अपडेटेड 10 January 2025 at 13:05 IST

EXCLUSIVE/ 'संभल भारत के प्राचीन नगरों में से, यहां जामा मस्जिद नहीं...', 100 साल पहले जवाहर लाल नेहरू ने रिपोर्ट में किया था दावा

नेहरू ने रिपोर्ट में लिखा, 'मैं 8, 9 और 10 सितंबर को 3 दिन के लिए मुरादाबाद और संभल में था, ताकि मोहर्रम के दौरान वहां हुए हिंदू-मुस्लिम उपद्रव की जांच कर सकूं।

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'यहां जामा मस्जिद नहीं...', 100 साल पहले जवाहर लाल नेहरू ने रिपोर्ट में किया था दावा | Image: ANI and Wikipedia File

Sambhal Jama Masjid was Temple Made by Prithviraj Chauhan Claims Jawahar Lal Nehru in 1924 Report: उत्तर प्रदेश के जिस संभल और वहां की जामा मस्जिद को लेकर मुस्लिम पक्ष और सूबे की विपक्षी कांग्रेस और समाजवादी पार्टियां भले ही इस बात का दावा करें कि संभल में जामा मस्जिद की जगह मंदिर नहीं था, वैसे तो इस बात का खुलासा एएसआई की सर्वे रिपोर्ट में आ चुका है लेकिन अब से एक सदी पहले साल 1924 में कांग्रेस और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने भी संभल में हुए दंगों की रिपोर्टिंग के दौरान इस बात का दावा किया था कि संभल की जामा मस्जिद कभी मंदिर हुआ करती थी जिसे पृथ्वी राज चौहान ने बनवाया था। इस रिपोर्ट में पंडित नेहरू ने इस बात का भी दावा किया था कि संभल में दंगा फैलाने में मुसलमानों का ही हाथ होता था वहां के हिन्दू तो पीड़ित पक्ष से हुआ करते थे।


नेहरू ने साल 1924 में संभल दंगों की ग्राउंड रिपोर्टिंग के बाद महात्मा गांधी को भेजी गई अपनी 13 पन्नों की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया था कि संभल में दंगों के पीछे हिन्दू पक्ष जिम्मेदार नहीं है और वहां पर हिन्दू पीड़ित पक्ष है आए दिन हिन्दुओं को वहां के स्थानीय मुस्लिम तरह तरह से प्रताड़ित किया करते हैं। जवाहर लाल नेहरू ने साल 1924 में हुए हिन्दू मुस्लिम दंगों के बाद वहां के ग्राउंड पर जाकर तैयार की थी। इस रिपोर्ट में नेहरू ने दावा किया था कि यहां पर मुसलमान पक्ष प्रभावी है और वो आए दिन हिन्दुओं पर अत्याचार करता रहता है। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने महात्मा गांधी को भेजी गई अपनी इस रिपोर्ट में संभल की जमीनी सच्चाई की हकीकत बयां की है।


पृथ्वीराज चौहान के बनवाये मंदिर को ढहा कर बनी जामा मस्जिद

नेहरू ने संभल को भारत के सबसे प्राचीन नगरों में से एक बताया। उन्होंने लिखा कि 'आधुनिक कथाओं के अनुसार जामा मस्जिद एक 'सुंदर मंदिर' था, जिसे पृथ्वीराज चौहान ने बनवाया था।' रिपोर्ट के अंत में नेहरू ने निष्कर्ष निकालते हुए लिखा था, 'इस हिंसा के पीछे किसी बाहरी उकसावे का कोई प्रमाण नहीं है। 'स्थानीय लोग खुद इस घटना को अंजाम देने में सक्षम थे।' नेहरू ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, ' यहां पर हिन्दू पक्ष पीड़ित है उनमें से कई हिन्दुओं को बुरी तरह से पीटा गया है उनके दो मंदिरों को अपवित्र किया गया है जबकि मुस्लिम पक्ष दावा तो कर रहा था कि उनके पक्ष में भी लोग घायल हुए हैं लेकिन वो इस बात का सबूत नहीं दे पाए उनका कहना था कि हम ऐसी बातों को मीडिया के सामने नहीं रखना चाहते हैं।'


नेहरू ने 1924 में रिपोर्ट में संभल पर क्या लिखा?

नेहरू ने रिपोर्ट में लिखा, 'मैं 8, 9 और 10 सितंबर को तीन दिन के लिए मुरादाबाद और संभल में था, ताकि मोहर्रम के दौरान वहां हुए हिंदू-मुस्लिम उपद्रव की जांच कर सकूं। मेरे अनुरोध पर शेख बदरुजजमां लखनऊ से मुझसे दो दिन पहले आ गए थे और मेरे पहुंचने से पहले उन्होंने मुरादाबाद में कई लोगों से बातचीत की थी। फिर हम दोनों साथ में संभल गए। यह रिपोर्ट अभी तक श्री बदरुजजमां ने नहीं देखी है, क्योंकि वे लखनऊ में हैं और मैं इसे इलाहाबाद में लिख रहा हूं।' नेहरू की रिपोर्ट के मुताबिक संभल के सांप्रदायिक हिंसा का स्पष्ट शिकार हिंदू थे। नेहरू ने अपनी 13 पन्नों की रिपोर्ट में लिखा था कि "हिंदू पीड़ित पक्ष हैं।"यह रिपोर्ट 2024 में प्रकाशित नहीं हुई, बल्कि 1924 की है, जिसे पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लिखा था। अब से एक सदी पहले, जब संभल सांप्रदायिक हिंसा के लिए राष्ट्रीय चर्चा का केंद्र बना, तब भी यह महात्मा गांधी और कांग्रेस पार्टी के लिए गहरी चिंता का विषय था। गांधीजी ने नेहरू को इस घटना की जांच के लिए संभल भेजा। 'संभल में मुसलमानों की बड़ी आबादी और अन्य कारणों से, वे हमेशा से प्रभावी स्थिति में रहे हैं।

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सीएम योगी करवाएंगे 1978 संभल दंगों की जांच

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 1978 में संभल में हुए दंगों की फिर से जांच कराने की तैयारी कर ली है। इन दंगों में 184 हिन्दुओं की नृसंश हत्या हुई थी उन्हें जिंदा जला दिया गया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  में 1978 में हुए दंगों को जिक्र विधानसभा में अपने भाषण के दौरान किया था, सीएम योगी के भाषण के बाद ही संभल दंगों की फाइल की रीओपनिंग की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का भी दावा किया जा रहा है कि योगी सरकार का मानना है कि संभल दंगों की जांच में हिंदुओं के साथ काफी भेदभाव किया गया था, जिसके देखते हुए सरकार ने दंगों की फाइल को दोबारा खोलने के आदेश दे दिए हैं। इसके लिए गृह विभाग की ओर से संभल जिलाधिकारी और एसपी ऑफिस को पत्र भी लिखे गए है और एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट तबल की गई है।

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 10 January 2025 at 13:05 IST