अपडेटेड 2 March 2025 at 14:27 IST

बसपा चीफ मायावती का सबसे बड़ा एक्शन, अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटाया

बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे, जिन्हें कुछ समय पहले अपने उत्तराधिकारी के तौर पर पेश किया था, अब उन्हें पार्टी के ही सभी पदों से हटा दिया है।

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BSP chief Mayawati with nephew Akash Anand
मायावती और आकाश आनंद | Image: Samajwadi Party

Mayawati : बसपा सुप्रीमो मायावती ने बहुत बड़ा एक्शन लिया है। इस एक्शन से बहुजन समाज पार्टी के भीतर पारवारिक बिखराव स्पष्ट दिखाई दे रहा है। मायावती ने अपने भतीजे, जिन्हें कुछ समय पहले अपने उत्तराधिकारी के तौर पर पेश किया था, अब उन्हें पार्टी के ही सभी पदों से हटा दिया है। अब आकाश आनंद बसपा में किसी भी पद पर नहीं रहेंगे। इसके साथ ही मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया है।

बहुजन समाज पार्टी में आकाश आनंद राष्ट्रीय सचिव के पद पर थे। आकाश आनंद बसपा में मायावती के बाद प्रबल राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाते रहे हैं। हालांकि रविवार को मायावती ने बड़ा फैसला लिया, जिसमें आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटाने का फरमान था। मायावती ने फैसले को पार्टी के हित में बताया है। लखनऊ में बसपा के सभी पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद मायावती ने आकाश आनंद को हटाने का आदेश जारी किया।

मायावती ने लिए महत्वपूर्ण फैसले

मायावती ने प्रेस विज्ञप्ति के जरिए जानकारी दी कि पार्टी और मूवमेंट के हित में संगठन से संबंधित अतिमहत्वपूर्ण फैसले लिए गए, जिसके तहत आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटाकर अलग कर दिया गया है। विज्ञप्ति के मुताबिक, मायावती ने आनंद कुमार और रामजी गौतम को पूरे देश के लिए पार्टी का नेशनल कोऑर्डिनेटर बना दिया गया है।

पहले आकाश आनंद के ससुर को पार्टी से निकाला

अपने भतीजे से मायावती की नाराजगी की अटकलें उसी समय लग रही थीं, जब आकाश आनंद के ससुर को पार्टी के बाहर का रास्ता दिखाया गया। मायावती ने रिश्ते-नातों के महत्व से हटकर आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ और करीबी नितिन सिंह को बसपा से निकाला। उसके बाद मायवती ने अपने उत्तराधिकारी को लेकर शर्तें तय की थीं, जिसमें आकाश आनंद के लिए भी अल्टीमेटम था। उत्तराधिकारी को लेकर कुछ कड़े इम्तिहान तय करना आकाश आनंद के लिए एक अल्टीमेटम माना गया था।

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मायावती ने उत्तराधिकारी के लिए रखी थीं शर्तें

कुछ दिन पहले मायावती ने अपने उत्तराधिकारी को लेकर शर्तें रखी थीं। उन्होंने 'X' पर किए पोस्ट में लिखा था- 'कांशीराम की तरह ही मेरे जीते जी भी पार्टी और मूवमेंट का कोई भी वास्तविक उत्तराधिकारी तभी जब वो भी कांशीराम के अंतिम सांस तक उनकी शिष्या की तरह पार्टी और मूवमेंट को हर दुख-तकलीफ उठाकर उसे आगे बढ़ाने में पूरे जी-जान से लगातार लगा रहे।  साथ ही देशभर में बीएसपी के छोटे-बड़े सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को भी पार्टी प्रमुख की ओर से निर्देश, निर्धारित अनुशासन और दायित्व के प्रति पूरी निष्ठा और ईमानदारी से जवाबदेह होकर पूरे तन, मन, धन से लगातार काम करते रहना जरूरी है।'

अपनी शर्तों के साथ मायावती ने आखिर में लिखा था- ‘इसी जिम्मेदारी के साथ खासकर कैडर के बल पर जमीनी स्तर पर पार्टी संगठन की मजबूती और सर्वसमाज में जनाधार को बढ़ाने के साथ ही आगे भी हर चुनाव की तैयारी में पूरी दमदारी के साथ लगना है, ताकि बहुजन समाज की एकमात्र आशा की किरण बीएसपी को अपेक्षित और प्रतीक्षित सफलता मिल सके।’

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 2 March 2025 at 13:54 IST