अपडेटेड 22 July 2025 at 22:42 IST
UP: इस पुलिस कमिश्नरेट के 161 पुलिसकर्मी 'गुमशुदा', डिसलोकेट कैटेगरी में डाल विभाग ने मुख्यालय को भेजी रिपोर्ट; आखिर कहां हैं ये वर्दी वाले?
यूपी में कानपुर कमिश्नरेट में तैनात रहे 161 पुलिसकर्मी ‘गुमशुदा’ हैं। कोई चंद दिनों तो कोई तीन या छह महीने से गायब है। विभाग लगातार ढूंढ रहा है, उन्हें नोटिस भेज रहा है पर ये हैं कि सामने आते ही नहीं।
- भारत
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गौरव त्रिवेदी की रिपोर्ट
यूपी में कानपुर कमिश्नरेट में तैनात रहे 161 पुलिसकर्मी ‘गुमशुदा’ हैं। कोई चंद दिनों तो कोई तीन या छह महीने से गायब है। विभाग लगातार ढूंढ रहा है, उन्हें नोटिस भेज रहा है पर ये हैं कि सामने आते ही नहीं। सभी पुलिसकर्मी छुट्टी लेकर अपने घर गए थे लेकिन इसके बाद वापस ड्यूटी पर नहीं लौटे। थक-हारकर विभाग ने इनकी रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय भेज दी है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, इन गुमशुदा पुलिसकर्मियों में कमिश्नरेट के चारों जोन, पुलिस लाइन, कार्यालय और यातायात शाखा के कर्मचारी शामिल हैं। लंबे समय तक गैरहाजिर रहने और बार-बार पत्र भेजने के बावजूद कोई उत्तर न देने पर इन्हें 'डिसलोकेट' श्रेणी में डाल दिया गया है। विभाग ने इनके गृह जनपदों में दो-दो बार पत्राचार किया, लेकिन न तो कोई जवाब प्राप्त हुआ और न ही ये कर्मी ड्यूटी पर लौटे। इसके बाद, विभाग ने इनकी पूरी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेज दी है।
पुलिस उपायुक्त ने क्या कहा?
पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) एसएम कासिम आबिदी के मुताबिक, 161 नहीं बल्कि 53 पुलिसकर्मी बिना बताए लंबे समय तक अनुपस्थित चल रहे है। उनके खिलाफ विभागीय नियमों के तहत सख्त कार्रवाई की जाती है। उन्होंने बताया कि विभाग इन्हें ढूंढने के प्रयास लगातार कर रहा है और जल्द ही इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।
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सूत्रों का यह भी कहना है कि पुलिस विभाग में छुट्टी लेना आसान नहीं होता। ऐसे में कई बार पारिवारिक या व्यक्तिगत कारणों से कर्मचारी तय समय पर ड्यूटी पर हाजिर नहीं हो पाते। इस स्थिति को देखते हुए विभाग अब सख्ती बरतने की तैयारी कर रहा है, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
मेडिकल के आधार पर होती है वापसी
विभागीय सूत्र बताते हैं कि जो पुलिसकर्मी बिना सूचना दिए लंबी छुट्टी पर चले जाते हैं, वह लंबे समय वाद वापसी करने पर मेडिकल लेकर आते हैं। इसी के आधार पर वह ड्यूटी ज्वाइन करते हैं। कई बार विभाग उन्हें ज्वाइन नहीं कराता है तो वह कोर्ट का सहारा लेते हैं।
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Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 22 July 2025 at 22:40 IST