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अपडेटेड 17 January 2025 at 16:31 IST

UP: बरेली में पाकिस्तानी महिला को मिली सरकारी नौकरी, 9 साल तक लेती रही तनख्वाह; आखिर कैसे?

पाकिस्तानी महिला शुमायला खान 9 साल से प्राथमिक विद्यालय माधोपुर में नौकरी कर रही थी। जांच में जब पता चला उसने जो प्रमाण पत्र जमा किए हैं, वो फर्जी हैं।

Reported by: Digital Desk
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पाकिस्तानी महिला को मिली सरकारी नौकरी | Image: Republic

UP News: उत्तर प्रदेश के बरेली में एक पाकिस्तानी महिला ने शिक्षा विभाग की आंखों में ऐसी धूल झोंकी कि अब पूरे विभाग में हड़कंप मचा है। फर्जी दस्तावेज के दम पर पाकिस्तानी महिला 9 साल तक सरकारी टीचर की नौकरी करती रही और सैलरी लेती रही। इस फर्जीवाड़े पर किसी को भरोसा नहीं हो रहा है। मामले का खुलासा होने के बाद पाकिस्तान की रहने वाली शुमायला खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

ये पूरा मामला जिले के फतेहगंज पश्चिमी थाना इलाके का है। जहां फर्जी प्रमाणपत्र के जरिये बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक की नौकरी हासिल करने वाली पाकिस्तानी महिला के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। बरेली के अपर पुलिस अधीक्षक (उत्तरी) मुकेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी, फतेहगंज पश्चिमी ने थाना फतेहगंज पश्चिमी में शुमायला खान के खिलाफ धोखाधड़ी और दस्तावेजों में हेराफेरी के आरोप में FIR दर्ज कराई है। शुमायला खान पर फर्जी प्रमाण-पत्रों के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग में सरकारी प्राथमिक विद्यालय माधौपुर में सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी हासिल करने का आरोप है।

मां-बाप पाकिस्तानी नागरिक

शुमायला खान 9 सालों तक प्राथमिक विद्यालय माधोपुर में नौकरी करती रही। जांच में जब पता चला उसने जो निवास प्रमाण पत्र जमा किया है, वो फर्जी है। एक शिकायत पर जांच कर रही स्थानीय खुफिया इकाई (LIU) की टीम ने जांच में पाया कि शुमायला खान के माता-पिता पाकिस्तानी नागरिक हैं। इस शुमायला खान ने नियुक्ति के दौरान सदर उप जिलाधिकारी, रामपुर के कार्यालय से जारी निवास प्रमाण पत्र दिया था। अब उप जिलाधिकारी सदर, रामपुर ने ही जांच रिपोर्ट दी है कि शुमायला खान वास्तव में पाकिस्तानी नागरिक हैं। उन्होंने तथ्यों को छिपाते हुए नौकरी हासिल की थी।

2015 में हुई नियुक्ति

फतेहगंज पश्चिमी के खंड शिक्षा अधिकारी भानु शंकर ने बताया कि शुमायला खान पर आरोप है कि फर्जी दस्तावेजों से 2015 में प्राथमिक विद्यालय माधौपुर में सहायक अध्यापक के पद पर उनकी नियुक्ति की गई थी। उन्होंने बताया कि इस नियुक्ति के लिए शुमायला ने जो प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए थे, उनकी सत्यता पर सवाल उठे। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि निवास प्रमाण पत्र तथ्यों को छुपाकर बनाया गया था।

जांच के दौरान उप जिलाधिकारी सदर, रामपुर की रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि शुमायला खान ने गलत जानकारी देकर सामान्य निवास प्रमाण पत्र बनवाया। इस आधार पर, उनका प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया। इसके अलावा, शिक्षा विभाग ने कई बार संबंधित शिक्षिका से स्पष्टीकरण मांगा और हर बार पुष्टि हुई कि प्रमाण पत्र फर्जी हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 3 अक्तूबर, 2024 को शुमायला खान को निलंबित कर दिया। इसके बाद, उन्हें नियुक्ति तिथि से पद से भी हटा दिया गया। फतेहगंज पश्चिमी के खंड शिक्षा अधिकारी भानु शंकर ने इस मामले में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के आदेश पर मुकदमा थाना फतेहगंज पश्चिमी में दर्ज करवाया है।

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पब्लिश्ड 17 January 2025 at 16:31 IST