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अपडेटेड 6 July 2025 at 12:01 IST

Murliwale Hausla: अंडों पर बैठी नागिन मार रही थी फुंफकार, मौत के मुंह से बाहर आए मुरलीवाले ने ऐसे किया काबू; देखें रेस्‍क्‍यू का VIDEO

जिले के थाना जफराबाद क्षेत्र के गांव समोदपुर कलां इस बार एक अनोखे और साहसिक रेस्क्यू ऑपरेशन का गवाह बना। यहां रहने वाले मनीष सरोज ने अपने घर में एक नागिन के दिखाई देने की सूचना देकर मुरलीवाले हौसला को मौके पर बुलाया। मुरलीवाले हौसला, जो अपने साहस और सर्प-रेस्क्यू कार्यों के लिए जाने जाते हैं, ने मौके पर पहुंचकर न केवल नागिन को सुरक्षित पकड़ा, बल्कि उसके साथ मौजूद अंडों को भी सुरक्षित किया। यह ऑपरेशन बेहद सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ अंजाम दिया गया।

Reported by: Ravindra Singh
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Murliwale Hausla: 8000 सांपों की जिंदगी बचाने वाले मुरली के हौसले को सलाम, मौत के मुंह से निकलने के बाद अंडों के साथ बैठी नागिन मार रही थी फुंफार फिर... | Image: Facebook Video Grab

Murliwale Hausla News: कोबरा के दंश से मौत को मात देकर मुरलीवाले हौसला एक बार फिर से अपने सफर पर निकल पड़े हैं। इस बार मुरलीवाले हौसला को उनके होम डिस्ट्रिक जौनपुर में एक नागिन का रेस्क्यू करने के लिए बुलाया गया। जौनपुर के थाना जफराबाद के अंतर्गत आने वाले गांव समोदपुर कलां इस बार मुरलीवाले के हौसलों का गवाह बना। यहां पर मनीष सरोज नाम के एक शख्स ने मुरलीवाले हौसला को फोन करके इस नागिन का रेस्क्यू करने के लिए बुलाया था। इस बार के रेस्क्यू ऑपरेशन में नागिन के साथ उसके अंडे भी बरामद हुए हैं। मुरलीवाले हौसला ने इस बार नागिन को पकड़कर उसे एक डिब्बे में उसके अंडों के साथ पैक कर दिया और डिब्बे में ऑक्सीजन के लिए छेद कर दिए। अंडों को सुरक्षित रखने के लिए डिब्बे में कुछ मिट्टी भी डाल दी गई थी।


मुरलीवाले हौसला एक सर्पमित्र हैं जो सांपों की रक्षा के लिए बार-बार अपना जीवन खतरे में डालते हुए दिखाई देते हैं। मुरलीवाले हौसला ने अब तक 8000 से भी ज्यादा सांपों की जान बचाई है। अपने इस सामाजिक कार्य के लिए वो कई बार स्थानीय स्तर पर सम्मानित हो चुके हैं। 3 जून को मुरलीवाले हौसला के जीवन में बहुत खतरनाक हादसा तब हुआ था जब वो जलालपुर इलाके में एक कोबरा को रेस्क्यू करने के लिए पहुंचे थे। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में मुरलीवाले हौसला ने बिना अपने टूल्स के ही जाल में फंसे कोबरा को बचाने के लिए जैसे ही हाथ बढ़ाया क्रोध से पागल 'विषधर' ने उनकी अंगुलि में जोरदार दंश मारा। कोबरा ने इतनी तेजी से काटा कि उसके दांत टूटकर मुरलीवाले हौसला की अंगुलियों में टूट कर धंस गए थे।


कोबरा के हमले से बाल-बाल बची थी मुरलीवाले हौसला की जान

जलालपुर कोबरा रेस्क्यू के दौरान मुरलीवाले हौसला की अंगुली में कोबरा के दांत फंसे थे और जहर तेजी से पूरे शरीर में फैल रहा था। नतीजा ये हुआ कि अस्पताल पहुंचते-पहुंचते वो अचेत हो चुके थे। इसके बाद डॉक्टर ने उन्हें एक के बाद एक करके 10 एंटीवेनम इंजेक्शन दिए और लोगों की दुआओं के बाद आखिरकार मुरलीवाले ने मौत को भी शिकस्त दे दी। फिलहाल अब वो एक बार फिर से अपने सांपों को बचाने वाले सफर पर निकल चुके हैं। कोबरा के दंश का शिकार बनने के बाद जौनपुर के जफराबाद में ये मुरलीवाले हौसला का चौथा सांपों का रेस्क्यू है। मुरलीवाले हौसला ने पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन की वीडियो अपने फेसबुक पेज पर शेयर की हुई है। इस वीडियो में हम साफ तौर पर देख सकते हैं कि गांव में एक अधूरे मकान को पूरा करने के लिए ईंटे रखीं गईं हैं और इन्हीं ईंटों के बीच छिपकर अपने अंडों के साथ बैठी थी नागिन।


मुरलीवाले ने हटाई ईंट तो देखा अंडे से रही थी नागिन और फिर...

जौनपुर में जफराबाद थाने के समोदपुर कलां गांव में जैसे ही सांप की खबर मुरलीवाला के पास पहुंची वो अपनी टीम और बचाव के उपकरणों के साथ उस जगह पर पहुंच गए जहां ग्रामीणों ने कोबरा होने का दावा किया था। जैसे ही मुरलीवाले हौसला ने ईंटें हटाईं वहां पर पहले तो अंडे दिखाई दिए और वो भी काफी बड़े। उसके बाद और ईंटें हटाने के बाद वहां से फुफकार मारती हुई नागिन निकली। पहले तो नागिन इतने सारे लोगों को एक साथ देखकर भागने की कोशिश करने लगी लेकिन मुरलीवाले हौसला के सामने उसकी एक न चली और जैसा कि हम कई बार देख चुके हैं कि बड़े से बड़ा विषैला सांप भी मुरलीवाले के सामने नतमस्तक हो जाता है वैसे ही ये नागिन भी उनकी गिरफ्त में आ गई मुरलीवाले ने उस नागिन को उसके अंडो समेत एक डिब्बे में भर लिया और जंगलों की ओर निकल पड़े जहां वो उसे एक सुरक्षित जगह दे सके।

मुरलीवाले हौसला ने बताया कैसे पहचानें नाग और नागिन में अंतर

मुरलीवाले हौसला ने सोशल मीडिया पर शेयर किए गए इस वीडियो में बताया कि उन्होंने कैसे पहचान लिया कि पकड़ा गया सांप फीमेल कोबरा यानि कि नागिन है। उन्होंने बताया कि हम बहुत आसानी से पता कर सकते हैं कि कौन सा सांप मेल है और कौन सा फीमेल है। मुरलीवाले हौसला ने बताया, 'मार्च और अप्रैल महीने में कोबरा मैटिंग करते हैं। इसके अगले दो महीनों तक यानि मई और जून के दौरान मादा (नागिन) अंडे देती है। इसके बाद जुलाई और अगस्त के महीनों तक नागिन इन अंडों को सेती है। अब ऐसे में सांप के जोड़े में से जो सांप अंडे से रहा है वो मादा हुई यानि कि नागिन हुई।'

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पब्लिश्ड 5 July 2025 at 19:33 IST