अपडेटेड 8 June 2024 at 11:43 IST
जिन्होंने राम भक्तों को गोलियों से भूना... बोलते-बोलते रोने लगे Ayodhya के संत, भावुक कर देगा VIDEO
Ayodhya Lok Sabha Election: अयोध्या यूपी की फैजाबाद लोकसभा सीट का हिस्सा है जहां से सपा के अवधेश प्रसाद ने बीजेपी के लल्लू सिंह को करीब 4000 वोटों से हराया।
- भारत
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Ayodhya: 22 जनवरी 2024, ये तारीख भारतीय इतिहास के लिए स्वर्णिम दिन रहा। अयोध्या में भगवान राम विराजमान हुए और पूरा देश राममय हो गया। जिस अयोध्या में खुशी की लहर दौड़ उठी थी आज उसी अयोध्या में मातम पसरा हुआ है। आलम ये है कि एक संत बोलते-बोलते फूट-फूटकर रोने लगा। जी हां, लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी की नेतृव वाली NDA जीत हासिल करने में तो कामयाब रही, लेकिन जिस राम मंदिर को मुद्दा बनाकर उन्होंने पूरे देश में चुनाव लड़ा, वहीं से उन्हें बड़ा झटका लगा। ये ठीक उसी तरह है कि भारत वर्ल्ड कप जीत जाए, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ उसे हार का सामना करना पड़े।
लोकसभा चुनाव में NDA को 294 सीटें मिली, लेकिन एक सीट हारने का दुख बहुत ज्यादा है। अयोध्या यूपी की फैजाबाद लोकसभा सीट का हिस्सा है जहां से समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने बीजेपी के लल्लू सिंह को करीब 4000 वोटों से हरा दिया। 4 जून को आए नतीजे के बाद से अयोध्या सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बीच एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जहां एक संत रामनगरी में बीजेपी की हार से इतना टूट गया कि मीडिया से बातचीत करते-करते रो पड़ा।
अयोध्या में हारी बीजेपी, रो पड़ा राम भक्त
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रही है जिसमें देख सकते हैं कि एक संत अयोध्या में बीजेपी की हार को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है। एएनआई से बातचीत के दौरान वो रोते-रोते अपना दिल की दास्तां को बयां कर रहा है।
संत दिवाकर आचार्य ने कहा, ''6 दिसंबर 1992 का वो कालिख जो रामभक्तों ने पूरे देश से आकर अयोध्या में विध्वंस कर दिया थे, लेकिन राम मंदिर बनने के बाद जो ये कालिख आयोध्या वासियों के सिर लगा है ये शायद हजारों साल तक ना ध्वस्त हो। ये जीवन पर अयोध्या का हिंदू अपने मस्तक पर लेकर घूमेगा और नमक हराम की तरह देखा जाएगा। जिसने राम मंदिर को बनाया उसे ही अयोध्या ने हरा देने का काम किया है।''
अयोध्या में लीला बिहारी मंदिर के संत दिवाकर आचार्य ने आगे कहा, ''ये संपर्ण हिंदुओं के लिए इससे ज्यादा दुख की बात और कुछ नहीं हो सकती है। जब प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या में आते थे तो ऐसा लगता था जैसे आसपास के विधायक या सांसद हैं, ऐसा कभी लगा ही नहीं कि वो प्रधानमंत्री हैं। अयोध्या के लोग कैसे भूल सकते हैं 90 के दशक की वो शाम जब लाखों की संख्या में राम भक्तों को, साधु संतों को यहां गोलियों से भून दिया और उन्हीं को जीता दिया (रोते हुए)। ये कह पाना बहुत दुखद है। पिछले दो दिनों से मुझसे ना बोला जा रहा है और ना ही मुझे नींद आ रही है।''
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Published By : Ritesh Kumar
पब्लिश्ड 8 June 2024 at 11:43 IST