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Published 00:01 IST, August 28th 2024

11 टीम, 200 कर्मचारी, MLA की राइफल लोड! बहराइच में आदमखोर भेड़ियों की दहशत, टोलियों में लग रही गश्त

प्रशासन ने आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने के लिए 11 टीम लगाई हैं। जिनमें 200 कर्मचारी और 3 अफसर हैं। सब इंतजामों के बाद भी भेड़िये गच्चा देकर शिकार बना रहे हैं।

Reported by: Sagar Singh
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Bahraich wolves terror
बहराइच में आदमखोर भेड़ियों की दहशत, टोलियों में लग रही गश्त | Image: Republic

UP News: उत्तर प्रदेश के बहराइच में आदमखोर भेड़ियों की वजह से दर्जनों गांवों के लोग डर के साए में जी रहे हैं। आदमखोर भेड़ियों का आतंक एक महीने से जारी है। लोग टोलियों में दिन-रात गश्त कर पहरा दे रहे हैं। भेड़ियों ने अब तक 9 लोगों को अपना शिकार बनाया और 45 लोग उनके हमले में घायल हैं। इलाके में एक के बाद एक हो रही मौतों से लोग दहशत में हैं।

प्रशासन ने आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने के लिए 11 टीम लगाई हैं। जिनमें 200 कर्मचारी और 3 अफसर हैं। पुलिस, प्रशासन, वन विभाग और बीजेपी के स्थानीय विधायक सुरेश्वर सिंह अपनी राइफल लोड कर घूम रहे हैं। DM ने लोगों को घर के बाहर ना सोने का आदेश दिया है। इन सब इंतजामों के बाद भी भेड़िये गच्चा देकर लोगों को शिकार बना रहे हैं। करीब 34 गांवों के लोग पूरी तरीके से दहशत भरी जिंदगी जीने पर मजबूर है।

ड्रोन कैमरे रख रहे नजर

बहराइच का वन विभाग भेड़ियों के हमले में 5 बच्चों की मौत बता रहा है, लेकिन ग्रामीणों के हिसाब से आंकड़ा ज्यादा है। भड़िये बेखौफ होकर खेतों में ही नहीं रिहायशी इलाकों में भी घूमते दिखाई दिए हैं। लोगों में खौफ है, बच्चे हो या बुजुर्ग सब डरे हुए हैं। क्योंकि कब आदमखोर भेड़िये किसी को अपना शिकार बना ले किसी को नहीं पता। यही वजह है कि इन आदमखोर भेड़ियों की दहशत की वजह से लोग दिन रात पहरा दे रहे हैं। आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग की कई टीमें ड्रोन कैमरे से भेड़ियों का पता लगाने में जुटी हैं और लगातार कांबिंग की जा रही है। बहराइच में आदमखोर भेड़ियों के हमलों का मामला लखनऊ तक पहुंच गया है। सीएम योगी ने स्थानीय विधायक सुरेश्वर सिंह से बात की और हर संभव मदद का भरोसा दिया है।

हाथी के मल और मूत्र का इस्तेमाल

भेड़ियों को रिहायशी इलाकों से दूर भगाने के लिए वन विभाग के विशेषज्ञ हाथियों के मल और मूत्र का इस्तेमाल कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि हाथियों के मल और मूत्र की गंध से उनकी मौजूदगी का भ्रम बनता है और भेड़िये दूर भाग जाते हैं। भेड़ियों को पकड़ने के लिए विशेष रूप से बाराबंकी के DFO आकाशदीप बधावन को जिम्‍मेदारी दी गयी है। बधावन ने कहा-

'हाई फ्रीक्वेंसी ड्रोन कैमरों से छह भेड़ियों को चिन्हित किया गया था जिनमें से तीन भेड़िए पहले ही पकड़े जा चुके हैं और बचे हुए तीन भेड़ियों को पकड़ने की कवायद जारी है। हमारा पहला मकसद इन भेड़ियों से गांव के लोगों को सुरक्षित करना है। इसके लिए हमने पहले इन्हें रिहायशी बस्तियों से दूर ले जाने की रणनीति बनाई है। इससे भेड़ियों को हाथी की मौजूदगी का भ्रम होगा। भेड़िए झुंड में शिकार करते हैं और इन्हें पैक हंटर्स कहा जाता है, लेकिन वह हाथी जैसे बड़े जानवरों से बचते भी हैं। हम इस गंध से हाथियों की मौजूदगी का भ्रम बनाकर इन्हें रिहायशी इलाकों से दूर सुनसान स्थान पर ले जाने की कोशिश में हैं।'

बकरी को बनाया चारा

DFO आकाशदीप बधावन ने बताया कि 'सुनसान इलाकों में हमने चारे के रूप में बकरी के साथ पिंजरे लगाए हैं। ड्रोन की मदद से भेड़ियों की निगरानी कर रिहायशी बस्ती से बाहर रोका जा रहा है।' स्थानीय विधायक सुरेश्वर सिंह भी दो रात से गश्त में शामिल होकर गांव-गांव चौपालें लगाकर लोगों का हौसला बढ़ा रहे हैं और बच्चों को घर के भीतर सोने और ग्रामीणों को टोलियों में गश्त करने की सलाह दे रहे हैं।

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Updated 00:01 IST, August 28th 2024