अपडेटेड 12 September 2024 at 11:24 IST
'अखिलेश यादव मेरा फोन नहीं उठाते थे...' मायावती का बड़ा खुलासा; बताई सपा से गठबंधन तोड़ने की वजह
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बताया कि अखिलेश यादव उनकी पार्टी के नेताओं के फोन नहीं उठाते थे और इसी के चलते समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन टूटा।
- भारत
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Mayawati : उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन और उसके नेता अखिलेश यादव को लेकर बड़ा खुलासा किया है। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने बताया है कि अखिलेश यादव उनकी पार्टी के नेताओं के फोन नहीं उठाते थे और इसी के चलते समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन टूटा। मायावती ने अपनी बुकलेट में ये दावा किया है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुकलेट में लिखा- ‘2019 में अखिलेश यादव ने पुरानी सब बातों को भुलाकर बीजेपी को खासकर उत्तर प्रदेश में रोकने के लिए लोकसभा चुनाव में गठबंधन की बात कही। 2019 में बसपा और सपा का गठबंधन हुआ, लेकिन चुनाव नतीजों में बसपा को 10 और सपा को 5 सीट आने की वजह से फिर दुखी होकर बीएसपी से आगे संबंध बनाए रखना तो बहुत दूर, अखिलेश यादव ने मेरा और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का फोन उठाना तक बंद कर दिया था। इसकी वजह से तब फिर फिर पार्टी को अपने स्वाभिमान को बरकरार रखते हुए सपा से अलग होना पड़ा।’
'PDA को सपा से सावधान रहने की जरूर'
मायावती ने आगे लिखा- 'इस बार (2024) इन्होंने (अखिलेश यादव) लोकसभा के चुनावों में कांग्रेस के गठबंधन करके, संविधान और आरक्षण को बचाने की आड़ में पीडीए के लोगों को गुमराह करके काफी कुछ सफलता हासिल कर ली है। लेकिन इससे पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) के लोगों को कुछ हासिल नहीं होने वाला है। इसलिए अब इनको सपा से जरूर सावधान रहना है।'
कांग्रेस पर भी हमलावर हैं मायावती
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती पिछले कई दिनों से कांग्रेस पर भी हमलावर है। खासकर राहुल गांधी के आरक्षण पर दिए बयान के बाद मायावती के तल्ख तेवर देखे गए हैं। आरक्षण विवाद पर मायावती कहती हैं- 'राहुल गांधी के नाटक से सर्तक रहें, जिसमें उन्होंने विदेश में ये कहा है कि भारत जब बेहतर स्थिति में होगा तो हम SC, ST, OBC का आरक्षण खत्म कर देंगे। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस सालों से इनके आरक्षण को खत्म करने के षडयंत्र में लगी है।' बसपा सुप्रीमो ने लिखा कि, 'सत्ता में रहते हुए कांग्रेस की सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया और ना ही देश में जातीय जनगणना कराने वाली ये पार्टी अब इसकी आड़ में सत्ता में आने के सपने देख रही है। इनके इस नाटक से सचेत रहें जो आगे कभी भी जातीय जनगणना नहीं करा पाएगी।'
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Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 12 September 2024 at 11:24 IST