अपडेटेड August 30th 2024, 22:44 IST
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आदमखोर भेड़ियों का आतंक सिर चढ़कर बोल रहा है। गांव में शाम होते ही डरावनी स्थिति बन जाती है। लोग अपने घरों में दुबक जाते हैं खिड़की दरवाजे बंद करन के बाद भी बाहर लोगों का पहरा होता है कहीं भेड़िया न आ जाए। अब तक भेड़िए के झुंड ने 8 बच्चों सहित कुल 9 लोगों को अपना शिकार बनाया है, जबकि कई लोग इस भेड़िए के झुंड के हमले से घायल हुए हैं। आखिर भेड़िया नरभक्षी कैसे बन गया? ये सवाल हर किसी के दिमाग में चुभ रहा है। ये कहानी भी फिल्मी है। आइए आपको बताते हैं कि भेड़िए नरभक्षी कैसे बने?
बहराइच जिले में भेड़िए के हमले को लेकर जब वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि स्थानीय इलाकों के खेतों में भेड़ियों के जो फुटप्रिंट मिले उससे एक बात साफ पता चलती है कि इसमें से एक भेड़िया लंगड़ा है। एक्सपर्ट ने बताया कि लंगड़ा होने की वजह से वो अपना शिकार नहीं कर पा रहा था। ऐसे में उसे आसान शिकार के तौर पर इंसानी बच्चे ज्यादा आसानी से मिल जाते थे। जिसकी वजह से उसने अपने शिकार के लिए इंसानी बच्चों की तलाश शुरू कर दी। अब बड़ा सवाल ये है कि भेड़ियों के झुंड ने बहराइच के इस खास इलाके को टारगेट क्यों किया तो उसकी पीछे की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है।
बहराइच में भेड़िए का बदला फोटो - Pixabay
बहराइच के तराइन इलाके में लंगड़ा भेड़िया और उसके साथ कई भेड़ियों का झुंड रहता था। लंगड़े भेड़िये को स्थानीय लोगों ने भी देखा था वो कभी किसी इंसान को अपना टारगेट नहीं बनाता था। स्थानीय लोगों ने बताया कि लंगड़ा भेड़िया कद काठी में काफी बड़ा और मजबूत था बाकी सब भेड़िए कुछ छोटे आकार के थे। लंगड़ा भेड़िया और उसके साथी आदमखोर कैसे बने इसके पीछे एक बड़ी घटना है। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो एक बार भेड़िए की मांद में कुछ लोगों ने घुसकर लंगड़े भेड़िए के बच्चे की लाठी डंडों से पीटकर हत्या कर दी। फिर इसके बाद लंगड़े भेड़िए ने अपनी सूंघने की शक्ति से उसके बच्चे को मारने वाले लोगों को पहचान लिया। इन लोगों की पहचान के लिए उसने पूरे गांव का मुआयना किया और चुन-चुन कर अपने दुश्मनों से बदला लिया।
लंगड़ा भेड़िए ने अपने मुआयने के दौरान दीवानपुरवा से लेकर सिसैया चूड़ामणि तक के रहने वाले गांव के लोगों को चिन्हित किया। इसी इलाके में वो लोग भी रहते थे जिन्होंने लंगड़ा भेड़िए के बच्चे की हत्या की थी। अब लंगड़ा भेड़िए ने ये ठान लिया कि वो उन इंसानों से बदला लेकर रहेगा जिन्होंने उसके बच्चे की हत्या की थी। इसके लिए उसने कई भेड़ियों को अपने झुंड में शामिल किया और अपने बदले का अभियान शुरू कर दिया। इस अभियान में लंगड़ा भेड़िया और उसके सहयोगियों ने एक-एक करके आठ मासूमों सहित कुल 9 लोगों की बेरहमी से हत्या कर अपना निवाला बनाया। इस दौरान भेड़िए के हमले से इलाके के कम से कम 50 लोग घायल भी हो गए।
लंगड़े भेड़िए के हमले से बहराइच में दहशत का माहौल फोटो- Pixabay
लंगड़े भेड़िए के भीतर बदले की आग इस तरह से धधक उठी थी कि उसके झुंड ने दो महिलाओं को भी मार दिया, कहा जाता है कि भेड़िए समूह में रहते हैं, परिवार जैसा इनका माहौल होता है, घात लगाकर इकट्ठा होकर शिकार करते हैं और सभी मिलकर खाते हैं व मिलकर ही रहते हैं, उनके समूह का एक भी साथी बिछड़ जाए या मार दिया जाए व पकड़ लिया जाए तो वह पागल हो जाते हैं, खूंखार हो जाते हैं। लंगड़ा भेड़िए की भी कहानी कुछ इसी तरह की है। जब अपने बच्चे का बदला इंसानों से ले रहा है, हालांकि उसके ग्रुप के चार खूंखार भेड़िये पकड़े जा चुके हैं, एक की मौत हो गई है और तीन जिंदा अलग-अलग जगह पर भेजे जा चुके हैं, जिसके कारण लंगड़ा भेड़िया और उसके साथी पागल व खूंखार नरभक्षी बन गए हैं।
पब्लिश्ड August 30th 2024, 22:30 IST