अपडेटेड 10 December 2025 at 14:05 IST

ट्रेन रुकते ही दल-बल के साथ घुसी पुलिस, बर्थ पर सो रहे UP के पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को उतारा; किस मामले में हुए गिरफ्तार?

उत्तर प्रदेश के पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को UP पुलिस ने लखनऊ से दिल्ली जाते समय पकड़ लिया। सादे कपड़ों में पुलिस वाले शाहजहांपुर में ट्रेन में चढ़े और उन्हें उतार लिया।

Follow : Google News Icon  
Amitabh Thakur
Amitabh Thakur | Image: ANI

उत्तर प्रदेश के पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को UP पुलिस ने लखनऊ से दिल्ली जाते समय पकड़ लिया। सादे कपड़ों में पुलिस वाले शाहजहांपुर में ट्रेन में चढ़े और उन्हें उतार लिया।

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले देवरिया में उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ था। सूत्रों के अनुसार, जांच में सहयोग न करने पर पुलिस ने कार्रवाई की है। अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी के X अकाउंट भी सस्पेंड कर दिए गए हैं।

अमिताभ ठाकुर कौन हैं?

अमिताभ ठाकुर 1992 बैच के IPS ऑफिसर हैं। ASP के तौर पर उनकी पहली पोस्टिंग गोरखपुर में हुई थी, उसके बाद पिथौरागढ़ में SP के तौर पर उनकी पहली पोस्टिंग हुई। उन्होंने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भी काम किया है। उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर एक सोशल एक्टिविस्ट हैं। 23 मार्च, 2021 को अमिताभ ठाकुर को गृह मंत्रालय ने रिटायर कर दिया था।

कैसे हुए गिरफ्तार?

अमिताभ ठाकुर उस वक्त दिल्ली के लिए सफर कर रहे थे, जब रात के करीब 1 बजकर 50 मिनट पर सादे कपड़ों में पुलिसवाले ट्रेन में चढ़े और उन्हें उतार लिया। शुरुआत में ये किडनैपिंग का मामला लगा। हालांकि, बाद में उनकी पत्नी नूतन ठाकुर को लखनऊ पुलिस ने फोन पर बताया कि अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया गया है।

Advertisement

क्या है 1999 देवरिया फ्रॉड केस?

राजाजीपुरम के संजय शर्मा की थाना तालकटोरा पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक, अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ने जिला उद्योग केंद्र देवरिया में इंडस्ट्रियल प्लॉट नंबर B-2 का अलॉटमेंट “नूतन देवी” नाम से, पति का नकली नाम “अभिजात/अभिताप ठाकुर” और बिहार के सीतामढ़ी में एक नकली पते का इस्तेमाल करके हासिल किया था। शिकायत में आरोप लगाया गया कि सरकारी विभागों को धोखा देने के लिए कई नकली डॉक्यूमेंट्स, जिसमें एप्लीकेशन फॉर्म, एफिडेविट, ट्रेजरी चालान और ट्रांसफर डीड शामिल हैं, बनाए गए थे।

पुलिस ने कहा कि उस समय जिला पुलिस चीफ के तौर पर अमिताभ ठाकुर ने कथित तौर पर धोखाधड़ी वाले अलॉटमेंट को आसान बनाने और बचाने के लिए अपने ऑफिशियल पद का गलत इस्तेमाल किया। बाद में कपल की असली पहचान का इस्तेमाल करके प्लॉट बेच दिया गया, जिससे सरकारी डिपार्टमेंट, बैंक और दूसरे स्टेकहोल्डर सालों तक धोखा खाते रहे। शिकायत के आधार पर, 12 सितंबर, 2025 को तालकटोरा पुलिस स्टेशन में IPC सेक्शन 419, 420, 467, 468, 471, 34 और 120-B के तहत FIR दर्ज की गई।

Advertisement

ये भी पढ़ेंः UNESCO ने दी बड़ी खुशखबरी, दीपावली को घोषित किया अमूर्त धरोहर

Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 10 December 2025 at 13:54 IST