगा। समय-समय पर उन्हें वीडियो कॉल कर वेरिफाई किया जाएगा।'

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दिक्कतों का भी करना पड़ सकता है सामना

उन्होंने आगे कहा, 'जो त्रिनेत्र कैमरे लगे हैं इनके साथ मिलकर अगर हम प्रयोग करें तो फिर हिस्ट्रीशीटर्स के घर जाकर चेक करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। निजता के अधिकार का सम्मान करते हुए यह निगरानी केवल उन अपराधियों पर की जाएगी जो इसके लिए लिखित सहमति देंगे। यदि कोई सहमत नहीं होता, तो उसे इस योजना में शामिल नहीं किया जाएगा। ये प्रयोगनात्मक है। इसे देखा जाएगा कि इसका फायदा मिल रहा है या नहीं। क्योंकि इसके तहत कुछ परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। जैसे मोबाइल का डिस्चार्ज हो जाना, इंटरनेट की दिक्कत होना। इन सभी चीजों की समीक्षा की जाएगी।'

अपराधी पर कैसे होगी निगरानी? 

प्रारंभिक तौर पर सभी थाना प्रभारी 50 हिस्ट्रीशीटर से शुरुआत करेंगे। इस अभियान से पुलिस बिना किसी अपराधी के घर पर जाए उसकी निगरानी कर सकेगी। इसके साथ ही इस अभियान से उन अपराधियों को फायदा मिलेगा जो अपराध की दुनिया छोड़ चुके है लेकिन पुलिस के समय-समय पर जाने से परेशान होते है। पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने बताया कि दूसरे चरण में विदेशों की तर्ज पर ankle/wrist device लगाने पर विचार किया जाएगा जिसमें गूगल लोकेशन की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

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Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 19 June 2025 at 07:59 IST