अपडेटेड 6 April 2025 at 13:03 IST
हेलीकॉप्टर से लगाई छलांग और पैराशूट नहीं खुला, IAF ऑफिसर की दर्दनाक मौत; धोनी को भी दे चुके थे स्काईडाइविंग की ट्रेनिंग
रामकुमार तिवारी (41) सुबह करीब 9.30 बजे ट्रेनिंग के लिए आगरा एयरबेस में थे। इस दौरान वह जवानों को पैरा जंपिंग की कला सिखा रहे थे।
- भारत
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गुजरात के जामनगर में इंडियन एयरफोर्स के लड़ाकू विमान हादसे में पायलट के शहीद होने के गम से लोग उबरे भी नहीं थे कि आगरा में वायुसेना के के वारंट अफसर रामकुमार तिवारी की मौत हो गई। वो डेमो ड्रोप के दौरान तकनीकी खामी के चलते पैराशूट नहीं खुलने से आसमान से करीब 19 हजार फीट ऊंचाई से धड़ाम से नीचे गिरे थे। उन्होंने अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के मुताबिक सिर में चोट लगने और ज्यादा खून बहने से उनकी जान गई। इस घटना पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दुख जताया है।
जानकारी के मुताबिक रामकुमार तिवारी (41) सुबह करीब 9.30 बजे ट्रेनिंग के लिए आगरा एयरबेस में थे। इस दौरान वह जवानों को पैरा जंपिंग की कला सिखा रहे थे। जमीन से 19 हजार फीट की ऊंचाई से जैसे ही वो हेलीकॉप्टर से कूदे, किसी टेक्निकल वजह से उनका पैराशूट नहीं खुल पाया। वह सीधे जमीन पर आकर गिर पड़े। यह देखते ही वहां मौजूद अन्य अफसर और ट्रेनिंग ले रहे जवान उनकी ओर भागे। उन्हें तुरंत स्ट्रेचर पर लिटाया। एम्बुलेंस से लेकर मिलिट्री हॉस्पिटल पहुंचे। डॉक्टरों ने गंभीर हालत देखते हुए तुरंत उन्हें ICU में एडमिट किया। यहां दो घंटे चले इलाज के बाद दोपहर 11.40 बजे उनकी मौत हो गई। सहायक पुलिस आयुक्त विनायक भोसले ने बताया, 'दोपहर करीब 12 बजे सैन्य अस्पताल से मौत की सूचना मिली। सदर थाना पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
IAF ने पोस्ट कर जताया शोक
वायुसेना ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'आईएएफ की आकाश गंगा स्काईडाइविंग टीम के एक पैरा जंप प्रशिक्षक की आज आगरा में डेमो ड्रॉप के दौरान लगी चोटों के कारण मृत्यु हो गई। वायुसेना इस क्षति पर गहरा शोक व्यक्त करती है और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करती है तथा दुख की इस घड़ी में उनके साथ मजबूती से खड़ी है।'
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अखिलेश यादव ने जताया दुख
वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना पर दुख जताते हुए एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “पहले गुजरात के जामनगर में एक फाइटर जेट के क्रैश होने से एक फ्लाइट लेफ्टिनेंट की मृत्यु और अब आगरा में पैराशूट न खुलने से एक वायु सेना के अफसर की मृत्यु का समाचार बेहद दुखदायी है।” उन्होंने आगे कहा, “सुरक्षा से समझौता प्राणघातक साबित होता है। इन मामलों में हर स्तर पर गुणवत्ता की गहन-गंभीर जांच हो, जिससे भविष्य में ऐसे दुर्घटनाओं का दोहराव न हो। श्रद्धाजंलि!”
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रामकुमार तिवारी के बारे में जानिए
वारंट ऑफिसर रामकुमार तिवारी ने 2002 में वायुसेना भर्ती हुए थे। उनकी पहली पोस्टिंग पठानकोट में हुई थी। 2009 से आगरा एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात थे। वहां वे जवानों को जंप की ट्रेनिंग देने का काम कर रहे थे। रामकुमार तिवारी आगरा में पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते थे। परिवार में पत्नी प्रीति तिवारी और दो बेटे यश (14) और कुश (10) हैं। अफसर के पिता रमाशंकर तिवारी और मां उर्मिला प्रतापगढ़ में रहते हैं।
रामकुमार तिवारी के बड़े भाई विनय तिवारी ऑस्ट्रेलिया में अपने परिवार के साथ रहते हैं। एक निजी कंपनी में काम करते हैं। छोटे भाई श्याम कुमार तिवारी लखनऊ हाईकोर्ट में वकील हैं। वहीं अपने परिवार के साथ रहते हैं। रामकुमार तिवारी 7 दिन पहले ही अपने गांव गए थे। यहां परिजनों के साथ समय बिताया था।
वारंट ऑफिसर रामकुमार ने एमएस धोनी को दी थी ट्रेनिंग
शहीद रामकुमार के भाई श्याम कुमार तिवारी ने कहा - मैं उसको मन करता था कि जंप क्यों करते हो। इस पर कहता था- सब ऐसे घर बैठ जाएंगे, तो देश के लिए कौन लड़ेगा। अभी मॉरीशस से मेडल जीतकर आया था। मेरे भाई ने देश के लिए शहादत दी है। उस पर मुझे गर्व है। मेरा भाई एनएसजी का बहादुर कमांडो था, जो पैराशूट से कूदने की ट्रेनिंग देता था। उसने खुद क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी को भी प्रशिक्षण दिया था। बहादुरी के लिए प्रधानमंत्री की ओर से भी उसे सम्मानित किया गया था। वह निडर था और मौत से कभी नहीं डरता था। उसका बलिदान न सिर्फ हमारे परिवार के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 6 April 2025 at 13:03 IST