अपडेटेड 1 December 2025 at 08:43 IST
'जब अंतरिक्ष में डर लगता था तो मैं...', ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने बताई हनुमान चालीसा और 'राम' नाम जप की ताकत
Group Captain Shubhanshu Shukla in Aligarh school: अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने छात्रों संग बातचीत के दौरान अंतरिक्ष से जुड़े तमाम अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष में सबसे बड़ी चुनौती डर पर विजय पाना है और इसमें कैसे उन्हें हनुमान चालीसा से मदद मिली।
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Astronaut Shubhanshu Shukla: अंतरिक्ष यात्री और भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला हाल ही में बच्चों संग अंतरिक्ष मिशन के अनुभव साझा करते नजर आए। इस दौरान उन्होंने 'हनुमान चालीसा' और भगवान राम के नाम की ताकत बताई। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे अंतरिक्ष में डर लगने पर इनसे उन्हें मदद मिली।
शुभांशु शुक्ला हाल ही में अलीगढ़ के संत फिदेलिस सीनियर सेकेंडरी स्कूल के कार्यक्रम में शामिल हुए, जहां उनका जोरदार स्वागत हुआ। यहां उन्होंने छात्रों संग बातचीत की, उनके सवालों के जवाब दिए और अंतरिक्ष मिशन से जुड़े अपने एक्सपीरियंस भी बताए।
बच्ची के सवाल पर शुभांशु शुक्ला ने दिया जवाब
बातचीत के दौरान पांचवीं क्लास की एक छात्रा अनन्या सिंह ने उनसे सवाल किया कि अंतरिक्ष में वो कैसे शांत बने रहे? इस पर ग्रुप कैप्टन ने कहा, "मुझे यह प्रेरणा मिली कि 'कभी हार मत मानो', जिंदगी गुलजार है, जिंदगी में सब अच्छा होता है। मैं एक IAS ऑफिसर बनना चाहता हूं। मुझे बहुत अच्छा लगा कि इतना बड़ा ऑफिसर उनके स्कूल में आया।"
‘हनुमान चालीसा से बहुत मदद मिली’
उन्होंने कहा, "बहुत बार ऐसा होता है जब डर आता है, हनुमान चालीसा आपकी बहुत मदद करती है। मैं वहां 'राम-राम-राम' जप रहा था, जिसने मुझे बहुत शक्ति दी।" उन्होंने कहा कि जप से उन्हें ध्यान केंद्रित करने और चिंता पर काबू पाने में मदद मिली।
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अपनी बात समझाते हुए उन्होंने एक उदाहरण दिया और कहा कि, "कल आपका एग्जाम है और आपने अभी तक कुछ नहीं पढ़ा। आपके पास दो रास्ते होते हैं या तो डर जाओ और कल तक का समय खराब कर दो, या जो समय बचा है उसमें तैयार कर लो। ध्यान हमेशा इस पर होना चाहिए कि अभी आप क्या कर सकते हो। अगर आप यह करोगे तो डर नहीं लगेगा।"
जून महीने में 18 दिनों तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में रहने के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला धरती पर वापस लौट आए। वे 25 जून को अपने साथियों के साथ अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरे थे और वहां 18 दिनों तक रहकर, विभिन्न रिसर्च को करके वापस धरती पर 15 जुलाई को लौटे थे।
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Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 1 December 2025 at 08:43 IST